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80 करोड़ की डीएमएफ की सड़कें एक साल बाद भी अधूरी
डिजिटल डेस्क सिंगरौली (वैढऩ)। जिले के सबसे पिछड़े क्षेत्र बगदरा में सडक़ों का जाल बिछाने के लिये जनप्रतिनिधियों और नेताओं ने करीब डेढ़ वर्ष पहले एक मुहिम चलाई थी। इस मुहिम का परिणाम यह हुआ कि तत्कालीन कलेक्टर ने बगदरा क्षेत्र सहित जिले के पहुंच विहीन ग्रामीण अंचल में सडक़ों का जाल बिछाने की योजना बनायी थी। वर्ष 2016 के अंत और वर्ष 2017 के प्रारंभ में करीब 16 सडक़ों को 80 करोड़ से अधिक राशि से बनवाने का निर्णय लिया गया। जिसकी जिम्मेदारी प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ योजना की पीआईयू-1 एवं 2 को सौंपी गयी। टेंडर प्रक्रिया के बाद निर्माण कार्य भी धूमधाम से प्रारंभ हुआ और प्रभारी मंत्री को वर्ष 2017 के प्रारंभ में बुलाकर भूमिपूजन कराया गया। अभी सभी सडक़ों में थोड़ा-थोड़ा काम हुआ था कि ठेकेदार के द्वारा निर्माण कार्य बंद कर दिया गया। बताया जाता है कि तभी से अभी तक काम बंद है जबकि पूरा वर्ष निकल गया। यदि बारिश का सीजन छोड़ भी दें तो अब तक इन सडक़ों का आधा-अधूरा काम तो हो ही जाना चाहिये था, क्योंकि ये सडक़ें काफी लम्बी हैं। यदि ठेकेदार चाहता तो कई सडक़ें पूरी भी हो सकती थीं। लेकिन जब काम ही नहीं होगा तो सडक़ें कैसे पूरी होंगी? पिछली जिला योजना समिति की बैठक में प्रभारी मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने इन सडक़ों की प्रगति की जानकारी ली थी। जब उनको पता चला कि काम ही नहीं हो रहा है तो उन्होंने टेंडर निरस्त करके दोबारा कराने का मशवरा कलेक्टर अनुराग चौधरी को दिया था। लेकिन श्री चौधरी ने आश्वस्त किया था कि वह शीघ्र ही निर्माण कार्य प्रारंभ कराकर सडक़ों को पूरा करायेंगे। इसके बावजूद आज भी स्थिति में कोई परिवर्तन नहीं हुआ है।
चुनाव तक भी नहीं बन पायेंगी सडक़ें
जिस रफ्तार से काम चल रहा है उससे तो नवंबर दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव तक भी इन सडक़ों के बन पाने की संभावना खत्म हो गयी है। क्योंकि यह ठेकेदार तो काम कराने से रहा, उसने 10 फीसदी बिलो रेट में यह काम लिया है जबकि प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक़ योजना में अधिकांश कार्य 10 फीसदी एबब रेट पर कराये जाते हैं। अब जिले के जो नेता इन सडक़ों को अपने खाते में जोड़ रहे थे, वह क्या जवाब देंगे कि सडक़ें क्यों नहीं बन पायीं। लेकिन अभी तक किसी नेता ने भी इस संबंध में बात नहीं की है। यदि बगदरा क्षेत्र की ये सडक़ें बन जातीं तो निश्चित तौर पर जिले के दर्जनों गांव सडक़ मार्ग से जुड़ जाते।
Created On :   9 Jan 2018 1:53 PM IST