कोविड-19 मरीजों का ईलाज कर रहे चिकित्सकों व पैरा-मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा भी सुनिश्चित होः मुख्यमंत्री

Safety of doctors and para-medical staff treating Kovid-19 patients should also be ensured: Chief Minister
कोविड-19 मरीजों का ईलाज कर रहे चिकित्सकों व पैरा-मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा भी सुनिश्चित होः मुख्यमंत्री
कोविड-19 मरीजों का ईलाज कर रहे चिकित्सकों व पैरा-मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा भी सुनिश्चित होः मुख्यमंत्री

डिजिटल डेस्क, शिमला। 1st September 2020 कोविड-19 मरीजों का ईलाज कर रहे चिकित्सकों व पैरा-मेडिकल स्टाफ की सुरक्षा भी सुनिश्चित होः मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपायुक्तों, पुलिस अधीक्षकों, मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को संबोधित करते हुए यह सुनिश्चित बनाने के निर्देश दिए कि कोविड-19 मरीजों के ईलाज में शामिल चिकित्सक और पैरामेडिकल स्टाफ खुद भी संक्रमण से बचने के लिए सुरक्षा के सम्पूर्ण उपाय अपनाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि लक्षण रहित रोगियों को होम आइसोलेशन में रखा जाना चाहिए। स्वास्थ्य कर्मियों को नियमित रूप से ऐसे रोगियों की स्वास्थ्य जांच करनी चाहिए। चिकित्सकों और अन्य पैरामेडिकल स्टाफ को बेहतर क्वारंटीन सुविधा भी प्रदान की जानी चाहिए। औद्योगिक ईकाइयों को अपने कर्मचारियों की कुल संख्या के न्यूनतम 10 प्रतिशत के साथ अपनी क्वारंटीन सुविधाएं उपलब्ध करवानी चाहिए। छोटी औद्यागिक ईकाइयों को पूल के माध्यम से इस प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। जय राम ठाकुर ने कहा कि अब तक 2 लाख 14 हजार 182 लोगों का कोरोना संक्रमण परीक्षण किया गया है जिनमें से 6 हजार 116 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। उन्होंने कहा कि 267.7 प्रति लाख राष्ट्रीय औसत की तुलना में हिमाचल प्रदेश में कोरोना के प्रति लाख 87.3 मामले हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कोविड-19 के प्रति सौ मामलों में 0.58 मृत्यु दर है जो राष्ट्रीय औसत प्रति सौ मामलों में 1.7 की तुलना में कम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र सरकार ने कोविड-19 महामारी से प्रभावी तरीके से लड़ने के लिए राज्य को 500 वेंटिलेटरस, 1.60 लाख पीपीई किट और 3 लाख एन-95 मास्क प्रदान किए हैं। मरीजों के सहायक और विद्यार्थी/परीक्षार्थी जिन्हें प्रतियोगी परीक्षाओं के कारण प्रदेश में आवागमन करने की आवश्यकता है, उन्हें क्वारंटीन नियमों से छूट की सुविधा प्रदान की जाएगी बशर्ते वे 72 घण्टों के भीतर वापस राज्य में प्रवेश करते हैं। जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार जल्द ही राज्य में मंदिरों को खोलने पर विचार कर रही है, जिसके लिए श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए शीघ्र ही एसओपी तैयार की जाएगी। राज्य में प्रवेश प्रक्रिया सरल बनाने के लिए उपायुक्तों को निर्देशित किया गया है, परन्तु साथ ही ई-पास की प्रक्रिया प्रदेश में लागू रहेगी। उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि कोविड-19 महामारी के कारण राज्य की विकास गति प्रभावित न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार बरसात के मौसम में कोरोना वायरस का जीवनकाल बढ़ जाता है, इसलिए इस महामारी से बचने के लिए और अधिक सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। कोरोना योद्धा जैसे चिकित्सक, पैरा-मेडिकल स्टाफ, पुलिस तथा स्वास्थ्य कर्मियों में इस वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाने चाहिए। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डा. राजीव सैजल ने कहा कि परीक्षण सुविधाओं पर और अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के मामलों में गिरावट लोगों की सक्रिय सहभागीदारी और सामाजिक दूरी, फेस मास्क तथा सेनिटाइजर के उपयोग बारे जागरूकता से प्राप्त हो सकती है। उन्होंने कहा कि चिकित्सक तथा अन्य पैरा-मेडिकल स्टाफ के लिए पर्याप्त क्वारंटीन सुविधा प्रदान करना जरूरी है। मुख्य सचिव अनिल खाची, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह मनोज कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव स्वास्थ्य आर.डी. धीमान, प्रधान सचिव जे.सी. शर्मा व ओंकार शर्मा, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अशोक तिवारी, विशेष सचिव डी.सी. राणा तथा अन्य अधिकारी बैठक में उपस्थित थे। .0.sta

Created On :   2 Sep 2020 10:07 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story