CM की घोषणा के बाद भी श्रमिकों को वितरित नहीं हुए जूते और चप्पल

Shoes and water bottles are still not distributed to labors, even after the announcement of CM
CM की घोषणा के बाद भी श्रमिकों को वितरित नहीं हुए जूते और चप्पल
CM की घोषणा के बाद भी श्रमिकों को वितरित नहीं हुए जूते और चप्पल

डिजिटल डेस्क, सिंगरौली (बैढ़न)। वन विभाग के अफसरों की लापरवाही से प्रदेश के मुख्यमंत्री की घोषणा अधूरी रह गई है। दरअसल 19 अप्रैल को तेंदूपत्ता संग्राहक सम्मेलन सरई में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने श्रमिक महिला-पुरूषों को चप्पल, पानी की बोतल और साड़ी का वितरण किए जाने की मंच से घोषणा थी। लेकिन तुड़ाई का सीजन खत्म होने के बाद भी श्रमिकों को सौगात नहीं मिल पाई है। समितियों के कर्ताधर्ता सामाग्री के लिए डीएफओ कार्यालय का चक्कर कटाने के लिए मजबूर हैं।

सम्मेलन में सीएम ने अपनी मंशा जाहिर करते हुए कहा था कि तेंदूपत्ता की तुड़ाई के दौरान संग्राहकों के पैर में कांटे नहीं चुभें और श्रमिकों के कंठ प्यासे नहीं रहें। इसके चलते चप्पल-जूते और पानी के बोतल का वितरण करने की घोषणा की थी। सीएम ने कहा था कि तेंदूपत्ता के संग्रहण का सीजन शुरू होने के पहले सामग्री हर हाल में वितरित हो जानी चाहिए। मुख्यमंत्री के साफ तौर आदेश के बाद भी घोषणा पर ग्रहण लगने  से जनता के बीच सरकार की किरकिरी हो रही है। मुख्यमंत्री की इस घोषणा का फायदा जिले में तेंदूपत्ता के 75 हजार 500 सौ श्रमिकों को मिलना था।

जंगलों में 15 जून से तुड़ाई बंद
तेंदूपत्ता संग्रहण नियमों के तहत जंगलों में 15 जून से पत्ते की तुड़ाई का काम बंद हो चुका है। जिले में इस वर्ष तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए 2 लाख 13 हजार मानक बोरा का लक्ष्य रखा गया था। जानकारों का कहना है कि सामग्री वितरित नहीं होने से इसका असर संग्रहण पर पड़ा है। श्रमिकों द्वारा रूचि नहीं लेने से जिले में 1 लाख 92 हजार मानक बोरा ही तेंदूपत्ता का संग्रहण हो पाया है।

इनका कहना है
सामग्री की खरीदी स्टेट लेबल से की जानी है। टेंडर भी भोपाल से हुआ है। सामग्री की जब सप्लाई हो जाएगी तब संग्राहकों को वितरित करा दिया जाएगा। इससे ज्यादा मैं कुछ नहीं बता सकता।
अखिलेश सिंह तिवारी, डीएफओ

Created On :   14 July 2018 8:17 AM GMT

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