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सिक्योरिटी की नौकरी जाने पर मार ली खुद को गोली - सुरक्षा एजेंसियों की कार्यशैली पर उठे सवाल

डिजिटल डेस्क सिंगरौली (वैढऩ)। 10-12 साल से प्राइवेट सुरक्षा एजेंसी में बतौर गनमैन नौकरी करने वाले एक व्यक्ति की जब नौकरी छिन गई, तो वह इस सदमे को बर्दाश्त नहीं कर पाया। पहले तो वह खुद को संभालते हुये नौकरी मिलने की आस में जहां-तहां भटकता रहा, लेकिन जब उसका प्रयास सफल नहीं हो पाया, तो उसने खुद की जीवनलीला समाप्त कर ली। यह दहला देने वाली घटना है नवानगर थाना क्षेत्र की। जहां सोमवार की सुबह अमलोरी के एलसीएल आवास क्रमांक 102 में रहने वाले कमला प्रसाद शाह पिता शंखलाल 38 वर्ष ने खुद को गोली मार ली। घटना सुबह करीब 5.30 बजे की है। जिसे लेकर पुलिस का कहना है कि गोली कमला प्रसाद के गाल पर कनपटी के बिल्कुल नीचे लगी है और प्रथम दृष्टया घटना स्थल की स्थितियों के मुताबिक उसने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली।
रूकी हुई पगार नहीं मिल पाने के कारण भी काफी परेशान था
पुलिस की पूछतांछ में भी यह बात स्पष्ट हुई है कि कमला प्रसाद ने यह कदम एनसीएल की प्राइवेट सुरक्षा एजेंसी की नौकरी खोने के सदमे में की है। वह नौकरी छिनने के बाद अक्सर घर पर अपनी बंदूक लिये बैठा रहता था। एक यह बात भी सामने आ रही है कि कमला प्रसाद फिर से सुरक्षा गार्ड की नौकरी पाने के साथ अपनी रूकी हुई पगार नहीं मिल पाने के कारण भी काफी परेशान था। ऐसे में जिस सुरक्षा एजेंसी में वह कार्य करता था वह भी संदेह के दायरे में आ रही है। हालांकि पुलिस ने मामले में मर्ग कायम कर इसे जांच में लिया है और जांच पूर्ण होने के बाद ही वास्तविकता स्पष्ट हो पायेगी। वहीं इस घटना के बाद से क्षेत्र में सनसनी का माहौल भी व्याप्त है। कमला प्रसाद के परिजनों के अनुसार उसका मानसिक रोग का इलाज रीवा से चल रहा था।
क्यों छिन गई थी नौकरी?
सूत्र बताते हैं कि निगाही खदान में सुरक्षा का कार्य कांट्रेक्ट पर करने वाली प्राइवेट सुरक्षा एजेंसी प्रकाश सिंह चौधरी में कमला प्रसाद मार्च 2019 तक बतौर गनमैन गार्ड की नौकरी किया था। कांट्रेक्ट बदलने के बाद दूसरी सुरक्षा एजेंसी आ गई और कमला प्रसाद को कार्य पर नहीं रखा गया। सूत्रों के अनुसार सुरक्षा एजेंसी का कार्य पेटी कांट्रेक्ट पर जिस व्यक्ति के पास है वही पहले वाली एजेंसी का कार्य भी पेटी कांट्रेक्ट पर करता था, जिसके द्वारा कमला प्रसाद को नौकरी पर नहीं रखा गया था।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।