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विज्ञान के शोध से समन्वय कर छोटी औद्योगिक इकाइयों का विस्तार किया जायेगा
डिजिटल डेस्क, रीवा। मध्यप्रदेश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के रिसर्च और विकास को सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम से जोड़कर छोटी इकाइयों का विस्तार किया जायेगा, जो देश के लिए भी मॉडल के रूप में प्रेरणा देगा। यह बात सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम एवं विज्ञान और प्रौद्योगिक मंत्री श्री ओमप्रकाश सखलेचा ने रविवार को संपन्न राउंड टेबिल कॉन्फरेंस के दौरान कही। मंत्री ने कहा कि कोविड-19 के कारण बाजार, उपभोक्ता, तकनीकी, विज्ञान आदि के व्यवहार में बदलाव अब दशकों तक रहेगा। उद्योगों की प्राथमिकता बदली है और सूक्ष्म, लघु तथा मध्यम उद्यम के लिए नये अवसर पैदा हुए हैं। उन्होंने कहा कि चीन के उत्पादों का चलन पूरी दुनिया में कम हुआ है और यही अवसर है जो हमे प्रधानमंत्री के संकल्प के साथ आत्मनिर्भर बनने का संदेश देता है। श्री सखलेचा ने कहा कि इस कान्फ्रेंस का उद्देश्य भी यही है कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी के समन्वय से नव उद्यमियों और नवीन इकाइयों के लिए हम पूरी तैयारी के साथ अभिभावक बनकर आगे आये। मंत्री ने कहा कि राज्य शासन से आग्रह किया है कि सीएसआर मद की राशि का कुछ हिस्सा विज्ञान, प्रौद्योगिकी के रिसर्च और विकास पर खर्च हो। उन्होंने कहा कि अब तकनीक बड़ी तेजी से बदल रही है और ऐसे में दुनिया से प्रतियोगिता शोध और विकास के माध्यम से ही की जा सकती है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में टेलेंट की कमी नहीं है, जरूरत है नये उद्यमियों को सही राह दिखाने की। उम्मीद है कि आगामी 6-8 माह में हम इस दिशा में सुनियोजित नीति अपनाकर चीन के उत्पादों के रिक्त स्थान को मध्यप्रदेश के उत्पादों से भरेंगे। उन्होंने कहा कि इकाइयों की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए हमें एक योजना पर काम करना होगा। विज्ञान भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री जयंत सहस्त्रबुद्धे ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के विचारों के अनुरूप देश में विकास के नये द्वार खोलने की अपेक्षा के साथ विज्ञान भारती उद्योगों के साथ समन्वय की भूमिका में है। उन्होंने कहा कि इस समन्वय से मध्यप्रदेश से देश को काफी योगदान मिलेगा।
Created On :   4 Nov 2020 3:49 PM IST