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सिंगरौली में न्यायिक मजिस्ट्रेट रहे महेन्द्र त्रिपाठी और उनके पुत्र की संदिग्ध मौत
डिजिटल डेस्क सिंगरौली (वैढऩ) । जिला न्यायालय में 2012 में पदस्थ रहे तत्कालीन न्यायिक मजिस्ट्रेट और वर्तमान समय में बैतूल में एडीजे महेन्द्र त्रिपाठी समेत उनके पुत्र अभियान राज त्रिपाठी की रविवार को संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है। उनके परिवार के सदस्य डॉ. संदीप शुक्ला ने बताया कि एडीजे श्री त्रिपाठी समेत परिवार के तीन लोगों को फूड प्वाइजनिंग की शिकायत पर नागपुर में दाखिल कराया गया था। उन्होंने बताया कि उपचार के दौरान एडीजे और उनके पुत्र की मौत हो गई है। जबकि भतीजे आशीष राज त्रिपाठी की हालात गंभीर बनी हुई है। नागपुुर में एडीजे की संदिग्ध मौत के बाद उनके पदस्थापना के दौरान किये गये फैसलों को लेकर भी कई तरह की आशंका जताई जा रही है। डॉ. शुक्ला ने बताया कि एडीजे की मौत के बाद नागपुर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने वैढऩ, अमरपाटन और बैतूल की पदस्थापना के दौरान किये गये चर्चित फैसलों से प्रभावित पक्षों की जानकारी मांगी गई है। उन्होंने बताया कि वैढऩ के जिला एवं सत्र न्यायाधीश से जांच कराये जाने के लिये हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र भेजा गया है। उन्होंने बताया कि एडीजे की मौत के संबंध में सिंगरौली के जिला मजिस्ट्रेट को भी अवगत करा दिया गया है। कानूनी जानकारों के मुताबिक सजायाफ्ता कैदियों की एक प्रति जिला प्रशासन को भेजी जाती है। इसके चलते एडीजे की मौत की बारीकी से जांच शुरू हो गई है।
मौत के बाद शरीर पड़ गया नीला
फूड प्वाइजनिंग की शिकायत पर नागपुर में उपचार के दौरान मौत होने के बाद एडीजे और उनके पुत्र का शरीर नीला पड़ गया है। उनके परिवार के सदस्य डॉ. शुक्ला ने आशंका जताई है कि उनके फैसले से पीडि़त कुछ आपराधियों ने उनकी हत्या की साजिश रची है। बहरहाल अब सबकी निगाहें एडीजे और उनके पुत्र की पीएम रिपोर्ट पर टिकी हुई हैं। पीएम रिपोर्ट के बाद ही यह स्पष्ट हो पायेगा कि एडीजे की मौत साजिश का हिस्सा है या फिर स्वाभाविक? बताया जाता है कि सोमवार पीएम रिपोर्ट आने के बाद हाईकोर्ट जांच का फैसला लेगा। फिलहाल गोपनीय तौर पर उनके कार्यकाल के स्थानों से गुपचुप इनपुट लिया जा रहा है।
Created On :   27 July 2020 6:46 PM IST