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सस्पेंड पटवारी की कर दी पोस्टिंग!-कलेक्टर को गुमराह कर स्थापना प्रभारी ने किया खेल
डिजिटल डेस्क सिंगरौली(वैढऩ) । सस्पेंड पटवारी की बहाली बगैर 15 दिनों के अंदर माड़ा तहसील में पोस्टिंग की प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठने लगे हैं। बताया जाता है कि कलेक्टर को गुमराह कर स्थापना प्रभारी ने यह खेल किया है। दरअसल,शासकीय कार्य में लापरवाही के चलते तत्कालीन देवसर एसडीएम ऋतुराज ने नौढिय़ा में पदस्थ पटवारी रामलाल प्रजापति को सस्पेंड कर विभागीय जांच के आदेश जारी किये थे। हैरत की बात तो यह है कि पटवारी के सस्पेंड होने के बाद भी स्थापना प्रभारी ने इस बात की जानकारी को छिपाते हुये 6 पटवारियों के तबादले की कलेक्टर के समक्ष कार्रवाई प्रस्तुत की। बताया जाता है कि स्थापना प्रभारी के प्रस्ताव पर कलेक्टर ने निलंबित पटवारियों की बहाली के बगैर पोस्टिंग कर दी है।
आरोप-पत्र तक जारी नहीं
शासकीय कार्य में घोर लापरवाही पाये जाने पर तत्कालीन एसडीएम ने पटवारी को निलंबित करते हुये विभागीय जांच संस्थित करने के आदेश दिये थे। बताया जाता है कि कलेक्टर द्वारा पटवारी की माड़ा तहसील में पोस्टिंग करने के बाद दोषी कर्मचारी को आरोप-पत्र तक जारी नहीं हो पाया है। इसके चलते पटवारियों के तबादले की प्रक्रिया शुरूआती दौर में ही विवादों में घिर गई है। पटवारियों की पोस्टिंग में विवाद आदेश के सामने आने के बाद स्थापना लिपिक पर पटवारी से सांठगांठ कर कलेक्टर को अंधेरे में रखने के आरोप लगने लगे हैं।
प्रशिक्षु पटवारियों ने शहर में दी आमद
पटवारियों की पोस्टिंग में लिपिक ने तबादला नीति को दरकिनार कर चहेतों को उपकृत करने का खेल सामने आया है। बताया जाता है कि परीवीक्षाधीन पटवारियों की प्रथम नियुक्त अस्थाई तौर पर 22 सितंबर 2018 को हुई थी। इसके बाद प्रशिक्षु पटवारियों को ग्रामीण क्षेत्रों में ट्रेनिग के लिये भेज दिया गया था। जानकारों का कहना है कि पटवारियों की प्रशिक्षण की अवधि पूरी नहीं होने के बाद भी इनकी जिला मुख्यालय में पोस्टिंग कर दी गई है। ऐसे में प्रशिक्षु पटवारियों के पास पर्याप्त अनुभव नहीं होने के कारण आमलोगों के कार्य प्रभावित हो रहे हैं।
Created On :   24 Oct 2019 3:08 PM IST