24 घंटे बाद निकाले जा सके  केन नदी में डूबे चारों बच्चों के शव- रेत के गड्ढ़ों में फसने से मौत होने की आशंका

The bodies of the four children submerged in the Cane River could be removed after 24 hours
24 घंटे बाद निकाले जा सके  केन नदी में डूबे चारों बच्चों के शव- रेत के गड्ढ़ों में फसने से मौत होने की आशंका
24 घंटे बाद निकाले जा सके  केन नदी में डूबे चारों बच्चों के शव- रेत के गड्ढ़ों में फसने से मौत होने की आशंका

 डिजिटल डेस्क छतरपुर/वलकुशनगर । थाना क्षेत्र बंशिया के केन नदी के नेहरा घाट में कल अपरांह डूबे चारों  बच्चों के शव आज निकाल लिए गए। नदी में बरियारपुर बांध से पानी छोड़े जाने के कारण जलस्तर अधिक होने के कारण कल ये बच्चे डूब गए थे । नदी में गायब हुए सभी बच्चे लौहगढिय़ा परिवार के हैं। घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस-प्रशासन गोताखोरों को लेकर मौके पर पहुंचा किंतु देर रात तक सर्चिंग के बाद भी एक भी बच्चे को नहीं खोजा जा सका था।आज प्रात: से चलाए गए सर्चिग अभियान के बाद पुलिस को सफलता मिल सकी । पोस्टमार्टम के बाद शव उनके परिजनों को सौप दिए गए हैं ।
केन नदी में पानी अधिक होने से बच्चों का सुराग लगाना हुआ मुश्किल
लवकुशनगर अनुविभाग के बंशिया थाना क्षेत्रांतर्गत नेहरा गांव के पास लौहगढिय़ा परिवार अपना डेरा जमाए हुए हैं। इन परिवारों के पांच बच्चे सोमवार की दोपहर 2.30 बजे पास में ही नदी में नहाने के लिए गए। पांच दिन पहले बरियारपुर बांध से पानी छोड़े जाने के कारण केन नदी का जलस्तर नेहरा घाट में इन दिनों अधिक होने से इन बच्चों में से एक सात वर्षीय बच्चा नदी में नहीं उतरा, लेकिन चार बच्चे बुंदा (15), दुर्जन (15), चिल्लू (12) और बाले (15) साल नदी में नहाने के लिए उतर गए। इस दौरान बुंदा पानी में डूबने लगा तो चिल्लू, बाले और दुर्जन ने बचाने का प्रयास किया, लेकिन नदी में पानी अधिक होने के कारण चारों गहराई में चले गए और डूब गए। जब चारों डूबने लगे तो सात वर्षीय बच्चा भागकर अपने डेरा की ओर आया और घटना की जानकारी परिजनों को दी। मौके पर लौहगढिय़ा परिवार के लोगों के अलावा नेहरा गांव के लोग भी बड़ी संख्या में पहुंचे और बच्चों को खोजने का प्रयास किया, जब बच्चे नहीं मिले तो पुलिस को सूचना दी। दोपहर 3 बजे पुलिस को सूचित किए जाने पर 3.45 मिनट पर एसडीएम अविनाश रावत, एसडीओपी पूरन लाल प्रजापति, चंदला टीआई वीरेन्द्र बहादुर सिंह, बंशिया थाना प्रभारी भूपेन्द्र अहिरवार मौके पर पहुंचे। 
रेत के गड्ढ़े बने जानलेवा 
केन नदी में रेत का अवैध उत्खनन भी इस घटना के लिए जिम्मेदार है। नदी के नेहरा घाट में रेत माफियाओं द्वारा बड़े और कई फीट गहरे गड्ढे खोद दिए गए हैं। बरियारपुर बांध से पानी छोड़े जाने से ये गड्ढे पानी में डूब गए हैं। ऐसे में बच्चों को गहराई समझ नहीं आई और वे इसमें डूब गए।
 

Created On :   16 Jun 2020 3:59 PM IST

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