आरपीएफ की सांठगांठ से चल रहा मालगाड़ी से कोयला चोरी करने का गोरखधंधा 

The conspiracy to steal coal from the goods train running in collaboration with RPF
आरपीएफ की सांठगांठ से चल रहा मालगाड़ी से कोयला चोरी करने का गोरखधंधा 
आरपीएफ की सांठगांठ से चल रहा मालगाड़ी से कोयला चोरी करने का गोरखधंधा 

डिजिटल डेस्क  सिंगरौली (मोरवा)। मालगाडिय़ों से कोयला चोरी के धंधे में जिले में दर्जनों मौतें हो चुकी हैं। इन पर अंकुश लगाने की बजाय किसी न किसी दुर्घटना का रूप दे दिया जाता है। अक्सर ऐसी घटनाएं सामने आती रहती हैं। जयंत के गोलाई बस्ती, माजन मोड़, जयंत दुधिचुआ से निकलने वाले एमजीआर और आसपास  रेल ट्रैकों पर जगह जगह इस प्रकार की घटनाएं देखने को मिल जाती हैं। वैसे भी मालगाडिय़ों से कोयला उतार लेने की घटनाएं नई नही हैं, लेकिन दिनदहाड़े रेल रैक से कोयला चोरी करने वालों पर अंकुश नहीं लगाया जा रहा है। जिसके कारण कोयला चोरी जैसी घटनाएं आम बात होती जा रही है। खासतौर पर रेलवे के अधीनस्थ स्थानों पर हो रही इस प्रकार की चोरियों को लेकर आरपीएफ की तैनाती का कोई असर दिखाई नहीं दे रहा है। रविवार की सुबह जगमोरवा क्रासिंग से कोयला यार्ड में जा रही मालगाड़ी के होम सिग्नल पर रूकते ही दर्जन भर से अधिक लोग रैक पर चढ़ गये। वहां से नीचे की ओर कोयला फेंकने का कार्य शुरू हो गया। बमुश्किल आधे घंटे में टनों कोयला रैक से उतार कर सुरक्षित ठिकानों पर पहुंंचाने का कार्य जारी रहा लेकिन ऐसे लोगों को कोई रोकने वाला नहीं दिखाई दिया। जिससे हर दिन यहां पर कोयला चोरी किये जाने का मुफीद स्थान बनता जा रहा है। इस प्रकार के गोरखधंधे में ट्रेन के ऊपर युवकों की फुर्ती और नीचे फेके गये कोयले को ठिकाने लगाने के  लिए महिलाओं की फुर्ती देखते ही बनती है। 
माफिया के गुर्गे करते हैं काम
जानकारी लेने पर सूत्रों ने बताया कि जिस मालगाड़ी से कोयला उतारा जा रहा है वह झिंगुरदह से सिंगरौली साइडिंग पर कोयला अनलोड करने के लिये जा रही थी। लेकिन उसे साइडिंग पर शंट किया जाता कि उससे पहले उसे रोकना पड़ा, कुछ समय के लिये रूकी मालगाड़ी पर चढ़े दर्जन भर युवकों व महिलाओं ने टनों कोयला नीचे गिरा लिया। बताया जाता है कि रेलवे लाइन के किनारे पर कोयला जमा करने के बाद इसे दिन भर सुरक्षित स्थानों की ओर ढोया जाता है जिसके उपरांत उसे स्थानीय ईंट भट्टों के सुपुर्द कर दिया जाता है। रेलवे लाइन के आसपास इस प्रकार के ठिकाने की जगमोरवा के आसपास बनाये जाने की जानकारी देते हुए बताया कि यहां से कोयले को ईंट तक पहुंचाने का कार्य किया जाता है और  आड़ से ट्रकों कोयला बाहर भेज दिया जाता है। स्थानीय लोगों के इस शातिराना कार्य के पीछे बड़े गुर्गे नगदी लेकर तैयार रहते हैं जो इनके द्वारा चोरी किये गये कोयले को औने-पौने दाम में तुरंत खरीद लेते हैं।
आरपीएफ की सांठगांठ से हो रहा धंधा
इस चोरी से जुड़े लोगों का कहना है आरपीएफ चौकी के इशारे पर स्टेशन से कुछ ही दूरी पर कोयला चोरी का काम चलता रहता है। किसी भी गुड्स ट्रेन को यहां पर कुछ समय के लिये रोका जाता है। झिंगुरदह प्रोजेक्ट से बिना वजन किये ही कोयला ट्रेन से लाया जाता है। जिससे कितना कोयला चोरी हुआ इसका कोई अनुमान नही लगाया जा सकता है क्योंकि रैक वजन किये जाने से पहले ही कोयले को उतार लिया गया होता है। धंधे से जुड़े लोगों को कहना है कि प्रति बोरी के हिसाब से कमीशन देने के बाद ही यहां से कोयला उठाया जाता है। हर दिन टनों कोयला चोरी कर चुरकी, चतरी और आसपास के गांवों में चलने वाले ईंट तक पहुंचाया जा रहा है।
बिना किसी भय करते हैं चोरी
मालगाड़ी से कोयला उतारने की करतूत देखकर हर कोई हैरान रह जाता है। कई बार तो मालगाड़ी अपने स्थान से चल पड़ती है लेकिन डिब्बे के ऊपर से कोयला फेंकने का काम जारी रहता है। रेलवे लाइन के किनारे किनारे रेलवे यार्ड तक कोयला फेंकते हुए युवक चलती गाड़ी से कूद जाते हैं। इस दौरान होने वाली चूक ही दुर्घटना का कारण बनती है जिसे आरपीएफ, जीआरपी कोई न कोई दुर्घटना बताकर रफादफा कर देते हैं। जबकि वास्तविकता यह होती है दुर्घटनाग्रस्त होने वाले पर इनकी शह होती जो बिना भय कोयला चोरी को अंजाम देते रहते हैं।
नगदी लेकर पहुंचते हैं कोलयार्ड
ऐसा भी नहीं है कि कोयला चोरी सिर्फ मालगाड़ी से होती है बल्कि रेलवे कोल यार्ड से हर दिन दर्जनों साइकिलें निकलती हैं जिनमें चार से पांच बोरे अमूमन डेढ़ से दो क्विंटल कोयला होता है। प्रतिबोरा 50 रूपये की दर से वसूल करने के बाद आरपीएफ इन्हें बाहर का रास्ता दिखा देती है। इतना ही नहीं वसूली के बाद इन्हें तेजी से भाग जाने और दिखाई न पडऩे का पाठ भी पढ़ा दिया जाता है। दरअसल सिंगरौली रेलवे स्टेशन के कोलयार्ड से कोयला चोरी करने पहुंचने 

Created On :   2 Dec 2019 9:40 AM GMT

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