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भृत्य की अनुकंपा के लिये लगाई अर्जी तो डीईओ ने दी शिक्षक बनने की सलाह!
8 वीं पास बेवा की नियुक्ति के लिये जिला शिक्षा अधिकारी की अनोखी शर्तें हर कोई हैरान
डिजिटल डेस्क सिंगरौली(वैढऩ)। सहायक अध्यापक की मौत के बाद 8वीं पास बेवा के सामने जिला शिक्षा अधिकारी ने नई मुसीबत खड़ी कर दी है। हैरत की बात तो यह है कि सहायक अध्यापक की पत्नी ने भृत्य पद पर अनुकंपा नियुक्ति के लिये अर्जी लगाई तो डीईओ ने शिक्षक बनने की सलाह दी है। डीईओ की अजीबो गरीब शर्त से जहां हर कोई हैरान है, वहीं पिछले चार साल बेवा अफसरों के चक्कर लगाने के लिये मजबूर है। डीईओ की संवेदनहीनता की झलक तब दिखाई दी जब उन्होंने भृत्य पद पर नियुक्ति की अर्जी को यह कहते हुये निरस्त कर दिया कि शिक्षक पद पर अनुकंपा के लिये उसके पास डीएड प्रशिक्षण और टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण होने का प्रमाण पत्र नहीं है। डीईओ के पत्र के सामने आने के बाद उनकी कार्यप्रणाली पर उगलियां उठने लगी हैं। जानकारों का कहना है कि भृत्य पद पर अनुकंपा नियुक्ति के लिये 8वीं की योग्यता पर्याप्त है। ऐसे में डीईओ द्वारा बेवा पर खुद की शर्त थोपने से कलेक्टर भी अब तक निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पाये हैं।
कलेक्टर को भी किया गुमराह
भृत्य पद पर अनुकंपा नियुक्ति की यह अर्जी शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय झगरौंहा में पदस्थ रहे सहायक अध्यापक स्व. फूल सिंह की पत्नी फूलकली सिंह ने कलेक्टर को दी थी। कलेक्टर द्वारा मामले को गंभीरता से लेते हुये प्रकरण परीक्षण के लिये जिला शिक्षा अधिकारी भेजा था। बताया जाता है कि जिला शिक्षा अधिकारी ने मामला विभागीय अनुकंपा समिति के समक्ष प्रस्तुत किया था। आरोप है कि परीक्षण समिति द्वारा आंखमूंद कर भृत्य के आवेदन को उलटफेर करते हुये अपना अलग ही निर्णय दिया है। डीईओ द्वारा आवेदिका को भेजी गई जानकारी से यह बात सामने आई है कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों कलेक्टर को गुमराह करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी है। इसके चलते मृतक सहायक अध्यापक की पत्नी को एक साल बाद भी भृत्य पद पर अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिल पाई है।
भुखमरी के कगार पर बेवा का परिवार
जनसुनवाई से लेकर मंत्री और कलेक्टर को बेवा ने अब दो दर्जन से अधिक अर्जी सौंप कर फरियाद की है। इसके बाद भी अब तक उसकी कहीं भी सुनवाई नहीं हो पाई है। बताया जाता है कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों द्वारा अलग राग अलापने से बेवा का परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच गया। इतना नहीं हर बार शिक्षा विभाग की पैंतरेबाजी के चलते भृत्य की नौकरी के उम्मीद में बेवा सरकारी अफसरों के कार्यालयों का चक्कर काटने के लिये मजबूर है।
चार बच्चों की मां को पढ़ाई की नसीहत
जिला शिक्षा अधिकारी के पत्र से यह बात सामने आई है कि चार बच्चों की मां को अफसरों पढ़ाई करने की नसीहत दी है। मजे की बात तो यह है कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने डीएड और टीईटी की परीक्षा को उत्तीर्ण करने के लिये बेवा को 7 साल का समय दिया है। इसके साथ ही शिक्षा विभाग के अधिकारियों अनुकंपा नियुक्ति के बदले 1 लाख की क्षतिपूर्ति के लिये बेवा से सहमति मांगी है। इसके साथ ही डीईओ ने पत्र में यह भी उल्लेख किया है कि डीएड उत्तीर्ण करने के बाद उसकी पात्रता संविदा शिक्षक की बनती है।
Created On :   14 Feb 2020 3:03 PM IST