- Home
- /
- राज्य
- /
- मध्य प्रदेश
- /
- सिंगरौली
- /
- अब ट्रेकर डॉग बनेगा सिंगरौली पुलिस...
अब ट्रेकर डॉग बनेगा सिंगरौली पुलिस की ताकत- अपराधी तक पहुंचने में होते हैं एक्सपर्ट
डिजिटल डेस्क सिंगरौली (वैढऩ)। चोरी, डकैती, मर्डर सहित अन्य आपराधिक वारदातों को अंजाम देने वाले अपराधियों तक तेजी से पहुंचे में एक्सपर्ट ट्रेकर डॉग अब सिंगरौली पुलिस की ताकत बनेगा। अगर सब ठीक रहा तो पुलिस मुख्यालय भोपाल आगामी 26 जनवरी के बाद जल्द ही सिंगरौली पुलिस को यह सौगात दे देगा। जिससे जिले की पुलिस को अपराधियों की धरपकड़ करने में काफी आसानी हो जाएगी। खास बात यह है कि अभी जिले में एक एक्सप्लोसिव एक्सपर्ट डॉग है, जो बम-बारूद आदि को सूंघने में माहिर होता है। लेकिन अभी तक जिले की पुलिस के पास एक भी ऐसे डॉग नहीं है जिससे कि वह यहां होने वाले आपराधिक वारदातों में सहायता लेकर अपराधियों तक पहुंच सके। पीटीएस भोपाल में डॉग स्क्वाड के इंस्पेक्टर एपी सिंह बघेल बताते हैं कि अहम बात यह भी है सिंगरौली के अलावा आस-पास के कुछ जिलों में भी ये डॉग नहीं है जिससे अब इन जिलों को भी आवश्यकता पडऩे पर सिंगरौली को मिल रहे ट्रेकर डॉग की सहायता ली जा सकेगी।
ये है ट्रेकर की खासियत
बताया जाता है कि ट्रेकर डॉग में सूंघने की क्षमता अन्य डॉग्स के मुकाबले काफी ज्यादा होती है और यह चोरी, डकैती, मर्डर से लेकर अन्य ऐसे वारदातों के अपराधियों तक सूंघकर पहुंच सकते हैं जो वारदात से जुड़ा होता है। भले ही अपराधी हजारों की भीड़ में क्यों न हो। ट्रेकर ऐसे जगहों से भी घुसकर अपराधी तक पहुंचने में समझ होते हैं।
21 ट्रेकर की हुई है खरीदी
बताया जाता हैं कि पीएचक्यू भोपाल ने प्रदेशभर के लिये 21 ट्रेकर डॉग्स की खरीदी हैदराबाद से की है। जिसमें प्रति डॉग की कीमत 34 हजार के करीब है और सिंगरौली की पुलिस को इन्ही में से एक ट्रेकर डॉग देने की तैयारी है।
9 माह की होती है ट्रेनिंग
बताया जाता है कि ट्रेकर डॉग्स को पीटीएस भोपाल में बकायदा ट्रेनिंग भी दी गई है। यह ट्रेनिंग पूरे 9 माह की थी जिसमें इन्हे आपराधिक वारदातों में इनकी सूंघने की क्षमता के अनुरूप ट्रेंड किया गया। फिर इसके बाद एक कमेटी इनका टेस्ट भी लेती है और जो डॉग्स टेस्ट में पास हो जाते हैं तो उन्हे ही जिलों में भेजा जाता है।
7 हजार रूपये हर माह का खर्च
एक ट्रेकर डॉग के साथ एक डॉग मास्टर भी दिया जाएगा। जो इसके खाने-पीने से लेकर रख-रखाव व सुरक्षा आदि की व्यवस्था भी देखेगा। बताया जाता है डॉग के भोजन में उसे 400 ग्राम मटन, साढ़े दो सौ गा्रम दूध, आधा किलो अंडा की डाइट है। जबकि डिटाल, फिनाइल, काटन (रूई), तौलिया, सैम्पू, साबुन से लेकर इनके लिये आवश्यक आदि सामग्रियों का उपयोग होता है जिसकी लागत करीब 7 हजार रूपये प्रतिमाह होती है।
इनका कहना है
ट्रेकर डॉग मिलने से जिले में पुलिस को वारदातों की जांच दौरान काफी सहायता मिलेगी। क्योंकि इनमें सूंघने की क्षमता काफी ज्यादा होती है और ये घटना स्थल पर अपराधियों की स्मैल संूघकर उन तक पहुंच जाते हैं। मुख्यालय द्वारा इनकी खरीदी की गई थी और जल्द ही जिले को एक ट्रेकर डॉग मिल सकता है।
- विनीत जैन, पुलिस अधीक्षक सिंगरौली
Created On :   6 Jan 2018 1:59 PM IST