‘मंत्रियों के अधिकार सचिवों का सौंपना राज्य का दुर्भाग्य’

The misfortune of the state to hand over the powers of the ministers
‘मंत्रियों के अधिकार सचिवों का सौंपना राज्य का दुर्भाग्य’
प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता लोंढे का आरोप  ‘मंत्रियों के अधिकार सचिवों का सौंपना राज्य का दुर्भाग्य’

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य में मंत्रिमंडल के विस्तार में हो रहे देरी को देखते हुए अब मंत्रियों के  अधिकार सचिवों को सौंप दिए गए हैं। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंढे ने यह आरोप लगाते हुए शिंदे सरकार के इस कदम की आलोचना की है। लोंढे ने कहा कि यह राज्य का दुर्भाग्य है कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को शपथ लिए 36 दिन बीत चुके हैं। लेकिन अभी तक कैबिनेट का विस्तार नहीं हुआ है। महाराष्ट्र के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है।   उन्होंने कहा शिंदे-फडणवीस सरकार द्वारा राज्य के मामलों को सचिवों के माध्यम से हल करने का निर्णय गलत है। लोंढे ने कहा कि राज्य का कामकाज सचिवों नहीं बल्कि जन प्रतिनिधियों द्वारा संचालित होना चाहिए। लोंढे ने कहा कि दिवंगत मुख्यमंत्री शंकरराव चव्हाण द्वारा सचिवालय को ‘मंत्रालय’ के रूप में नामित करने का कारण यह था कि शासन आम लोगों के लिए होना चाहिए, जिससे लोग खुद को सरकार का हिस्सा मान सकें।

किसी भी सरकार में जनप्रतिनिधियों का वर्चस्व होना चाहिए क्योंकि जनप्रतिनिधि जनता द्वारा चुने जाते हैं। ऐसे में निर्णय लेने का आधिकार उन सचिवों को नहीं देना चाहिए जो सिर्फ  परीक्षा पास कर सरकारी सेवा में आए हैं। लोंढे ने कहा कि एकनाथ शिंदे सरकार अपने फैसलों से प्रशासन का पहिया उल्टा घुमाने का काम कर रही है। राज्य के उपमुख्यमंत्री बिना किसी विभाग के राज्य चला रहे हैं। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे वहीं कर रहे हैं, जो आदेश उपमुख्यमंत्री दे रहे हैं। शिवसेना से बगावत कर एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री तो बन गए हैं, लेकिन वे मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं कर सके हैं। ऐसे में सवाल है कि क्या भाजपा ने शिंदे की लगाम अपने हाथ में रख कर उन्हें फैसला लेने से रोक दिया है। लोंढे ने कहा कि कांग्रेस, शिंदे सरकार द्वारा राज्य को चलाने के लिए सचिवों को दिए गए अधिकार की कड़ी निंदा करता है। 
 

Created On :   6 Aug 2022 7:00 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story