सालों पहले जर्जर घोषित हो चुके भवन में रख दी हजारों की किताबें, सड़ रही हैं बारिश में 

The officers stores books in the already shabby declared building
सालों पहले जर्जर घोषित हो चुके भवन में रख दी हजारों की किताबें, सड़ रही हैं बारिश में 
सालों पहले जर्जर घोषित हो चुके भवन में रख दी हजारों की किताबें, सड़ रही हैं बारिश में 

डिजिटल डेस्क, सिंगरौली(वैढ़न)। शिक्षा विभाग के अधिकारी शासन से वितरण के लिए आई पुस्तकों के हिफाजत के प्रति संजीदा नहीं दिखाई दे रहे हैं। उनकी गैरजिम्मेदाराना हरकतों के कारण 9 से लेकर 12वीं तक की हजारों नवीन पुस्तकें छत से टपकते बारिश के पानी में सड़ रही हैं।

दरअसल मामला वैढ़न ब्लॉक शिक्षा विभाग का है। जहां 9 से लेकर कक्षा 12 तक के विद्यार्थियों को बांटने के लिए शासन से हजारों की संख्या में पुस्तकें आयीं थीं। लेकिन उनमें से काफी मात्रा में पुस्तकें बच गई हैं। जिसे बीईओ वैढ़न ने प्राथमिक कन्या विद्यालय स्थित क्षतिग्रस्त भवन के एक कमरे में रखवा दिया है। चूंकि भवन को 7 वर्ष पूर्व ही असुरक्षित घोषित कर दिया गया था। उसके सारे कमरों की छतों से बारिश का पानी टपकता है। इस वर्ष हुई बरसात के कारण छत से पानी कमरों में टपक रहा है। जिसके कारण उसमें रखी हजारों पुस्तकें सड़ रही हैं। वहीं जिम्मेदार बारिश से बचाव के लिए सुरक्षित जगह न होने का हवाला देते हुए संबंधित विद्यालयों में शीघ्र बंटवाने की बात कहते हुए जिम्मेदारी से बचते नजर आ रहे हैं।

संख्या से ज्यादा मंगाई जाती हैं पुस्तकें
शिक्षा विभाग के जानकारों के अनुसार एक वर्ष पूर्व शासन से पुस्तकों की डिमांड ऑनलाइन मंगा ली जाती हैं। उस समय स्कूल में पंजीकृत छात्र संख्या के आधार पर समस्त प्राचार्य 10 प्रतिशत अधिक पुस्तकों की डिमांड भेज देते हैं ताकि यदि छात्रों की संख्या बढ़ जाए तो पुस्तकें कम न पड़ें। उसी डिमांड के अनुसार शासन से पुस्तकें भेज दी जाती हैं। लेकिन जब एडमिशन शुरू होता है तो पंजीयन के मुकाबले छात्र और कम हो जाते हैं। इस कारण प्रत्येक साल पुस्तकें बढ़ ही जाती हैं। अब बची पुस्तकें यदि सुरक्षित रहीं तो उन्हें अगले साल वितरित किया जाएगा।

इनका कहना है
9 से 12 तक की पुस्तकें कुछ विद्यालयों में बांटी जानी हैं। उसके लिए सभी प्राचार्यों को पुस्तक ले जाने का निर्देश जारी किया गया है। चूंकि पुस्तकों की संख्या ज्यादा है, हमारे पास उसे रखने का कोई सुरक्षित जगह नहीं है। इसलिए प्राथमिक शाला कन्या वैढ़न के पुराने भवन के एक अच्छे कमरे में रखवा दिया गया है। लेकिन कमरे की छत टपक रही है। इसकी जानकारी हमें नहीं है।
एच करकट्टा, बीईओ वैढ़न

कुछ विषयों की पुस्तकें अभी-अभी शासन से छात्रों के बीच बांटने के लिए आई हैं। सभी संबंधित विद्यालयों के प्राचार्यों को पुस्तकें ले जाने हेतु शीघ्र आदेश जारी करता हूॅ।
रोहिणी प्रसाद पांडेय, जिला शिक्षा अधिकारी
 

Created On :   7 Aug 2018 8:58 AM GMT

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