गांव में कच्चे घरों की छतों पर बाघ का उत्पात, खेत में मिले पगमार्क

Tiger damages rooftops of raw houses, pugmarks found in the field
गांव में कच्चे घरों की छतों पर बाघ का उत्पात, खेत में मिले पगमार्क
गांव में कच्चे घरों की छतों पर बाघ का उत्पात, खेत में मिले पगमार्क

डिजिटल डेस्क, रीवा। बताया गया है कि सुबह 6 बजे बाघ पड़ोखर गांव में एक छत से नीचे कूदा और फिर इसके बाद नदी के किनारे खेत की ओर चला गया। बाघ छतों पर उछल-कू़द मचा रहा था, तब गांव वाले गहरी नींद में थे। सुबह जल्दी जागने वाले दो चार लोगों ने ही बाघ देखा। जिस छत से बाघ नीचे कूदा था, उससे सटी एक मड़ैया नुमा कच्चा मकान था। जिससे यह माना जा रहा है कि इसी कच्चे मकान में छलांग लगाकर बाघ छत में पहुंच गया। वन अमले के साथ गांव के करीब तीन सौ की संख्या में ग्रामीणों ने बाघ की तलाश की, लेकिन उसका पता नहीं चला।

बताया गया है कि बैसा और पड़ोखर गांव के लोग आज सुबह खेत की ओर गए थे तभी उन्हें एक खेत में किसी बड़े जंगली जानवर का पगमार्क दिखाई दिया। जिसकी सूचना उन्होंने पुलिस कंट्रोल रूम को दी। कंट्रोल रूम से जानकारी मिलते ही वन विभाग का अमला मौके पर पहुंच गया। पगमार्क को देख विभागीय अधिकारियों ने पगमार्क बाघ के होने की पुष्टि की।

झाड़ियों तक मिले पगमार्क
बाघ का पगमार्क जिस खेत में मिला, उससे आगे लगभग 400 मीटर की लंबाई में कई जगह इसी तरह के पगमार्क बने हुए थे। यह पगमार्क नदी के किनारे झाड़ियों में समाप्त हो गए। जिससे यह माना जा रहा है कि बाघ अभी भी झाड़ियों में छिपा है। दरअसल यहां नदी के किनारे तीन से साढ़े 3 फिट की ऊंचाई तक घास, कांस और झाड़ियां हैं। झाड़ियों में बाघ के छिपे होने की संभावना देख ग्रामीण भयभीत हैं।

हर्दी की तरफ से आने की संभावना
बाघ के पगमार्क एक लाईन में जिस तरह से मिले हैं, उससे बाघ के मुकुंदपुर जंगल से सटे हर्दी की ओर से आने की संभावना है। बताया गया है कि मुकुंदपुर जंगल से लगा हर्दी गांव है और यहां काफी बड़े क्षेत्र में घनघोर जंगल हैं। जिससे यह माना जा रहा है कि यह बाघ मुकुंदपुर के जंगल से भटककर इधर पहुंचा है।

सिंचाई करने पर लगाई रोक
इस समय किसान फसलों में सिंचाई कर रहे हैं, लेकिन वन महकमे ने किसानों को शाम के बाद खेतों में जाकर सिंचाई करने से मना किया है। उल्लेखनीय है कि बाघ अमूमन दिन ढलने के बाद ही रास्ता तय करता है। रात में बाघ झाड़ियों से बाहर निकलकर गांव की ओर न आ जाय इसी वजह से किसानों को शाम 6 बजे से सुबह 7 बजे तक खेतों में न जाने को कहा गया है।

मुकुंदपुर से आया दो सदस्यीय दल
गांव में बाघ के छिपे होने की संभावना को देख मुकुंदपुर चिड़ियाघर से दो सदस्यीय दल को मौके पर बुला लिया गया है। यदि ऐसी स्थिति आती है कि बाहर आने के बाद बाघ को बेहोश करना पड़े, इसके लिए ट्रंकलाइजर टीम को पूरी तरह तैयार कर लिया गया है।

Created On :   12 Jan 2019 2:59 PM IST

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