जिला अस्पताल में चल रहा अवैध गर्भपात का गोरखधंधा, इलाज की आड़ में दिया जाता है अंजाम

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!
जिला अस्पताल में चल रहा अवैध गर्भपात का गोरखधंधा, इलाज की आड़ में दिया जाता है अंजाम

डिजिटल डेस्क,सिंगरौली (वैढन)। मरीजों के इलाज के नाम पर जिला अस्पताल अवैध गतिविधियों का केन्द्र बनता जा रहा है। ऐसी ही एक अवैध गतिविधि यहां सामने आयी है अवैध गर्भपात की। जिसे काफी लंबे समय से अस्पताल के लेबर वार्ड में चलाया जा रहा है। इस अवैध गोरखधंधे को यहां इतने सुनियोजित तरीके से चलाया जाता है कि वार्ड के बाहर इसकी किसी को भनक तक नहीं लगने दी जाती।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यहां नाबालिगों से लेकर नियम विरूद्ध की श्रेणी में आने वाली विवाहिताओं का भी अवैध रूप से गर्भपात किया जाता है। इस गोरखधंधे को अंजाम देने के लिये इसमें लेबर वार्ड के जिम्मेदार चिकित्सक से लेकर स्टाफ नर्स और अन्य सहयोगी कर्मचारियों की भी मिलीभगत रहती है। जिससे अवैध रूप से किये जाने वाले गर्भपात के केसों की जो गाढ़ी कमाई आती है तो उसे इस गोरखधंधे में शामिल जिम्मेदारों के बीच कैडर के अनुसार बांट लिया जाता है। अस्पताल में चल रहे इस अवैध गोरखधंधे के चौंकाने वाले मामले को लेकर ऐसी कई अन्य बाते भी सामने आयी हैं जिससे स्वास्थ्य व्यवस्था के नाम पर चल रहे लूटखसोट भी खुलकर सामने आ गई है। इससे मरीजों की भी जान जोखिम में रहती है, इससे इनकार नहीं किया जा सकता। ऐसे में इसमें उच्च स्तरीय जांच कराने की जरूरत है। वर्ना, सरकारी इंतजाम के बीच आमजनों को उनके इलाज के नाम पर लूटने-खसोटने का गोरखधंधा ऐसे ही चलता रहेगा। 

10 हजार या इससे ज्यादा तक की वसूली

सूत्र बताते हैं कि अस्पताल में किये जाने वाले अवैध गर्भपात का स्थितियों के अनुसार रेट निधारित रहता है। ऐसे में प्रति केस कम से कम 10 हजार रूपये या फिर गंभीर स्थिति पर इससे भी ज्यादा की रकम गर्भपात कराने के नाम पर वूसली जाती है। 

स्टाफ व बाहर के ऐजेंट

सूत्रों के अनुसार अवैध गर्भपात के केसों को हैंडल करने, गोपनीय रखने, पैसे वसूलने आदि तरह की जिम्मेदारी उन एजेंटों की रहती है। जो कि अवैध रूप से गर्भपात करने के केस लाते हैं। ये एजेंट अस्पताल के ही कुछ अस्पताल के स्टाफ और बाकी ज्यादातर बाहर के भी रहते हैं। जो अस्पताल में किसी न किसी कार्य के नाम पर रोजाना डेरा डाले देखे जा सकते हैं। 

बार्डर से भी आते हैं ज्यादातर केस

बताया जाता है कि अस्पताल में चलने वाले इस अवैध कारोबार के केस लोकल के साथ बार्डर पार यूपी के दूर-दराज के क्षेत्रों से भी काफी ज्यादा आते हैं। क्योंकि ऐसे में सहूलियत यह रहती है कि गोपनीयता बनी रहती है। इसके अलावा लोकल से केस तो रहते ही हैं। 

इनका कहना है

मुझे संबंध में लेबर वार्ड के पीजीएमओ चिकित्सा अधिकारियों, स्टाफ नसों आदि के लिप्त होने की सूचना मिली थी। जिस पर जांच कराई जा रही है। साथ ही मैंने एक आदेश भी जारी कर दिया है कि अगर नियम विरूद्ध अवैध गर्भपात के कार्य में जो भी लिप्त पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई करने में देरी नहीं की जाएगी। नियमत: पुलिस में प्रकरण भी दर्ज कराया जाएगा।  - डॉ. एपी पटेल, सीएमएचओ सिंगरौली
 

Created On :   21 Aug 2019 9:45 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story