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अबोध बालिका से दुष्कृत्य करने वाले आरोपी को तिहरे उम्रकैद की सजा
डिजिटल डेस्क रीवा । एक अबोध बालिका से दुष्कृत्य के मामले में जिला न्यायालय ने 14 दिन के भीतर आरोपी को तिहरे उम्रकैद की सजा सुना दी। चोरहटा पुलिस ने 72 घंटे में विवेचना पूरी कर न्यायालय में चालान पेश किया और एक पखवाड़े के अंदर आरोपी को सजा सुनाकर पीडि़त परिवार को न्याय दे दिया। रीवा का यह पहला मामला है, जिसमें आरोपी को इतने कम समय में सजा मिली है। यह घटना विगत 10 नवम्बर 2019 को दोपहर करीब एक बजे चोरहटा थाना अन्तर्गत घटी थी। बताया गया है कि इस घटना के फरियादी सड़क के किनारे चाय-पान की दुकान चलाता है। वहीं पर उसकी दो वर्षीय अबोध बालिका खेल रही थी। उसी दौरान आरोपी शीतला प्रसाद दुबे निवासी कोतर थाना ताला जिला सतना आया और दुकानदार से चाय मांगा। जब दुकानदार चाय बनाने में व्यस्त हो गया, उसी दौरान आरोपी बालिका को गोद में लेकर कुर्सी पर बैठ गया। थोड़ी देर बाद जब बालिका जोर-जोर से चिल्लाई तो दुकानदार दौड़कर पहुंचा तो बालिका ने इशारों से घटना की जानकारी दी। इसके बाद जब आरोपी को पकड़कर उससे पूछा गया कि तुमने ऐसा क्यों किया, तो उसने कहा कि गलती हो गई। इसके बाद तुरंत डायल 100 पुलिस को फोन करके बुलाया गया। पुलिस द्वारा आरोपी को गिरफ्तार कर चोरहटा थाना लाया गया और वहां रिपोर्ट दर्ज की गई। वहीं पीडि़त बालिका को तत्काल संजय गांधी अस्पताल लाया गया, क्योंकि उसकी हालत काफी गंभीर थी। घटना के बाद पुलिस ने विवेचना उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया जहां आरोपी को अलग-अलग धाराओं के तहत तिहरे उम्रकैद की सजा अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पाक्सो द्वारा सुनाई गई।
न्यायालय ने माना अपराध गंभीर
अबोध बालिका के साथ दुष्कृत्य के मामले को न्यायालय ने गंभीर अपराध माना है। इस संबंध में लोक अभियोजन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव ने बताया कि वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी रवीन्द्र सिंह ने शासन की ओर से जो तर्क प्रस्तुत किये उससे न्यायाधीश सहमत हुए और उसी के आधार पर 12वें अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश पाक्सो ने सजा सुनाई है। न्यायालय का कहना था कि इस तरह की घृणित घटनाओं से समाज में गलत संदेश जा रहा है और अपराधियों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। ऐसे अपराधियों पर अंकुश लगाना समाज के लिए हितकारी है।
इन धाराओं के तहत हुई सजा
अबोध बालिका के साथ दुष्कृत्य करने वाले आरोपी को न्यायालय ने तीन अलग-अलग धाराओं के तहत तिहरे उम्रकैद की सजा सुनाई है। जिसमें भादंवि की धारा 376एबी के तहत आजीवन कारावास एवं 20 हजार रुपये का अर्थदण्ड, धारा 376 (3) के तहत आजीवन कारावास एवं 4 हजार रुपये का जुर्माने के अलावा लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की धारा 5/6 के तहत आजीवन कारावास तथा 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
72 घंटे में पूर्ण की गई विवेचना
इस घिनौने मामले को लेकर पुलिस ने काफी तत्परता दिखाई है। यही वजह है कि चोरहटा पुलिस ने मात्र 72 घंटे में विवेचना पूर्ण करके अभियोग पत्र जिला न्यायालय में पेश कर दिया। रीवा संभाग में ऐसे गंभीर मामले में अभियोजन अधिकारी संजीव श्रीवास्तव द्वारा मात्र चार दिन में विचारण पूर्ण कराकर आरोपी को तिहरे आजीवन कारावास की सजा दिलवाने में अहम भूमिका निभाई गई है।
Created On :   27 Nov 2019 2:24 PM IST