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स्टर प्लान में 120 फीट की रोड को बना रहे 70 फीट
डिजिटल डेस्क, सिंगरौली (वैढ़न)। माजन मोड़ से परसौना और माजन मोड़ से निगाही मोड़ तक फोर लेन सड़क निर्माण कार्य चल रहा है। डीएमएफ से दी गई करीब 43 करोड़ की राशि से इस रोड का निर्माण कराया जा रहा है। एक तो इस रोड का निर्माण कार्य बहुत ही धीरे चल रहा है, दूसरे व्यवस्थित कार्य न किए जाने से आवागमन करने वालों को परेशानी हो रही है।
गौरतलब तथ्य यह है कि मास्टर प्लान में इस रोड को 120 फीट का दर्ज किया गया है, लेकिन निर्माण एजेंसी द्वारा मात्र 70 फीट की रोड बनवाई जा रही है। इसी 70 फीट में डिवाइडर और ड्रेनेज सिस्टम भी शामिल है। जैसे ही रोड का निर्माण पूरा होगा वैसे फिर से इसे चौड़ा करने की मांग उठने लगेगी, क्योंकि जिस तादात में इस रोड पर वाहन चलते हैं, उसे देखते हुए तो इसे 120 फीट चौड़ी ही होना चाहिए। यदि कोई वाहन सड़क के किनारे पार्क कर दिया गया तो फिर जाम लगना तय है। यदि कोई वाहन खराब हो गया तो फिर उसे हटाए बिना आवागमन शुरू करना मुश्किल होगा। डीएमएफ से यदि शहर को कुछ देना ही था तो पूरी सड़क देते, आधी-अधूरी सड़क देने से दुर्घटनाओं की समस्या तो समाप्त नहीं होगी। जिसके लिए इस सड़क को फोर लेन करने की मांग की जा रही थी।
नगर निगम ने बना रखी है नाली
मजेदार बात यह है कि नगर निगम ने मास्टर प्लान के अनुसार शहरी क्षेत्र में 120 फीट की सड़क के बाद नाली का निर्माण करा रखा है, ताकि लोगों को पता रहे कि इतनी चौड़ी सड़क है। अब समस्या यह आ रही है कि यदि 70 फीट की सड़क बन जाए गी तो लोग बाकी की जमीन पर कब्जा कर लेंगे। जिससे साल दो साल में फिर जब इसे चौड़ा करने की जरूरत पड़ेगी तो तमाम अवैध निर्माण ढहाने होंगे। जिसमें तमाम परेशानी होगी और नुकसान भी होगा। यदि इस रोड और नाली के बाद सर्विस रोड ही बना दी जाए तो कम से कम शेष जमीन पर कब्जा बना रहेगा, लेकिन नक्कारखाने में तूती की आवाज सुनने वाला कौन है?
बारिश से पहले सड़क ही बना दो
इस रोड की निर्माण एजेंसी एमपीआरडीसी है, जिस तरह से विधानसभा चुनाव से पहले यह कार्य शुरू करवाया गया था, उससे तो उम्मीद बंधी थी कि कम से कम सड़क का निर्माण कार्य तो बारिश से पहले पूरा कर लिया जाएगा। जिला प्रशासन ने भी इसी मंशा के साथ तेजी से कार्य करने के निर्देश दिए थे, लेकिन यह बारिश इस रोड पर चलने वालों के लिए जानलेवा साबित होगी, इतना तय है। सितंबर में जब निर्माण कार्य शुरू हुआ था तब पोल शिफ्टिंग और पेड़ कटाई जैसे कार्य किए जाने थे। कुछ अतिक्रमण भी हटाए जाने थे। यह सारे कार्य नगर निगम और बिजली विभाग को कराने थे, दोनों विभागों ने समय से सभी कार्य करवा दिए। उसके बावजूद भी निर्माण में तेजी नहीं आ रही है।
खास-खास
-सितंबर-2018 में शुरू हुआ था कार्य
-लम्बाई करीब 10 किमी
-लागत करीब 43 करोड़
-काटे गए 300 से ज्यादा पेड़
-करीब 500 विद्युत पोल शिफ्ट होंगे
-करीब 5 किमी पेयजल लाइन शिफ्ट
Created On :   17 April 2019 1:33 PM IST