करंट लगने से जेई की मौत पर हंगामा, कंपनी के खिलाफ आक्रोश

Uproar over death of junior engineer due to electric current
करंट लगने से जेई की मौत पर हंगामा, कंपनी के खिलाफ आक्रोश
करंट लगने से जेई की मौत पर हंगामा, कंपनी के खिलाफ आक्रोश

डिजिटल डेस्क, रीवा। यहां रेमकी कंपनी के कचरा प्लांट में करंट लगने से जूनियर इंजीनियर की मौत हो गई । कर्मचारी कर मौत के बाद प्रबंधन की अनदेखी से आक्रोश व्याप्त हो गया। प्रबंधन के खिलाफ यह आक्रोश इतना बढ़ा कि मुख्य मार्ग पर जाम तक लगा दिया। सुबह से चर्चाओं का दौर चलता रहा, लेकिन बात नहीं बन रही थी। आक्रोशित लोग मृतक के परिजन के लिए तीस लाख रूपये की आर्थिक मदद चाह रहे थे, जबकि कम्पनी सिर्फ दस लाख के लिए तैयार थी। अंतत: पन्द्रह लाख रूपये देने के लिए कम्पनी तैयार हुई और पोस्टमार्टम हुआ। जानकारी के अनुसार पहडिय़ा स्थित कचरा प्लांट में जूनियर इंजीनियर के रूप में कार्यरत मऊगंज क्षेत्र के देवेन्द्र पाण्डेय पिता लखपति 29 वर्ष सोमवार को उस समय करंट की चपेट में आ गए, जब वे जनरेटर का  टूटा तार जोड़ रहे थे। उन्हें संजय गांधी स्मृति चिकित्सालय लाया गया।  आरोप है कि उनकी मौत हो जाने के बाद भी कचरा प्लांट का प्रबंधन देखने वाली रेमकी कम्पनी के लोग यहां नहीं पहुंचे। सुबह परिजन ने पोस्टमार्टम कराने से इंकार कर दिया। यहां कम्पनी के अन्य कर्मचारी भी पहुंचने लगे। इन सभी ने इस घटना पर आक्रोश जताया। सभी ने एक सुर से कहा कि परिवार को आर्थिक मदद मिलनी चाहिए। बताते हैं कि कम्पनी के कुछ लोग जब यहां पहुंचे तो झूमाझटकी की स्थिति भी बन गई।

सुरक्षा के उपकरण नहीं

रायपुर कर्चुलियान थाना क्षेत्र अंतर्गत पहडिय़ा गांव में कचरा प्लांट में हुई इस घटना के बाद रेमकी कम्पनी पर आरोप लगाया गया है कि जान से खिलवाड़ा किया जा रहा है। सुरक्षा के उपकरण नहीं दिए जाते। जूनियर इंजीनियर को तार जोडऩे के लिए भेजा गया। जबकि यह कार्य इलेक्ट्रिशियन का होता है। जूनियर इंजीनियर को ग्लब्स आदि नहीं दिए गए थे और वह मौत के मुंह में चला गया।

दो बेटियों की चिंता

मृतक की दो बेटियां हैं। इस घटना से  इन बेटियों के सिर से पिता की छाया छिन गई। देवेन्द्र की मौत से पत्नी का बुरा हाल है। अपनी दो बेटियों के लालन-पालन की जिम्मेदारी अब उस पर है। इन बेटियों की चिंता करते हुए लोगों ने पन्द्रह-पन्द्रह लाख रूपये इनके नाम करने की मांग कम्पनी के समक्ष रखी।आर्थिक मदद के लिए सुबह से वार्ता का दौर शुरू हो गया। कम्पनी के लोग दस लाख रूपये से ज्यादा देने के लिए तैयार नहीं थे। एसडीएम ने भी मौके पर जाकर चर्चा की। नगर निगम आयुक्त भी पहुंचे। तनाव की स्थिति को देख भारी पुलिस बल भी मौके पर मौजूद रहा।

रास्ते में खड़ी कर दी गाड़ियां

सुबह से चल रहे चर्चाओं के दौर के बीच जब यह लगा कि कम्पनी के लोग मांग पूरी करने वाले नहीं हैं तो धोबिया टंकी के समींप मुख्य मार्ग को जाम कर दिया गया। कचरा उठाने वाली गाड़ियों को पूरे रास्तें में लगा दिया। जिससे यहां अफरा-तफरी मच गई। सीएसपी मौके पर पहुंचे और लोगों को जाम खोलने की समझाइश दी। इसके बाद जाम खुला और नए सिरे में वार्ता शुरू हुई। अंतत: कम्पनी ने पन्द्रह लाख रूपये आर्थिक मदद देने पर सहमति दी।
 

Created On :   20 Aug 2019 11:40 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story