चार माह बाद फिर कांपा सिंगरौली, महसूस किए गए भूकंप के तेज झटके

Vibration of earthquake again felt in the Singrauli on the Tuesday
चार माह बाद फिर कांपा सिंगरौली, महसूस किए गए भूकंप के तेज झटके
चार माह बाद फिर कांपा सिंगरौली, महसूस किए गए भूकंप के तेज झटके

डिजिटल डेक्स, सिंगरौली (वैढ़न )। मंगलवार को फिर से सिंगरौली कांप उठा। चार माह पहले ही मंगलवार के दिन भूकंप के झटकों से कांप उठा था। पिछले बार भूकंप के झटके शाम के समय आए थे और इस बार कुछ ऐसे ही झटके सुबह 8 बजे से कुछ मिनट पहले महसूस किए गए। जानकारी के अनुसार भूकंप के झटकों को 7.54 से 7.58 बजे तक के बीच महसूस किया गया।

बताया जाता है कि सुबह जिस समय ये झटके महसूस किए गए, उस दौरान लोग दिन की शुरूआत कर रहे थे और कुछ तो नींद में मस्त थे। ऐसे में जो काम-काज में लगे थे और भीड़-भाड़ वाली जगह पर थे, उन लोगों ने ये झटके महसूस किेए। भयभीत लोग खुद ही बताते हैं कि इन झटकों के कारण उनके घर की बिल्डिंग हिलने लगी थी, जिससे घर के खिड़की, दरवाजे और अलमारी-रैक में रखे सामान भी हिलने लगे थे। अचानक हुए इस घटनाक्रम के कारण लोग इतने भयभीत हो उठे कि असुरक्षित महसूस करने लगे। सुरक्षा की दृष्टि से लोग घर से बाहर सड़क तरफ भागने लगे।

हैरान करने वाली बात यह है कि पिछली बार की तरह इस बार यह इन झटकों के कई घंटे बाद भी प्रशासन द्वारा यह स्पष्ट नहीं किया जा सका है कि वाकई में ये भूकंप के ही झटके थे या फिर कोयला खदानों में होने वाली हैवी ब्लास्टिंग? हालांकि पिछले बार की तरह इस बार भी कहा जा रहा है कि ब्लास्टिंग का समय तो दोपहर के समय निश्चित है और ऐसे में ये झटके ब्लास्टिंग के हैं ये कहना मुश्किल है। लिहाजा, यह भूकंप ही हो सकता है। जिसे लेकर जिला प्रशासन का सुस्त रवैया, असुरक्षा के साए को भी बढ़ावा देता है।

सिस्टम भी ट्रैस नहीं कर पा रहे झटके
अहम बात यह भी है भारत मौसम विज्ञान और राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केन्द्र के सिस्टम भी सिंगरौली में आए भूकंप जैसे इन झटकों को ट्रैस करने की कोई प्रतिक्रिया नहीं दे पा रहे हैं। ऐसे में संशय की और भी गंभीर स्थिति बन रही है कि आखिर यह भूकंप नहीं है तो फिर क्या है? अगर भूकंप है तो फिर भारत सरकार के ये भूकंप डिटेक्टर सिस्टम यहां के कंपन को क्यों नहीं डिटेक्ट कर पा रहे हैं? 

झटके दौरान बनी ये स्थितियां
- वैढ़न निवासी नरेन्द्र मिश्रा बताते हैं कि सुबह जब वह दिनचर्या में लगे थे और उनकी वृद्ध मां घर बाहर बैठी थी। तब करीब 7.53 बजे अचानक से उनका घर हिलने लगा, दौड़ के वह घर से बाहर आए और घर की बाउंड्री में लगा गेट भड़भड़ा रहा था। उन्होंने बताया महसूस तो ऐसा हो रहा था जैसे पूरा घर उखड़ जाएगा। 
- वैढ़न निवासी गुड्डू सोनी बताते हैं कि वह रोजाना की तरह सुबह जब अपनी दुकान पर जाने के लिए तैयार हो रहे थे। तब करीब 7.57 बजे काफी तेजी से कंपन्न जैसा लगा और महसूस हुआ कि घर की पूरी बिल्डिंग हिल रही है। भयभीत होकर पूरा परिवार घर से बाहर निकले लगा। 
- निगाही निवासी एसके मिश्रा बताते हैं कि जब भूकंप जैसे झटके उन्होंने महसूस किया तब वह घर पर थे। इस दौरान समय करीब 8.02 बजे का था और लगा कि घर की दीवारे भरभराकर गिर जाएगी। भय के कारण सभी लोग घर बाहर निकल गए। 
- जयंत निवासी गणेश प्रसाद बताते हैं कि सुबह करीब 8.03 बजे उन्होंने भी भूकंप जैसे झटके महसूस किया। 
- मोरवा की सी-टाइप कॉलोनी में दूसरे मंजिल पर रहने वाले डीएल रैकवार बताते हैं कि सुबह करीब 7.56 बजे उन्होंने भी भूकंप जैसे झटके महसूस किए। उन्हें लगा जैसे बिल्डिंग झूम रही हो। 
- विंध्यनगर के ढोटी निवासी ज्ञानेन्द्र सिंह ज्ञानू भी बताते हैं कि उन्होंने और आसपास के लोगों ने भी करीब 7.55 बजे भूकंप जैसे झटके महसूस किए थे। बताते हैं कि ऐसा लग रहा था जैसे पूरी जमीन हिल रही हो। 

कोल माइंस में ब्लास्टिंग तो नहीं?
जिले में संचालित कोल माइंसों में रोजाना ब्लास्टिंग होती है और इस दौरान भूकंप के जैसे ही कुछ झटके भी आसपास के लोग महसूस करते हैं। ऐसे में मंगलवार की सुबह आए झटको को लेकर कुछ लोगों का मामना है कि यह झटके खदानों में हुई ब्लास्टिंग के हैं। हालांकि कंपनियों की ओर से कहा जा रहा है कि उनके यहां प्रशासन से मिली अनुमति के तहत दोपहर के दिए गए समय पर ही तय मात्रा में ब्लास्टिंग की जाती है।

बात भी स्पष्ट है कि अगर ये झटके ब्लास्टिंग के कारण होते तो इसकी तीव्रता जितनी वैढ़न तरफ महसूस की गई है। उससे कहीं ज्यादा तीव्रता तो माइंस के आसपास रही होगी। ऐसे हालात में वहां निर्माणों के क्षतिग्रस्त होने की संभावना ज्यादा रहती है, लेकिन अभी तक वहां से ऐसी कोई बड़ी सूचना भी सामने नहीं आयी है। जिहाजा, मामला यहां भी संशय वाला ही बना हुआ है। 

इनका कहना है
प्रथम दृष्टया ये भूकंप के झटके ही लग रहे थे। ऐसे में हमने दो एजेन्सियों यूएजीएस और जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया से जानकारी मांगी हैं, इनकी वेबसाइड पर हर छोटे-बड़े भूकंप के प्वाइंट्स पब्लिस किए जाते हैं। वैसे यहां कोल माइंसों में ब्लॉस्टिंग होती है, लेकिन उसका एक समय दोपहर में निश्चित होता है और झटके तो सुबह के समय महसूस किए गए हैं। हालांकि, इसे लेकर अभी कंपनियों की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गई है कि जिससे हम भी झटके की तीव्रता व इससे जुड़ी अन्य जानकारियों के बारे में हम भी कुछ बता सकते हैं। 
अनुराग चौधरी, कलेक्टर सिंगरौली

Created On :   7 Aug 2018 10:09 AM GMT

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