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विदिशा: ’विश्व कैंसर दिवस" पर 107 मरीजो का स्वास्थ्य परीक्षण हुआ
डिजिटल डेस्क, विदिशा। विश्व कैंसर दिवस चार फरवरी को श्री मंत माधवराव सिंधिया शासकीय जिला चिकित्सालय में शिविर का आयोजन किया गया था। चिकित्सक डॉ पुनीत महेश्वरी, डॉ आरएल सिंह ने मरीजो के स्वास्थ्य का परीक्षण किया और उन्हें कैंसर के लक्षणो की जानकारी देते हुए उपचार के प्रबंधो से अवगत कराया है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ केएस अहिरवार ने भी शिविर में पहुंचकर मरीजो के स्वास्थ्य परीक्षण हेतु किए गए प्रबंधो का जायजा लिया। उन्होंने इस दौरान मरीजो से संवाद कर आयोजन के उद्वेश्यों को रेखांकित किया है। सीएमएचओ डॉ अहिरवार ने बताया कि विश्व कैंसर दिवस पर सम्पन्न हुए शिविर में 107 मरीजो के स्वास्थ्य का परीक्षण किया गया है जिसमें से चार मरीजो में कैंसर के लक्षण पाए गए है जबकि 67 मरीजो का बीपी शुगर निर्धारित मापदण्डो के अनुरूप नही पाया गया है इसके अलावा आवश्यकतानुसार मौके पर 25 मरीजो की ईसीजी की गई है।
शिविर में शामिल होने वाले मरीजो को कैंसर कैसे होता है कि जानकारी दी गई जिसमें मुख्य रूप से उन्हें अवगत कराया गया कि हमारे शरीर में लगभग 3 खरब कोशिकाएं होती है, नियमित रूप से शरीर के अंदर कुछ कोशिकाएं नई बनती है उतनी ही पुरानी कोशिकाएं स्वतः नष्ट हो जाती है यह एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है। कैंसर रोग में यह संतुलन गड़बड़ हो जाता है व कोशिकाओं की बेलगाम बढ़ोत्तरी होती है। कैंसर कई प्रकार का होता है जैसे ब्लड कैंसर, मुंह का कैंसर, लीवर कैंसर, आहार नली का कैंसर, ब्रेस्ट (स्तन) कैंसर, आदि।
शरीर के किसी भी अंग में घाव या नासूर का हो जाना, लंबे समय से शरीर के किसी अंग में दर्दरहित गांठ या सूजन, स्तन में गांठ का होना, मल-मूत्र, उल्टी, थूंक में खून का आना, आवाज में बदलाव, निगलने में दिक्कत, तेज गति से वजन का कम होना, कमजोरी महसूस होना और खून की कमी होना कैंसर के लक्षण हो सकते हैं। धूम्रपान करने से मुंह, फेफड़े, गले, पेट, मूत्राशय का कैंसर होने की संभावना रहती है। तंबाकू, गुटखा, पान, सुपारी के सेवन से मुंह, जीभ, खाने की नली, पेट, गले, गुर्दे का कैंसर होने की संभावना रहती है। शराब के सेवन से श्वांस नली, भोजन नली व तालू का कैंसर होने की संभावना रहती है।
धूम्रपान, तंबाकू, सुपारी, गुटखा, चूना, पान-मसाला, शराब आदि का सेवन न करें। विटामिनयुक्त हरी पत्ते वाली सब्जियां, फल, अनाज, दालें जैसे पौष्टिक भोजन का सेवन करें। कीटनाशक एवं खाद्य संरक्षण रसायन से युक्त भोजन धोकर खायें। अधिक तले-भुने, बार-बार गर्म किये हुए तेल से बने हुए भोजन का सेवन न करें। अपने वजन पर नियंत्रण रखें। नियमित व्यायाम करें और प्रदूषण रहित वातावरण में रहें।
Created On :   5 Feb 2021 3:02 PM IST