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ग्राम पंचायत चुनाव : सभी दलों के जीत के अपने-अपने दावे, बीड में क्षीरसागर ने मारी बाजी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश के 34 जिलों के 12 हजार 711 ग्राम पंचायतों के चुनाव में सत्ताधारी महाविकास आघाड़ी सरकार के तीन घटक दलों शिवसेना, राकांपा व कांग्रेस और विपक्षी दल भाजपा नेल अपनी-अपनी जीत को लेकर दावे किए हैं। महाविकास आघाड़ी के तीनों दलों में से शिवसेना ने बेहतरीन प्रदर्शन किया है। जबकि भाजपा ने राज्य में नंबर-वन की पार्टी बनने का दावा किया है। सोमवार को राज्य चुनाव आयोग ने ग्राम पंचायतों के चुनाव के वोटों की गिनती की। चुनाव परिणाम देर रात तक घोषित होते रहे। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष तथा राजस्व मंत्री बालासाहब थोरात ने कहा कि राज्य में 4 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में कांग्रेस को बहुमत मिला है। राज्य की सभी ग्राम पंचायतों में महाविकास आघाड़ी ने 80 प्रतिशत सीटें हासिल की है। अहमदनगर में थोरात ने कहा कि ग्राम पंचायतों के चुनाव में जनता ने राज्य सरकार के एक साल के काम पर विश्वास जताया है। थोरात ने बताया कि कोल्हापुर, नंदूरबार, लातूर, नांदेड़, अमरावती, यवतमाल, नागपुर, वर्धा, चंद्रपुर, उस्मानाबाद, वाशिम और बुलढाणा जिले के चुनाव नतीजों में कांग्रेस पहले क्रमाक का दल बना है। उन्होंने कहा कि विधान परिषद की छह सीटों के चुनाव की तरह ग्राम पंचायतों चुनाव में भी भाजपा की करारी हार हुई है। राज्य की जनता ने महाविकास आघाड़ी के घटक दलों के समर्थित उम्मीदवारों पर विश्वास जताया है।
बीड में बढ़ी शिवसेना की ताकत
ग्राम पंचायत चुनाव में पूर्व मंत्री जयदत्त क्षीरसागर ने बड़ी जीत हासिल की है। 29 ग्राम पंचायतों में 21 ग्राम पंचायतों पर शिवसेना का कब्जा है, हालांकि वर्तमान विधायक संदीप क्षीरसागर ने केवल 6 ग्राम पंचायतों में ही जीत हासिल की, जब्कि भाजपा की बात करें तो पार्टी को एक भी सीट नहीं मिल पाई। यानी बीजेपी यहां खाता ही नहीं खोल सकी है।
जयदत्त क्षीरसागर ने अपने भतीजे संदीप की आलोचना करते कहा कि ग्राम पंचायत चुनावों कि इस परीक्षा में लोगों ने हम पर अपना भरोसा जताया है।जनता के मन में क्या है यह भी साफ हो गया है। ग्रामीण इलाकों में सभी कार्यकर्ता परेशान थे, क्योंकि वर्तमान में स्थानीय विधायकों ने कुछ विकास कार्य नहीं किया। एक साल में एक भी विकास का काम नहीं हो पाया है और यहां तक कि लोगों से किए गए बड़े वादों को भी नहीं पूरा किया गया।
इस बीच शिवसेना के पूर्व मंत्री जयदत्त क्षीरसागर के मार्गदर्शन में पहली बार शिवसेना ने ग्राम पंचायत चुनाव लड़े और जीते। इसलिए शिवसेना के पूर्व मंत्री जयदत्त क्षीरसागर के निर्वाचन क्षेत्र में एक बार फिर सियासी गर्माहट है।
गडचिरोली की 162 ग्राम पंचायतों के 20 मतदान
ग्राम पंचायतों के चुनाव में 2 लाख 14 हजार 880 उम्मीदवार मैदान में थे जबकि 26 हजार 718 उम्मीदवार पहले ही निर्विरोध घोषित किए जा चुके हैं। प्रदेश में 14 हजार 234 ग्राम पंचायतों के चुनाव घोषित किए गए थे। इसमें से कुछ ग्राम पंचायतों के चुनाव पूर्णरूप और कुछ ग्राम पंचायतों के चुनाव आशिंक रूप से निर्विरोध हुए हैं। जबकि सरपंच और सदस्य पद की नीलामी के प्रकरण में नाशिक के देवला तहसील के उमराणे और नंदूरबार के खोंडामली ग्राम पंचायत के मतदान को चुनाव आयोग ने रद्द कर दिया था। गडचिरोली की 6 तहसील के 162 ग्राम पंचायतों के चुनाव के लिए 20 जनवरी को वोंटिग होगी। इसलिए गडचिरोली जिले की सभी ग्राम पंचायतों के चुनाव परिणाम 22 जनवरी को घोषित किए जाएंगे।
राकांपा को साढ़े चार हजार ग्राम पंचायतों में जीत की उम्मीद
राकांपा के मुख्य प्रवक्ता महेश तपाशे ने कहा कि अभी हम आकड़े एकत्र कर रहे हैं। मंगलवार तक स्थिति स्पष्ट होगी। पर हमें उम्मीद है कि राकांपा चार से साढे चार हजार ग्राम पंचायतों में जीत हासिल करेगी। जबकि शिवसेना की तरफ से ग्राम पंचायत चुनावों को लेकर कोई दावा नहीं किया गया।
चुनाव चिन्ह पर नहीं होते ग्राम पंचायतों के चुनाव
गौरतलब है कि ग्राम पंचायतों के चुनाव राजनीतिक दलों के चुनाव चिन्ह पर नहीं लड़े जाते। इन चुनावों के लिए चुनाव आयोग के सामने अधिकृत उम्मीदवारी भी घोषित करने की जरुरत नहीं पड़ती। इस लिए किसी दल का कितनी सीटें मिली इस बारे में चुनाव आयोग के पास कोई आकड़ा नहीं होता। इस लिए हर बार चुनाव के बाद सभी दल अपनी-अपनी जीत के आकड़े पेश करते हैं।
गलत आकड़े पेश कर रही भाजपा
भाजपा की ओर से सबसे अधिक सीटें जीतने के दावे पर थोरात ने कहा कि प्रदेश भाजपा चंद्रकांत पाटील और भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष तथा केंद्रीय राज्य मंत्री रावसाहब दानवे के गांव में भाजपा को हार मिली है। उन्होंने कहा कि न्यूज चैनल पर झूठ बोलने में भाजपा वाले माहिर हैं। इसलिए भाजपा के लोग झूठे आंकड़े घोषित करके जीत का बड़ा दावा कर सकते हैं लेकिन चुनाव नतीजों से साफ ही भाजपा की बड़ी हार हुई है। इसलिए जनता को भ्रमित करने के बजाय भाजपा को खुल दिल से हार स्वीकारें।
भाजपा ने किया 6 हजार सीटों पर जीत का दावा
दूसरी ओर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील ने राज्य की 6 हजार ग्राम पंचायतों में बहुमत मिलने की उम्मीद जताई है। प्रदेश भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में पाटील ने 1907 ग्राम पंचायतों में भाजपा समर्थिक पैनल को स्पष्ट बहुमत मिलने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि निर्विरोध घोषित हुए 564 ग्राम पंचायतों में भाजपा के पैनल को पहले ही जीत मिली है। पाटील ने कहा कि चंद्रपुर में 629 में से 348 ग्राम पंचायत, जलगांव में 743 में से 372 ग्राम पंचायतों में भाजपा को विजय मिली है। जलगांव में राकांपा नेता एकनाथ खडसे के कोथली ग्राम पंचायत में भाजपा को जीत मिली है। कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण के चुनाव क्षेत्र कराड तहसील में सभी ग्राम पंचायतों में भाजपा का वर्चस्व है। पाटील ने कहा कि ग्राम पंचायतों के चुनाव परिणाम से साफ हो गया है कि राज्य में चारों प्रमुख दल अलग-अलग लड़ेंगे तो भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनेगी। लेकिन ऐसा होगा नहीं क्योंकि महाविकास आघाड़ी को मालूम है कि अलग-अलग लड़ने पर उनकी क्या हालत होगी। पाटील ने कहा कि ग्राम पंचायतों के चुनाव परिणाम से स्पष्ट है कि यदि भाजपा और शिवसेना को जोड़ दिया जाए तो कांग्रेस और राकांपा बचेगी ही नहीं। लेकिन शिवसेना पक्ष प्रमुख तथा मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को यह बात समझ में आई होती तो राज्य में महाविकास आघाड़ी सरकार बनती ही नहीं।
विदर्भ में कांग्रेस सबसे आगेः थोरात
थोरात ने कहा कि विदर्भ अंचल में कांग्रेस को बड़ी सफलता मिली है। विदर्भ की 50 प्रतिशत से अधिक ग्राम पंचायतों में कांग्रेस को जीत मिली है। मराठवाड़ा संभाग में भी कांग्रेस की सीटों के साथ-साथ वोटों का प्रतिशत बढ़ा है। थोरात ने कहा कि मुझे विश्वास है कि मराठवाड़ा में कांग्रेस एक नंबर की पार्टी के रूप में सामने आएगी।
Created On :   18 Jan 2021 7:41 PM IST