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पानी लेने के लिए 63 किमी दूर भेजी रही है दिल्ली वाली ट्रेन !
डिजिटल डेस्क सिंगरौली (मोरवा)। लोगों की मांग और जरूरत को लेकर सिंगरौली से दिल्ली के हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन तक सप्ताहिक ट्रेन का संचालन तो शुरू हो गया लेकिन अभी तक सिंगरौली में नितांत जरूरी संसाधन उपलब्ध नही कराये जा सके हैं। जिससे ट्रेन में पानी और डीजल की जरूरतों के लिये दिल्ली से लौटने के बाद ट्रेन को सिंगरौली से 63 किमी दूर चोपन स्टेशन पानी और डीजल फिलिंग के लिये भेजा जा रहा है। इस ट्रेन को सिंगरौली रेलवे स्टेशन में खड़ा करने के लिये पिट लाइन भी नही है। कहीं ऐसा तो नही कि धीरे-धीरे इस ट्रेन को सिंगरौली से दिल्ली की बजाय चोपन से हजरत निजामुददीन के लिये चलाना शुरू कर दिया जाये। हर सप्ताह इस तरह की बेवजह आवाजाही से रेलवे को लाखों रूपये का नुकसान डीजल की खपत के रूप में हो रहा है ।
सिंगरौली में ही इस प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकती है जिसको लेकर रेलसूत्र बताते हैं कि वाटरिंग के लिये महज 5 से 6बोगियों की वाटरिंग लाइन बढ़ाने की जरूरत है और एक अलग पिट लाइन बनाया जाना चाहिये। जिससे कि दिल्ली की ट्रेन के सभी 19कोचों में पानी भरा जा सके और उसे सिंगरौली में रोकने के लिये एक अलग से पिट लाइन बनाई जाय। यदि ऐसा जल्द ही नही किया गया तो इस ट्रेन को चोपन से दिल्ली संचालित करने की मांग उठने में भी देर नही लगेगी और फिर सिंगरौलीवासियों को यहीं से दिल्ली की ट्रेन मिलने की बजाय चोपन से आने की
प्रतीक्षा करनी होगी। जिस प्रकर हर गुरूवार इस ट्रेन को सुबह से शाम तक चोपन में मात्र स्टे करने के लिये भेजा जा रहा है। फिलहाल इस ट्रेन को सिंगरौली से बंद करके खाली ही चोपन के लिये दौड़ाया जाता है और उसी प्रकार शाम को भोपाल जाने के लिये चोपन से उसी प्रकार डिब्बे बंद कर सिंगरौली लाया जा रहा है।
डीजल के लिये खर्च हो रहे लाखों
जानकारों की माने तो सिंगरौली से चोपन जाने में इस ट्रेन को तकरीबन 300लीटर डीजल और वापसी में लगभग 500 लीटर डीजल खर्च हो रहा है। सिंगरौली से चोपन के लिये ढाल होने के कारण डीजल कम लगता है लेकिन चोपन से सिंगरौली वापस लाने में लगभग दोगुना डीजल खर्च होता है जिससे रेलवे को लाखों का डीजल फंूकना पड़ रहा हैै। सिंगरौली में वाटरिंग की व्यवस्था हो जाने से रेलवे का खर्च और क्रू मेम्बर्स की बेवजह की समस्या का समाधान भी हो जायेगा।
लाइन रहती है व्यस्त
रेलवे के नियमानुसार किसी भी मेन लाइन को अधिक देर तक व्यस्त नहीं रखा जाना चाहिये। चोपन से सिंगरौली रेलखण्ड सिंगल लाइन होने और इस रूट पर कोयलावाहक गाडिय़ों का लगातार संचालन होने के कारण रूट अनावश्यक रूप से बिजी रहता है। जिससे कई बार तो सिंगरौली और करैला रोड जंक्शन के बीच ही यात्री ट्रेनों को घंटो तक रोके रखा जाता है। आये दिन यात्रियों के द्वारा प्लेटफार्म नम्बर-1 की बजाय पीएफ दो या तीन में यात्री ट्रेनें खड़ा किये जाने और मालगाड़ी को एक नम्बर में खड़ा किये जाने की शिकायत की जा रही है। जिसकी वजह स्टेशन में जरूरत के मुताबिक पिट लाइन (अतिरिक्त लाइन) का न होना है।
हो सकता है समाधान
आने वाले दिसम्बर माह में सिंगरौली में एसी कोच मेंटेनेंस यार्ड शुरू होने वाला है। इसमें कोच की वाशिंग आदि की व्यवस्था की गई है। जिसे रेलवे के कन्सट्रक्शन विभाग द्वारा बनाया जा रहा है। इसी कार्य के साथ ही स्टेशन में वॉटरिंग सिस्टम को बढ़ाया जा सकता है ।
Created On :   3 Oct 2017 4:10 PM IST