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कॉमर्शियल माइनिंग के विरोध में श्रमिक संगठन आए आगे, 16 अप्रैल को करेंगे हड़ताल
डिजिटल डेस्क सिंगरौली (मोरवा)। सरकार के कॉमर्शियल माइनिंग कराये जाने की निर्णय लिये जाने के बाद कोयला उद्योग के श्रमिक संगठनों में आक्रोश व्याप्त है। दिल्ली में चारों महासंघों की बैठक में 16 अप्रैल को हड़ताल करने का निर्णय ले लिया गया है इसी के साथ आईआर से बाहर के संगठन इंटक ने भी हड़ताल को सफल बनाने की अपील की है। इन सबके बावजूद रविवार को सरकार ने ज्वाइंट वाइपरटाइट कमेटी ऑफ कोल इंडस्ट्री जेबीसीसीआई को भंग कर दिया है। इसके स्थान पर स्थाई कमेटी का गठन किया गया है जिसमें श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधि और कोलइंडिया के प्रभारी चेयरमैन, निदेशक कार्मिक और सभी अनुषांगी कम्पनियों के सीएमडी को शामिल किया गया है।
निजिकरण का षडय़ंत्र
इससे पहले इस कमेटी में 38सदस्य थे। इन सभी कार्रवाईयों को कोयला उद्योग के श्रमिक नेता कम्पनी को निजीकरण की ओर ले जाने की कोशिश बता रहे हैं। जेबीसीसीआई-10 समाप्त कर सीईएल अपेक्स जेसीसी द्वारा गठित समिति से चर्चा करने पर वैधता एवं उपयोगिता पर भी गंभीर प्रश्न चिन्ह बना हुआ है। क्योंकि अपेक्स समिति केवल परामर्शदात्री समिति है। स्थाई समिति या स्टैंडराइजेशन कमेटी एक ही समिति है या अलग अलग। भारत सरकार के द्वारा एक के बाद एक निर्णय लिये जाने से कोलइंडिया के निजीकरण का रास्ता साफ किया जा रहा है।
12 मार्च को तय होगी रणनीति
मामले पर इंटक आरसीएसएस के महामंत्री बीरेन्द्र सिंह बिस्ट ने कहा कि बीएमएस द्वारा इंटक फेडरेशन के अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद सिंह से हड़ताल के मामले पर कोई चर्चा न किया जाना गलत है। आईआर वाले संंगठनों ने अपने दोष से बचने के लिये 16अप्रैल को हड़ताल करने का नोटिस दिया है। इन सभी मुद्दों पर 12मार्च को इंटक फेडरेशन की बैठक में सब कुछ तय किया जायेगा उसके अनुसार ही आगे की रणनीति बनेगी। दूसरी ओर सरकार के निर्णयों पर रोष प्रकट करते हुए एटक सीएमएस के महामंत्री अशोक दुबे ने कहा कि कॉमर्शियल माइनिंग के सरकार के फैसले का पुरजोर विरोध किया जायेगा।
Created On :   7 March 2018 2:16 PM IST