ढाई लाख रुपए लाओ तभी बच पाएगी मरीज की जान, मौत

Young man died in road accident, doctors demand money for treatment
ढाई लाख रुपए लाओ तभी बच पाएगी मरीज की जान, मौत
ढाई लाख रुपए लाओ तभी बच पाएगी मरीज की जान, मौत

डिजिटल डेस्क, रीवा। सड़क दुर्घटना में घायल युवक की  मौत हो जाने के बाद चौकाने वाली बात सामने आई है। परिजन का आरोप है कि अस्पताल के एक चिकित्सक द्वारा अपने बंगले बुलाने के बाद यह कहा गया था कि ढाई लाख रूपये की व्यवस्था करो और मरीज को नर्सिंग होम ले चलो। गरीबी के चलते वे इंतजाम नहीं कर पाए और जान चली गई। परिजनों ने थाने में मामले की लिखित शिकायत की है। जिले के बैकुण्ठपुर थाना क्षेत्र अंतर्गत डेल्ही गांव के सुनील साकेत पुत्र तुलसीदास 25 वर्ष को सड़क दुर्घटना में घायल होने पर 28 जुलाई को संजय गांधी स्मृति चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था। सुनील के सिर पर गंभीर चोट थी। परिजन की मानें तो अस्पताल में भर्ती के बाद ऑपरेशन को कहा गया। ब्लड आदि का इंतजाम 28 जुलाई को ही कर लिया गया था। आरोप है कि इसी बीच एक कर्मचारी ने परिजन को बताया कि न्यूरो विशेषज्ञ डॉ. सोनपाल जिन्दल ने अपने कमरे में बुलाया है। जहां जाने के बाद यह कहा गया कि अस्पताल में ऑपरेशन नहीं हो पाएगा। 

पांच सौ रूपये फीस भी ले ली

परिजन की मानें तो डॉक्टर का मैसेज मिलने के बाद डॉक्टर्स कॉलोनी जाकर उनसे मुलाकात की गई। जहां पांच सौ रूपये फीस भी चिकित्सक द्वारा ली गई। आरोप है कि डॉक्टर ने साफ कह दिया था कि ढाई लाख रूपये का इंतजाम करो। ऑपरेशन अस्पताल में नहीं होगा। नर्सिंग होम में ही किया जाएगा। 

पोस्टमार्टम कर शव सौंपा

सड़क दुर्घटना में घायल सुनील की मौत होने पर आज शनिवार की सुबह पोस्टमार्टम कर शव परिजन को सौंपा गया। बताया गया है कि 28 जुलाई को सुनील सहित बाइक में सवार तीन लोग पथरी गांव के समींप दुर्घटनाग्रस्त हुए थे। बाइक स्लिप होने से सुनील को ज्यादा चोट आने की वजह से संजय गांधी स्मृति चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था। 

एक साल पहले हुई शादी

मृतक सुनील की शादी एक साल पहले ही शहर के निपनिया मोहल्ले में हुई थी। इस घटना से परिवार पर विपत्ति का पहाड़ टूट पड़ा है। अस्पताल में पोस्टमार्टम के दौरान काफी संख्या में लोग उपस्थित रहे। सभी ने एक सुर में कहा कि अस्पताल में इस तरह की मनमानी करने वाले चिकित्सक पर सख्त कार्यवाही होनी चाहिए।

थाना में शिकायत

चिकित्सक द्वारा सरकारी अस्पताल में मरीज का ऑपरेशन करने के बजाय नर्सिंग होम में ले जाने की बात कहे जाने का मामला पुलिस तक पहुंच गया है। मृतक के परिजन ने अस्पताल चौकी पुलिस से शिकायत करने के बाद सिविल लाइंस थाना जाकर जांच  कार्यवाही के लिए आवेदन दिया। 

इनका कहना है  

मै नियमित रूप से अस्पताल का राउण्ड लेता हूं। मुझे किसी ने भी ऐसा नहीं बताया। यदि ऐसी कोई बात थी तो अटेण्डर्स मुझे बता सकते थे। आपके माध्यम से ऐसी बात पता चली है, जिसे मै जरूर देखूंगा। डॉ.एपीएस गहरवार, अस्पताल अधीक्षक 
 

उपचार में लापरवाही और रुपये मांगे जाने की शिकायत आई है, जिसे जांच में लिया गया है। इस संबंध में मेडिकल कालेज के डीन को भी पत्र लिखा जाएगा।
शशिकांत  चौरसिया, टीआई सिविल लाइंस

Created On :   3 Aug 2019 4:56 PM IST

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