दीपावली 2023: कई सालों बाद बन रहा 5 राजयोग का संयोग, इस विधि से करें मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा

कई सालों बाद बन रहा 5 राजयोग का संयोग, इस विधि से करें मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा
महासंयोग महालक्ष्मीजी की कृपा बरसाएगा

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रोशनी का सबसे बड़ा त्योहार दीपावली हर वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को धूम- धाम से मनाया जाता है। इस वर्ष यह पर्व 12 नवंबर, रविवार को मनाया जा रहा है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस बार कई सालों के बाद चंद्रमा, बुध, गुरुगु और शुक्र ग्रहों की स्थिति के कारण 5 राजयोग का संयोग बन रहा है। इसी के साथ सौभाग्य योग और आयुष्मान योग के साथ शनि अपनी स्वराशि में विराजमान रहेंगे, जिससे महापुरुष राजयोग बन रहा है। यह महासंयोग महालक्ष्मीजी की कृपा बरसाएगा।

बता दें कि दीपावली पर माता लक्ष्मी और भगवान श्री गणेश की पूजा की जाती है। माता लक्ष्मी को इस संसार में भौतिक सुखों को प्रदान करने वाली देवी के रूप में पूजा जाता है। इस त्योहार को खुशहाली, समृद्धि, शांति और सकारात्‍मक ऊर्जा का द्योतक माना गया है।

लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त

शुभ मुहूर्त: 12 नवंबर, रविवार शाम 5 बजकर 40 मिनट से 7 बजकर 36 मिनट तक

महानिशीथ काल मुहूर्त: रात 11 बजकर 39 मिनट से मध्यरात्रि 12 बजकर 31 मिनट तक है।

मान्यता

इस दिन शाम के दिन घर में दीपक अवश्य ही जलाना चाहिए। मान्यताओं के अनुसार मां लक्ष्मी इससे घर में प्रवेश करती हैं लेकिन इसके साथ घर से नकारात्मक शक्तियों का अंत होता है और घर में खुशियां आती हैं। इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा करने से माता प्रसन्न होकर मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं।

ऐसे करें पूजा

सबसे पहले चौकी पर लक्ष्मी व गणेश की मूर्तियां इस प्रकार रखें कि उनका मुख पूर्व या पश्चिम में रहे। लक्ष्मीजी, गणेशजी की दाहिनी ओर रहें।

पूजा करने वाले मूर्तियों के सामने की तरफ बैठें।

कलश को लक्ष्मीजी के पास चावलों पर रखें।

नारियल को लाल वस्त्र में इस प्रकार लपेटें कि नारियल का अग्रभाग दिखाई देता रहे व इसे कलश पर रखें। यह कलश वरुण का प्रतीक है।

दो बड़े दीपक रखें। एक में घी भरें व दूसरे में तेल।

एक दीपक चौकी के दाईं ओर रखें व दूसरा मूर्तियों के चरणों में।

इसके अलावा एक दीपक गणेशजी के पास रखें।

मूर्तियों वाली चौकी के सामने छोटी चौकी रखकर उस पर लाल वस्त्र बिछाएं।

कलश की ओर एक मुट्ठी चावल से लाल वस्त्र पर नवग्रह की प्रतीक नौ ढेरियां बनाएं।

गणेशजी की ओर चावल की सोलह ढेरियां बनाएं। ये सोलह मातृका की प्रतीक हैं।

नवग्रह व षोडश मातृका के बीच स्वस्तिक का चिह्न बनाएं।

इसके बीच में सुपारी रखें व चारों कोनों पर चावल की ढेरी। सबसे ऊपर बीचों बीच ॐ लिखें।

छोटी चौकी के सामने तीन थाली व जल भरकर कलश रखें।

कैसे सजाएं पूजा की थाली

1. ग्यारह दीपक

2. खील, बताशे, मिठाई, वस्त्र, आभूषण, चन्दन का लेप, सिन्दूर, कुंकुम, सुपारी, पान

3. फूल, दुर्वा, चावल, लौंग, इलायची, केसर-कपूर, हल्दी-चूने का लेप, सुगंधित पदार्थ, धूप, अगरबत्ती, एक दीपक।

इन थालियों के सामने पूजा करने वाला बैठे। आपके परिवार के सदस्य आपकी बाईं ओर बैठें। कोई आगंतुक हो तो वह आपके या आपके परिवार के सदस्यों के पीछे बैठे।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

Created On :   11 Nov 2023 10:00 AM GMT

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