कालाष्टमी: इस दिन गरीब व जरूरतमंद लोगों को दाने से मिलते हैं कई लाभ, जानें इस दिन का महत्व और मान्यता

इस दिन गरीब व जरूरतमंद लोगों को दाने से मिलते हैं कई लाभ, जानें इस दिन का महत्व और मान्यता
  • काल भैरव को समय का भगवान कहा जाता है
  • भगवान शिव का स्वरूप माने जो हैं काल भैरव
  • कालाष्टमी पर कालभैरव के उपासक व्रत रखते हैं

डिजिटल डेस्क, भोपाल। हर मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी मनाई जाती है। इस दिन भगवान शिव का स्वरूप माने जाने वाले काल भैरव की पूजा की जाती है। काल भैरव को समय का भगवान भी कहा जाता है। इस दिन कालभैरव के उपासक व्रत रखते हैं और पूरी विधि विधान से उनकी पूजा करते हैं। इस माह में कालाष्टमी 4 जनवरी 2024 को मनाई जा रही है।

ऐसा माना जाता है कि, काल भैरव की उत्पत्ति भगवान शिव के क्रोध से हुई थी। इसलिए इस तिथि को कालभैरव अष्टमी नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि भगवान शिव ने पापियों को दंड देने के लिए रौद्र रूप धारण किया था। कालाष्टमी की पूजा से कई सारे लाभ मिलते हैं।

क्या है मान्यता

हिन्दू धर्म के अनुसार, काल भैरव को काल का देवता माना गया है। ऐसे में कालाष्टमी का तंत्र साधना में बड़ा महत्व है। ऐसा भी माना जाता है कि, यदि इस दिन किसी की हत्या की जाती है तो भगवान काल भैरव उग्र हो जाते हैं और उस व्यक्ति के विनाश का कारण बन जाते हैं। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस दिन गरीब व जरूरतमंद लोगों का दान देने से पुण्य फल की प्राप्ति होती है।

कालाष्टमी पूजा से मिलते हैं ये लाभ

- भैरव बाबा की उपासना षोड्षोपचार पूजन सहित करनी चाहिए और रात्री में जागरण करना चाहिए।

- कालाष्टमी पर काल भैरव को नींबू की माला अर्पित करना चाहिए

- रात में भजन कीर्तन करते हुए भैरव कथा व आरती करने से विशेष लाभ मिलता है।

- भैरव अष्टमी के दिन व्रत और पूजा उपासना करने से शत्रुओं और नकारात्मक शक्तियों का नाश हो जाता है।

- इस दिन भैरव बाबा की विशेष पूजा अर्चना करने से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिलती है।

- इस तिथि पर श्री कालभैरव जी का दर्शन- पूजन करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।

- काल भैरव को प्रसन्न करने के लिए काले कुत्ते को मीठा भोजन कराना चाहिए।

- इस दिन काल भैरव के दर्शन करने से भूत पिशाच का डर खत्म हो जाता है।

इन मंत्रों का करें जाप

ओम ह्रीं बं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरूकुरू बटुकाय ह्रीं.

ओम कालभैरवाय नम:

ओम भ्रं कालभैरवाय फट्

ओम भयहरणं च भैरव:

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

Created On :   3 Jan 2024 5:31 AM GMT

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