कब है मकर संक्रांति आज या कल? जानें स्नान-दान का शुभ मुहूर्त

Makar Sankranti 2023: When is Sankranti on 14th or 15th January? Know muhurat
कब है मकर संक्रांति आज या कल? जानें स्नान-दान का शुभ मुहूर्त
मकर संक्रांति 2023 कब है मकर संक्रांति आज या कल? जानें स्नान-दान का शुभ मुहूर्त

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिन्दू धर्म में सूर्य की उपासना का अलग ही महत्व है, जो कि मकर संक्रांति के त्यौहार पर और अधिक बढ़ जाता है। जब मकर राशि में आता है तब उत्तरायण कहलाता है। सूर्य के उत्तरायण होने अथवा मकर राशि में प्रवेश करने पर ही मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है। हालांकि, इस वर्ष भी तारीख को लेकर असमंजस की स्थिति बन रही है। कई लोग 14 जनवरी तो कई लोग 15 जनवरी को त्योहार मना रहे हैं। 

धर्मग्रंथों के अनुसार, वेदों में सूर्य को जगत की आत्मा कहा गया है। सूर्य सृष्टि को चलाने वाले एक प्रत्यक्ष देवता हैं। वैदिक ज्योतिष में सूर्य को नवग्रहों के राजा की उपाधि दी गई है। ये आत्मा, पिता और सरकारी सेवा का कारक माना जाता है। आइए जानते हैं संक्रांति का शुभ मुहूर्त और त्यौहार से जुड़ी खास बातें...

शुभ मुहूर्त
संक्रांति आरंभ: 14 जनवरी 2023 को रात 08 बजकर 43 मिनट पर  
मकर संक्रांति का पुण्य काल मुहूर्त: 15 जनवरी सुबह 06 बजकर 47 मिनट से शाम 05 बजकर 40 मिनट तक
महापुण्य काल: सुबह 07 बजकर 15 मिनट से सुबह 09 बजकर 06 मिनट तक 
मकर संक्रांति: उदयातिथि के अनुसार, मकर संक्रांति इस बार 15 जनवरी 2023 को मनाई जाएगी।

पूजा व‍िध‍ि
भविष्यपुराण के अनुसार सूर्य के उत्तरायण के दिन संक्रांति व्रत करना चाहिए। इस दिन तिल को पानी में मिलाकार स्नान करना चाहिए। यदि संभव हो तो गंगा स्नान करना चाहिए। इस द‍िन तीर्थ स्थान या पवित्र नदियों में स्नान करने का महत्व अधिक है। स्नान के बाद भगवान सूर्यदेव की पूजा-अर्चना करनी चाहिए। मकर संक्रांति पर अपने पितरों का ध्यान और उन्हें तर्पण जरूर देना चाहिए।

इन मंत्रों का करें उच्चारण
. ऊं सूर्याय नम: ऊं आदित्याय नम: ऊं सप्तार्चिषे नम:
. ऋड्मण्डलाय नम: , ऊं सवित्रे नम: , ऊं वरुणाय नम: , ऊं सप्तसप्त्ये नम: , ऊं मार्तण्डाय नम: , ऊं विष्णवे नम: 
. इसके अलावा गायत्री मंत्र का उच्चारण भी किया जा सकता है।

दान-पुण्य का महत्व
मकर संक्रांति के शुभ मुहूर्त में स्‍नान और दान-पुण्य करने का व‍िशेष महत्‍व है। इस द‍िन ख‍िचड़ी का भोग लगाया जाता है। यही नहीं कई जगहों पर तो मृत पूर्वजों की आत्‍मा की शांति के लिए ख‍िचड़ी दान करने का भी व‍िधान है। मकर संक्रांति पर तिल और गुड़ का प्रसाद भी बांटा जाता है। कई जगहोंं पर पतंगें उड़ाने की भी परंपरा है।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

Created On :   12 Jan 2023 4:48 PM GMT

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