AI Skills: सिर्फ डिग्री नहीं, भविष्य के लिए ऐआयी स्किल्स चाहिए - कौस्तुभ जोशी

सिर्फ डिग्री नहीं, भविष्य के लिए ऐआयी स्किल्स चाहिए - कौस्तुभ जोशी
आज ज़रूरत है ऐसे हुनर की, जो न केवल उन्हें पढ़ाई में आगे बढ़ाए, बल्कि बदलती दुनिया की चुनौतियों का डटकर सामना करने में भी सक्षम बनाए।

इंदौर (मध्य प्रदेश), अप्रैल 30: समय बदल रहा है, और उसके साथ बदल रही है सफलता की परिभाषा भी। आज की दुनिया में केवल किताबों के पन्नों पर सिमटी डिग्रियाँ बच्चों को वह भविष्य नहीं दे सकती जिसकी उन्होंने और उनके माता-पिता ने कल्पना की है।

आज ज़रूरत है ऐसे हुनर की, जो न केवल उन्हें पढ़ाई में आगे बढ़ाए, बल्कि बदलती दुनिया की चुनौतियों का डटकर सामना करने में भी सक्षम बनाए।

इसी विचार के साथ, टैलेंट फोर्ज अकादमी और इसके संस्थापक कौस्तुभ जोशी ने एक पहल की है — बच्चों और अभिभावकों को यह समझाने के लिए कि आज का सबसे बड़ा निवेश है — नई स्किल्स में समय और प्रयास लगाना।

कौस्तुभ जोशी कहते हैं,

"जब मैंने 12वीं पास की थी, तब भी चारों ओर यही माहौल था — डिग्री ले लो, नौकरी मिल जाएगी। लेकिन दिल के किसी कोने में मैं जानता था कि सिर्फ डिग्री मुझे वहां नहीं पहुंचाएगी, जहाँ मैं जाना चाहता हूँ। मैंने डिजिटल स्किल्स सीखने की शुरुआत की, और वहीं से मेरी असली यात्रा शुरू हुई। आज जो भी अनुभव और सफलता मुझे मिली है, वह उसी पहले कदम का नतीजा है।"

उनकी कहानी आज के हजारों युवाओं के लिए एक आइना है — जो दिखाता है कि समय रहते सही दिशा पकड़ने से कैसे पूरी ज़िंदगी बदल सकती है।

सिर्फ सपने देखना काफी नहीं, उन्हें पूरा करने के लिए तैयारी चाहिए आज बच्चे टेक्नोलॉजी के बीच पले-बढ़े हैं, लेकिन क्या वे टेक्नोलॉजी को सिर्फ मनोरंजन का साधन मानते हैं? या वे उसे भविष्य बनाने के साधन के रूप में देख पाते हैं?

यह फर्क तभी आएगा जब उन्हें सही मार्गदर्शन और सही प्लेटफॉर्म मिलेगा।

डिजिटल मार्केटिंग, सोशल मीडिया स्ट्रैटेजी, AI टूल्स — ये सिर्फ शब्द नहीं हैं, ये आने वाले वर्षों के सबसे बड़े अवसर हैं। अगर बच्चों ने आज इन क्षेत्रों में कौशल विकसित कर लिया, तो कल उन्हें दुनिया की कोई भी सीमा रोक नहीं पाएगी।

माता-पिता की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण है

एक माता-पिता के रूप में आज का सबसे बड़ा सवाल यह है: "क्या मेरा बच्चा सिर्फ परीक्षा पास कर रहा है, या भविष्य के लिए तैयार हो रहा है?"

समय की मांग है कि हम बच्चों को केवल नंबरों की दौड़ में न झोंके, बल्कि उन्हें ऐसी स्किल्स दें जो उन्हें आत्मनिर्भर बना सकें।

उनके भीतर वह विश्वास पैदा करें कि वे केवल जॉब ढूंढने वाले नहीं, बल्कि अवसर बनाने वाले बन सकते हैं।

एक छोटा कदम आज, एक बड़ा बदलाव कल

टैलेंट फोर्ज अकादमी इंदौर में बच्चों और युवाओं के लिए ऐसा माहौल बना रही है, जहाँ शिक्षा के साथ-साथ स्किल्स पर भी ध्यान दिया जाता है। डिजिटल मार्केटिंग जैसे कोर्सेस बच्चों को न केवल नई तकनीकों से जोड़ते हैं, बल्कि उन्हें रचनात्मकता, विश्लेषणात्मक सोच और आत्मनिर्भरता की ओर भी ले जाते हैं।

यह पहल एक अवसर है — अपने बच्चों को भविष्य की अनिश्चितताओं से लड़ने का साहस देने का।

क्योंकि अंत में, डिग्री से पहचान मिलती है, लेकिन स्किल्स से भविष्य बनता है।

Created On :   3 May 2025 4:23 PM IST

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