Panna News: होल कर पाइप लगा बाहर निकाल रहे स्कूल भवन का पानी

होल कर पाइप लगा बाहर निकाल रहे स्कूल भवन का पानी
  • होल कर पाइप लगा बाहर निकाल रहे स्कूल भवन का पानी
  • शिक्षक बोले पांच सालों से स्कूल के खाते में नहीं आया एक रुपए स्वयं चला रहे व्यवस्थाएं
  • राज्य शिक्षा केंद्र की डिजी.जीओव्ही. में स्कूल रजिस्टर्ड न होने से आ रहीं समस्याएं

Panna News: रैपुरा संकुल के अंतर्गत आने वाली शासकीय प्राथमिक शाला बीजखेड़ा इन दिनों बुनियादी समस्याओं से जूझ रही है। बारिश का मौसम अभी शुरू भी नहीं हुआ है और स्कूल भवन में सीलन व पानी भरने की समस्या सामने आने लगी है। स्थिति यह है कि स्कूल भवन की छत में छेद कर पाइप लगाकर शिक्षकों ने स्वयं पानी बाहर निकालने की व्यवस्था की है। मध्याहन भोजन जिस रसोई में बनता है वहीं का छप्पर टूटा पड़ा है। वहां खाना बनाने के लिए लोग तैयार नहीं है। क्योंकि बचा हुआ मलवा कभी भी गिर सकता है। शाला के शिक्षकों का कहना है कि बीते पाँच वर्षों से स्कूल के खाते में एक भी रुपया नहीं आया है और न ही किसी प्रकार की मरम्मत, सफाई, पानी या बिजली की व्यवस्था के लिए शासन से कोई आर्थिक सहायता मिल पाई है। ऐसे में शिक्षकों को स्वयं के प्रयासों से विद्यालय की साफ.-सफाई, मरम्मत और मूलभूत सुविधाओं का प्रबंध करना पड़ रहा है। स्कूल की इस स्थिति के पीछे एक बड़ी वजह यह भी सामने आई है कि शाला राज्य शिक्षा केंद्र की डिजी. जीओव्ही. प्रणाली में पंजीकृत नहीं है। इसकी वजह से स्कूल को फंड जारी नहीं हो पा रहा है और सभी विकास व रखरखाव संबंधी कार्य प्रभावित हो रहे हैं। ग्रामीणों ने भी इस मामले को गंभीर बताते हुए कहा कि बच्चों की पढ़ाई का स्तर तब सुधरेगा जब स्कूलों की भौतिक दशा बेहतर होगी। उन्होंने मांग की है कि संबंधित विभाग जल्द से जल्द स्कूल का पंजीयन करवाकर आर्थिक मदद उपलब्ध कराए जिससे बच्चों को सुरक्षित व स्वच्छ वातावरण मिल सके।

डीपीसी के विवादित बोल कहा जिन निर्माण एजेंसियों ने भवन बनाएं उनसे पूछे

हमने स्कूलों की जर्जर स्थिति के बारे में पन्ना डीपीसी से इस मामले में बात की तो बोले कि आप उन एजेंसियों से बात करिए जिन्होंने ऐसे घटिया निर्माण किए है। हमने जब उनसे कहा कि यह तो विभाग को पूछना चाहिए और खराब भवनों के तय समय से पहले जर्जर कैसे हो रहे हैं। विभाग के इंजीनियर भवनों की निर्माण की गुणवत्ता कैसे जांचते हैं। अगर घटिया निर्माण हुए तो आपकी तरफ से निर्माण एजेंसियों और संबंधित विभाग से जवाब लिया गया। इन मामलों में डीपीसी गोलमोल जवाब देते नजर आए। भवनों के निर्माण में भ्रष्टाचार की कहानी कहती तस्वीरें। जिन भवनों के छत गिर थे वहां किसी में भी सीलिंग में छपाई नहीं मिली।

पूरे रैपुरा संकुल के सिर्फ सात स्कूलों को जर्जर भवनों की श्रेणी में रखा गया है जबकि यहां के अधिकतर स्कूलों के भवनों की स्थिति खतरनाक है। छतों से गिरते सीमेंट के टुकड़े साफ दिखाई देती छत में सरिया और उनसे गिरता पानी भवनों में हुए भ्रष्टाचार की साफ कहानी कह रहे हैं। बड़ा सवाल यह है कि विभाग निर्माण के समय किस आधार पर गुणवत्ता जांचता है। क्या विभाग के इंजीनियर बिना देखे ही अपने कार्यालयों से मुआयना कर रहे हैं। हमने जितने भी स्कूलों के भवनों को देखा हमे किसी भी भवन में छपाई नहीं मिली। कम गुणवत्ता की लगी निर्माण सामग्री भ्रष्टाचार की सारी कहानियां बयां कर रही हैं।

इनका कहना है

हमें बीजाखेडा स्कूल में राशि नहीं आने के मामले की जानकारी नहीं थी, जल्द ही समस्या का समाधान करवाते हैं।

रवि प्रकाश खरे, जिला शिक्षा अधिकारी पन्ना

Created On :   16 Jun 2025 11:58 AM IST

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