- आम आदमी को एक और बड़ा झटका, एलपीजी सिलेंडर के दामों में 25 रुपए का इजाफा
- दिल्ली: सिस्टर पी. निवेदा ने लगाई पीएम मोदी को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज
- पीएम मोदी बोले- कृषि में प्राइवेट सेक्टर को बढ़ावा देने का वक्त आ गया है
- दिल्लीः पीएम मोदी ने AIIMS में कोरोना वैक्सीन लगवाई, लोगों से की अपील- बेफिक्र होकर लगवाएं टीका
- कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का तमिलनाडु दौरा, कन्याकुमारी में छात्रों से करेंगे संवाद
Health: सोच समझकर खरीदें फल, ऐसे जानें प्राकृतिक और कार्बाइड से पके फलों में अंतर
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गर्मी का मौसम मतलब चारों तरफ आम और तरबूज जैसे फलों की भरमार। आम और तरबूज का स्वाद चखने के लिए ही तो लोग गर्मी के सीजन का इंतजार करते हैं। इन फलों को खरीदकर लोग चाव से खाते हैं, क्योंकि यह प्राकृतिक फल गर्मियों में हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होते हैं। वर्तमान में ज्यादातर फलों को केमिकल्स की सहायता से पकाया जाता है, जिसके चलते यह हमें फायदे के बदले नुकसान पहुंचाते हैं। आम इंसान के लिए केमिकल्स वाले और प्राकृतिक फलों की पहचान करना मुश्किल होता है, इसलिए हम आपको बता रहे हैं कुछ ट्रिक्स के बारे में, जिससे आप फलों की पहचान कर सकते हैं कि वे प्राकृतिक हैं या केमिकल्स वाले।
- फल जल्दी पक जाए इसके लिए केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है। फलों को आकार बढ़ाने, उसका वजन बढ़ाने के लिए भी केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है। साथ ही फलों व सब्जियों को तरोताजा रखने के लिए, उन्हें चमकीला बनाए रखने के लिए तथा ज्यादा दिन तक टिकाने के लिए मोम और आर्टिफिशियल कलर का इस्तेमाल किया जाता है।
- केमिकल्स द्वारा पके हुए फलों में धब्बा होता है और आर्टिफिशियल चमकीला रंग भी होता है। इसके अलावा कार्बाइड से पकाया जाने वाला आम का रंग दो से तीन दिन के भीतर ही पीले से काला होने लगता है।
- ध्यान रखें कार्बाइड से पकाए फल का स्वाद बीच में मीठा होता है और किनारे से कच्चा होता है, इसलिए ऐसे फल खरीदें जो बगैर दाग धब्बे वाले हो।
- खाद्य संरक्षक व मानक अधिनियम 2011 की धारा 23.5 के तहत फलों व सब्जियों को कर्बाइड से पकाना बैन हैं। इसका भंडारण, सेल, मार्केटिंग या इंपोर्ट करने वालों के लिए सजा का प्रावधान भी है। इसके बावजूद लोग कार्बाइड से फलों को पकाते हैं और बाजार में धड़ल्ले से बेचते हैं।
कमेंट करें
Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
जानिए भास्कर प्रॉपर्टी के बारे में:
भास्कर प्रॉपर्टी ऑनलाइन रियल एस्टेट स्पेस में तेजी से आगे बढ़ने वाली कंपनी हैं, जो आपके सपनों के घर की तलाश को आसान बनाती है। एक बेहतर अनुभव देने और आपको फर्जी लिस्टिंग और अंतहीन साइट विजिट से मुक्त कराने के मकसद से ही इस प्लेटफॉर्म को डेवलप किया गया है। हमारी बेहतरीन टीम की रिसर्च और मेहनत से हमने कई सारे प्रॉपर्टी से जुड़े रिकॉर्ड को इकट्ठा किया है। आपकी सुविधाओं को ध्यान में रखकर बनाए गए इस प्लेटफॉर्म से आपके समय की भी बचत होगी। यहां आपको सभी रेंज की प्रॉपर्टी लिस्टिंग मिलेगी, खास तौर पर जबलपुर की प्रॉपर्टीज से जुड़ी लिस्टिंग्स। ऐसे में अगर आप जबलपुर में प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान बना रहे हैं और सही और सटीक जानकारी चाहते हैं तो भास्कर प्रॉपर्टी की वेबसाइट पर विजिट कर सकते हैं।
ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।