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World Vegetarian Day: ये हैं वेजिटेरियन्स की वैरायटी, भारत में ज्यादातर लोग वेज

डिजिटल डेस्क, मुम्बई। वेजिटेरियन खाना हमेशा से हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा माना जाता है। इसलिए 1 अक्टूबर का दिन दुनियाभर में 'वर्ल्ड वेजिटेरियन डे' के रुप में मनाया जाता है। इसकी शुरुआत साल 1977 में नॉर्थ अमेरिकन वेजिटेरियन सोसाइटी द्वारा की गई थीं। इस सोसायटी का मतलब लोगों को वेज खाने के लिए प्रेरित करना है।
ज्यादा लोग जानते हैं कि दुनिया में दो ही तरह के लोग होते हैं एक 'वेज' और दूसरा 'नॉन-वेज'। आज वेजिटेरियन डे पर हम आपको बता दें कि खाने के प्रकार सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं हैं। इसमें भी अब कई तरह की कैटेगरी बन गईं हैं। जैसे रॉ वीगन, वीगन, फ्लेक्सिटेरियन, पेसेटेरियन और लैक्टो-ओवो। इनकी डिटेल्स कुछ इस प्रकार है।
रॉ वीगन: रॉ वीगन के आहार में अनप्रोसेस्ड वेजीटेरियन खाना होता है, जिसे 46 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा गर्म नहीं किया जाता। रॉ वीगन का ये मानना है कि अगर इस तापमान से उपर पकाया तो खाने का सारा न्यूट्रिशन खत्म हो जाता है और खाना शरीर के लिए हानिकारक हो जाता है।
वीगन: वीगन जानवरों से मिलने वाला किसी भी प्रकार का उत्पाद नहीं खाते। इसमें मांस तो है ही, वीगन अंडे, डेरी उत्पाद और जिलेटिन भी नहीं खाते। ये चमड़े के प्रोडक्ट भी यूज नहीं करते।
फ्लेकिसटेरियन: इस शब्द को उन लोगों का वर्णन करने के लिए बनाया गया, जो ज्यादातर वेजीटेरियन भोजन खाते हैं, लेकिन कभी—कभी नॉन—वेज भी खा लेते हैं।
पेसेटेरियन: ऐसे लोग जो सिर्फ मछली के अलावा किसी तरह का मांस नहीं खाते। आजकल स्वास्थ्य कारणों की वजह से काफी लोग ऐसा आहार ले रहे हैं।
लैक्टो-ओवो: वे व्यक्ति जो किसी किस्म का मांस नहीं खाते हैं, लेकिन अंडे और डेरी उत्पाद खाते हैं। शब्द लैक्टो लैटिन शब्द है, जो दूध के लिए इस्तेमाल किया जाता है और ओवो का अर्थ है अंडा। लैक्टो ओवो सबसे आम प्रकार के वेजीटेरियन होते हैं
भारत में सबसे ज्यादा वेजिटेरियन
दुनिया में अगर सबसे ज्यादा वेजिटेरियन देश की लिस्ट निकाली जाए तो उसमें भारत का नाम सबसे उपर है। भारत में सबसे ज्यादा 38 प्रतिशत लोग वेज हैं। इजराइल में 13 फीसदी, ताइवान में 12 फीसदी, इटली में 10 फीसदी, ऑस्ट्रिया में 9 फीसदी, जर्मनी में 9 फीसदी, यूनाइटेड किंगडम में 9 फीसदी, ब्राजील में 8 फीसदी, आयरलैंड में 6 फीसदी, आस्ट्रेलिया में 5 फीसदी लोग वेजिटेरियन हैं।
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Real Estate: खरीदना चाहते हैं अपने सपनों का घर तो रखे इन बातों का ध्यान, भास्कर प्रॉपर्टी करेगा मदद

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। किसी के लिए भी प्रॉपर्टी खरीदना जीवन के महत्वपूर्ण कामों में से एक होता है। आप सारी जमा पूंजी और कर्ज लेकर अपने सपनों के घर को खरीदते हैं। इसलिए यह जरूरी है कि इसमें इतनी ही सावधानी बरती जाय जिससे कि आपकी मेहनत की कमाई को कोई चट ना कर सके। प्रॉपर्टी की कोई भी डील करने से पहले पूरा रिसर्च वर्क होना चाहिए। हर कागजात को सावधानी से चेक करने के बाद ही डील पर आगे बढ़ना चाहिए। हालांकि कई बार हमें मालूम नहीं होता कि सही और सटीक जानकारी कहा से मिलेगी। इसमें bhaskarproperty.com आपकी मदद कर सकता है।
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ध्यान रखें की प्रॉपर्टी RERA अप्रूव्ड हो
कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने से पहले इस बात का ध्यान रखे कि वो भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री के रेगुलेटर RERA से अप्रूव्ड हो। रियल एस्टेट रेगुलेशन एंड डेवेलपमेंट एक्ट, 2016 (RERA) को भारतीय संसद ने पास किया था। RERA का मकसद प्रॉपर्टी खरीदारों के हितों की रक्षा करना और रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को बढ़ावा देना है। राज्य सभा ने RERA को 10 मार्च और लोकसभा ने 15 मार्च, 2016 को किया था। 1 मई, 2016 को यह लागू हो गया। 92 में से 59 सेक्शंस 1 मई, 2016 और बाकी 1 मई, 2017 को अस्तित्व में आए। 6 महीने के भीतर केंद्र व राज्य सरकारों को अपने नियमों को केंद्रीय कानून के तहत नोटिफाई करना था।