पिछले 5 साल में 406 हाथियों की मौत, दुर्घटनाओं में 162 और शिकारियों के हाथों 11 ने गवाई जान
- प्रशासन ने नहीं बताई 233 हाथियों के मौत का कारण
डिजिटल डेस्क, भुवनेश्वर। ओडिशा में 2016-17 से 2020-21 के दौरान 406 हाथियों की मौत हो गई है। मंगलवार को इस बारे में विधानसभा में सूचित किया गया। सदस्य सुरेश कुमार राउतरे के एक प्रश्न के लिखित उत्तर में वन मंत्री बिक्रम केशरी अरुखा ने कहा कि दुर्घटनाओं में 162 हाथी मारे गए, जबकि 11 शिकारियों द्वारा मारे गए। हालांकि, उन्होंने बाकी 233 हाथियों की मौत के पीछे के कारणों का जिक्र नहीं किया। उन्होंने कहा कि दुर्घटना में हुई 162 मौतों में से 14 ट्रेन दुर्घटनाओं के कारण, 4 सड़क दुर्घटनाओं के कारण, 54 बिजली के करंट से और 90 अन्य कारणों से मरे हैं।
राज्य सरकार द्वारा उठाए गए विभिन्न उपायों के बारे में बताते हुए, मंत्री ने कहा कि हाथियों की मौत की जांच के लिए तीन हाथी परियोजनाएं - मयूरभंज हाथी संरक्षण परियोजना, संबलपुर हाथी संरक्षण परियोजना और महानदी हाथी संरक्षण परियोजना शुरू की गई हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने हाथियों की आवाजाही की निगरानी के लिए समस्या पैदा करने वाले रेडियो कॉलर की भी योजना बनाई है, एक हाथी बचाव केंद्र स्थापित किया है, लोगों के परामर्श से रणनीति तैयार की है और जंगली जानवरों के इलाज के लिए सुविधाओं को मजबूत किया है।
एक अन्य जवाब में, मंत्री ने कहा कि राज्य में 2016-17 से 2020-21 के बीच अवैध शिकार के कारण हाथियों और बाघों सहित 802 जंगली जानवरों की मौत हुई है। 2016-17 में जहां 117 जंगली जानवर मारे गए, वहीं 2017-18 में यह संख्या बढ़कर 157 और 2018-19 में 158 हो गई थी। अरुखा ने कहा कि इसी तरह, 2019-20 में शिकारियों द्वारा 130 जानवरों की हत्या की गई और 2020-21 में यह बढ़कर 240 हो गई। उन्होंने कहा कि इन पांच वर्षों के दौरान राज्य में 3,248 शिकारियों को भी गिरफ्तार किया गया है।
(आईएएनएस)
Created On :   8 Dec 2021 9:30 AM IST