नीरजा भनोट: देश की बेटी जिसके जज्बे को पाकिस्तान और अमेरिका ने भी किया सलाम

Neerja Bhanot gave up her life for the sake of humanity
नीरजा भनोट: देश की बेटी जिसके जज्बे को पाकिस्तान और अमेरिका ने भी किया सलाम
नीरजा भनोट: देश की बेटी जिसके जज्बे को पाकिस्तान और अमेरिका ने भी किया सलाम
हाईलाइट
  • 5 सितंबर 1986 को हुई थी आतंकियों कि गोली का शिकार।
  • नीरजा भनोट की डेथ एनीवर्सरी।
  • महज 23 साल की उम्र में दिया था असाधारण हिम्मत का परिचय।

डिजिटल डेस्क, मुंबई। 7 सितम्बर 1963 को चंडीगढ़ के एक साधारण परिवार में जन्मी असाधारण बेटी के माता पिता को भी कहां पता था कि उनकी बेटी अमर होने वाली है। नीरजा आज भी अपने परिवार, दोस्तों और देश के हर नागरिक के दिलों में जिंदा है। नीरजा का नाम सुनते ही दिलों में कई सारे भाव एक साथ उमड़ आते हैं। कैसे एक साधारण से परिवार की महज 23 साल की लड़की इतनी जांबाज हो सकती है कि दूसरों की जान बचाने के लिए अपनी जान की कुर्बानी दे दी। नीरजा भनोट देश की वह बेटी है जिसकी शहादत को हिन्दुस्तान के साथ ही अमेरिका और पाकिस्तान ने भी सलाम किया।

5 सितंबर 1986 की वो तारीख आज भी इतिहास के पन्नों पर दर्ज है। आज ही के दिन आतंकियों ने कराची के रास्ते मुंबई से अमेरिका जाने वाले विमान को हाईजैक कर लिया था। मुंबई से उड़ान भरने वाला विमान पैन एम फ्लाइट-73 कराची पहुंचते हुए हाईजैक हो गया था। सुरक्षाकर्मियों की वर्दी में आतंकी प्लेन में घुस आए और घुसते ही फायरिंग शुरु कर विमान को अपने कब्जे में ले लिया। आतंकी इस विमान को इजरायल ले जाकर क्रैश कराना चाहते थे। उस समय विमान में 379 लोग मौजूद थे।

आतंकियों ने प्लेन की एयरहोस्टेस नीरजा भनोट से सभी यात्रियों का पासपोर्ट जमा करने को कहा। लेकिन नीरजा ने इस संकट की घड़ी में असाधारण हिम्मत का परिचय दिया। उन्होंने आतंकियों की धमकी को अनदेखी करते हुए विमान में सवार यात्रियों को आपातकालीन दरवाजे से बाहर निकालना शुरू किया, लेकिन 3 अमेरिकी बच्चे इस दौरान विमान में ही फंस गए। उन बच्चों को बचाने के लिए नीरजा ने आतंकियों की सारी गोलियां अपने ऊपर ले लीं। इस गोलीबारी में नीरजा समेत 20 लोगों की मौत हो गई थी और 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। इसके बाद आतंकी फरार हो गए।

नीरजा को मरणोपरांत देश के सर्वोच्च सैनिक सम्मान से नवाजा गया। नीरजा पहली और सबसे कम उम्र की महिला थी जिन्हें देश का गौरवशाली अशोक चक्र प्रदान किया गया था। नीरजा इस सम्मान को पाने वाली देश की पहली आम नागरिक थीं। पाकिस्तान ने भी नीरजा को तमगा-ए इंसानियत से नवाजा। नीरजा के हत्यारे अभी भी गिरफ्त से बाहर हैं। हालांकि अमेरिकी खुफिया एजेंसी एफबीआई ने जून में नीरजा भनोट के हत्यारों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर जारी की है। इन आतंकियों पर 50 लाख अमेरिकी डॉलर का ईनाम है। यह सभी आतंकी एफबीआई की मोस्ट वांटेड आतंकियों की सूची में शामिल हैं।

अपने जन्मदिन के दो दिन पहले 5 सितम्बर 1986 को देश की इस बेटी ने देश के लिए अपनी जान देकर हर बेटी को ऐसी नसीहत दे दी जो सदियों तक सभी बेटियों के दिलों में बसी रहेगी और उन्हें प्रेरित करेगी देश के लिए मर मिटने को।  

 

 

Created On :   5 Sep 2018 9:44 AM GMT

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