अमेरिका से बात के बाद ईरान से तेल आयात पर फैसला लेगी मोदी सरकार
- भारत ईरान से तेल आयात करेगा या नहीं इसका फैसला अमेरिका से बातचीत के बाद लिया जाएगा।
- पेट्रोलियम
- वित्त और विदेश मंत्रालय इस मीटिंग में शामिल हुए।
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को तेल सेक्टर की रिव्यू मीटिंग की गई।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। ईरान पर 4 नवंबर से लागू होने वाले अमेरिकी प्रतिबंधों के बाद भारत, ईरान से तेल आयात करेगा या नहीं इसका फैसला अमेरिका से बातचीत के बाद लिया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में शुक्रवार को तेल सेक्टर की रिव्यू मीटिंग की गई। इस मीटिंग में ये फैसला लिया गया है। पेट्रोलियम, वित्त और विदेश मंत्रालय इस मीटिंग में शामिल हुए। बता दें कि चार नवंबर के बाद के हालात पर मंथन के लिए ईरान मामलों पर अमेरिका के विशेष प्रतिनिधि ब्रायन हुक इसी हफ्ते दिल्ली आ रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार रिव्यू मीटिंग में इस बात पर चर्चा की गई कि ईरान से तेल आयात जारी रखने के लिए अमेरिका को मनाया जाए। मीटिंग में चर्चा की गई कि अगर ईरान से प्रतिबंध के बाद भी तेल आयात जारी रखा जाए तो किस तरह के हालात पैदा हो सकते हैं। इसके अलावा मीटिंग में तेल कंपनियों पर बोझ न डालने और तेल उत्पादन को कैसे बढ़ाया जाए इस पर भी चर्चा की गई। बता दें कि अमेरिका चाहता है कि ईरान से तेल का निर्यात जीरो हो जाए। प्रतिबंध के बाद भी भारत का ईरान से तेल आयात जारी रखने की खबरों के बाद अमेरिका के प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप ने देख लेने की धमकी दी थी। वहीं विदेश मंत्रालय की तरफ से भी बयान जारी किया गया था।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हीदर नोर्ट ने जब पूछा गया था कि भारत अगर 4 नवंबर से ईरान पर लागू हो रहे प्रतिबंध के बाद भी तेल खरीदी जारी रखता है तो फिर अमेरिका क्या करेगा? इसके जवाब में नोर्ट ने कहा था, यह "मददगार" नहीं होगा। अमेरिका इसकी बारीकी से समीक्षा कर रहा है। उन्होंने कहा था, दुनिया भर के कई सहयोगियों से तेल प्रतिबंध को लेकर बात की है। उन देशों को हमने अपनी नीतियां बहुत स्पष्ट कर दी है। नोर्ट ने कहा था, हमारा मानना है कि देश एक साथ आ रहे हैं और दुनिया भर को ये पता होना चाहिए कि ईरान क्या कर रहा है?
गौरतलब है कि इराक और सऊदी अरब के बाद ईरान, भारत का तीसरा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता है। अप्रैल 2017 से जनवरी 2018 तक ईरान ने भारत को 1.84 करोड़ टन कच्चे तेल की आपूर्ति की है। भारत ने इसी साल ईरान से तेल आयात बढ़ाने का फैसला किया था जब ईरान ने भारत को करीब-करीब मुफ्त ढुलाई और उधारी की मियाद बढ़ाने का ऑफर दिया था। पहले अमेरिकी प्रतिबंधों के बीच ईरान से व्यापारिक रिश्ते कायम रखने वाले मुट्ठीभर देशों में भारत भी एक था।
इसी साल मई 2018 में अमेरिका ने ईरान के साथ 2015 की न्यूक्लियर डील तोड़ दी थी। साथ ही ईरान पर फिर से नए आर्थिक प्रतिबंध लगाने का ऐलान कर दिया था। यह प्रतिबंध दो चरणों में लागू करने की घोषणा की थी। सात अगस्त को प्रतिबंध का पहला चरण लागू हो चुका है और चार नवंबर को दूसरा सेट लागू किया जाएगा।
Created On :   12 Oct 2018 11:37 PM IST