PNB में सामने आया एक और घोटाला, मुंबई ब्रांच में 9.9 करोड़ का फ्रॉड

PNB detects another around Rs 9 Crore fraud at Mumbai Branch
PNB में सामने आया एक और घोटाला, मुंबई ब्रांच में 9.9 करोड़ का फ्रॉड
PNB में सामने आया एक और घोटाला, मुंबई ब्रांच में 9.9 करोड़ का फ्रॉड

डिजिटल डेस्क, मुंबई। देश के दूसरे सबसे बड़े सरकारी बैंक पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में एक और फ्रॉड का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि ये फ्रॉड भी मुंबई की उसी ब्रेडी हाउस ब्रांच में हुआ, जिसमें 12,600 करोड़ रुपए का फ्रॉड हुआ। पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक मुंबई की PNB ब्रांच में इस बार 9.9 करोड़ रुपए के एक और फ्रॉड का खुलासा हुआ है। इस फ्रॉड में CBI ने एक छोटी कंपनी चंदेरी पेपर्स एंड एलाइड प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ केस दर्ज किया है। 

शेट्टी और कंपनी के खिलाफ केस दर्ज

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 9.9 करोड़ रुपए का फ्रॉड सामने आने के बाद CBI ने PNB के पूर्व डीजीएम गोकुलनाथ शेट्टी और चंदेरी पेपर्स के प्रमोटर मनोज हनुमत खारावत के खिलाफ केस दर्ज किया है। गोकुलनाथ शेट्टी पर आरोप है कि उन्होंने चंदेरी पेपर्स को 2 लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LoU) जारी किए थे। उन्होंने ये दोनों LoU 25 अप्रैल 2017 को SBI ब्रांच के लिए जारी किए थे। बता दें कि शेट्टी PNB के नीरव मोदी और मेहुल चौकसी से जुड़े 12,600 करोड़ रुपए के घोटाले के मामले में भी आरोपीहैं। हालांकि इस बारे में अभी तक बैंक और कंपनी की तरफ से कोई बयान सामने नहीं आया है।

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अब तक कितने घोटाले सामने आए ? 

1. PNB Fraud :
 देश के दूसरे सबसे बड़े बैंक कहे जाने वाले पंजाब नेशनल बैंक में पिछले दिनों 11,356 करोड़ रुपए के घोटाले का खुलासा किया था। हाल ही में PNB ने CBI को 1251 करोड़ रुपए के एक नए फ्रॉड की जानकारी दी है, जिसके बाद इस घोटाले की रकम 11,356 से बढ़कर 12,607 करोड़ पहुंच गई है। इस घोटाले की शुरुआत 2011 में हुई थी और पिछले 7 सालों में हजारों करोड़ रुपए फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (LOUs) के जरिए विदेशी अकाउंट्स में ट्रांसफर कर दिए गए। दरअसल, डायमंड करोबारी नीरव मोदी और उनके साथियों ने साल 2011 में डायमंड इंपोर्ट करने के लिए लाइन ऑफ क्रेडिट के लिए पंजाब नेशनल बैंक की ब्रांच से कॉन्टेक्ट किया। आमतौर पर बैंक विदेशों से होने वाले इंपोर्ट के लिए LOU जारी करता है। इसका मतलब ये है कि बैंक नीरव मोदी के विदेश में मौजूद सप्लायर्स को 90 दिन के लिए भुगतान करने को राजी हुआ और बाद में पैसा नीरव को चुकाना था। इन्हीं फर्जी LOU के आधार पर भारतीय बैंकों की विदेशी ब्रांचों ने PNB को लोन देने का फैसला लिया गया। इस घोटाले को खुलासा तब हुआ, जब PNB के भ्रष्ट अधिकारी-कर्मचारी रिटायर हो गए और नीरव मोदी की कंपनी ने जनवरी में दोबारा से LOU जारी करने की सिफारिश की। नए अधिकारियों ने ये गलती पकड़ ली और घोटाले की जांच शुरू कर दी। बैंक के मुताबिक, जनवरी में इस फर्जीवाड़े का पता चला तो 29 जनवरी को सीबीआई में शिकायत की और 30 जनवरी को FIR दर्ज हो गई।

2. Rotomac Loan : सीबीआई ने रोटोमैक कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी, उनकी पत्नी साधना कोठारी और बेटे राहुल कोठारी के खिलाफ 18 फरवरी को केस दर्ज किया था। मामला सामने आने के बाद इन्हें कानपुर से दिल्ली बुलाया गया और 4 दिन की पूछताछ के बाद गुरुवार रात को विक्रम कोठारी और उनके बेटे को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया। इन पर आरोप है कि इन्होंने देश के 7 नेशनलाइज्ड बैंकों से 2919.39 करोड़ रुपए का लोन लिया, जो इंटरेस्ट के बाद 3695 करोड़ रुपए हो गया। कोठारी ने अभी तक इसे चुकाया नहीं है। फिलहाल विक्रम कोठारी CBI की कस्टडी में हैं और उनसे पूछताछ जारी है।

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3. OBC Fraud :  ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (OBC) में 390 करोड़ की कथित गड़बड़ी का मामला सामने आया था। इस मामले में CBI ने OBC की शिकायत पर दिल्ली के मशहूर ज्वेलर्स द्वारका दास सेठ इंटरनेशनल के खिलाफ केस दर्ज किया है। दरअसल, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (OBC) की ग्रैटर कैलाश-II ब्रांच से 2007 में फॉरेन लेटर ऑफ क्रेडिट के जरिए द्वारका दास सेठ इंटरनेशनल कंपनी ने 389.95 करोड़ रुपए का लोन लिया, जिसे अभी तक चुकाया नहीं गया है। बैंक की शिकायत पर CBI ने कंपनी के मालिक सभ्य सेठ और रीता सेठ के अलावा कंपनी से जुड़े हुए कृष्ण कुमार सिंह और रवि कुमार सिंह के खिलाफ भी केस दर्ज किया है। ये कंपनी डायमंड, गोल्ड और सिल्वर ज्वैलरी की मेनुफैक्चरिंग और ट्रेडिंग का काम करती है।

4. OBC Fraud : ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (OBC) में एक और 200 करोड़ रुपए का फ्रॉड सामने आया है। इस मामले में सिंभावली शुगर्स लिमिटेड पर आरोप है कि उसने OBC से लोन लिया, लेकिन उसे चुकाया नहीं। CBI की FIR में हापुड़ की सिंभावली शुगर लिमिटेड कंपनी, कंपनी के चेयरमैन- गुरमीत सिंह मान, डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर- गुरपाल सिंह, सीएफओ- संजय टपरिया, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर- गुरसिमरन कौर मान, 5 नॉन एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया है। इस में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के दामाद और कंपनी के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर गुरपाल सिंह का नाम भी शामिल है। दरअसल, OBC ने कंपनी पर दो लोन में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया है। पहला मामला 97.85 करोड़ रुपए का है और दूसरा 110 करोड़ रुपए का कॉरपोरेट लोन का मामला है।

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5. 515 करोड़ का फ्रॉड : 28 फरवरी को CBI ने 515.15 करोड़ रुपए के बैंक फ्रॉड का केस दर्ज किया है। CBI की दर्ज की गई FIR के मुताबिक 515.15 करोड़ रुपए के बैंक फ्रॉड के मामले में आरपी इंफोसिस्टम और उसके डायरेक्टर्स के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। FIR के मुताबिक, कंपनी के डायरेक्टर्स शिवाजी पानजा, कौस्तूव रे, विनय बाफना, कंपनी के वाइस प्रेसिडेंट देवनाथ पाल और अज्ञात बैंक ऑफिशियल्स के खिलाफ केस दर्ज किया है। आरोपियों के खिलाफ IPC के सेक्शन- 120B, 420, 468 और 471 के तहत केस फाइल किया गया है।

Created On :   15 March 2018 6:36 AM GMT

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