OBC में 200 करोड़ का एक और फ्रॉड, पंजाब के CM के दामाद का भी नाम

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OBC में 200 करोड़ का एक और फ्रॉड, पंजाब के CM के दामाद का भी नाम
OBC में 200 करोड़ का एक और फ्रॉड, पंजाब के CM के दामाद का भी नाम

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में घोटाला सामने आने के बाद ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (OBC) में एक और 200 करोड़ रुपए का फ्रॉड सामने आया है। इस मामले में सिंभावली शुगर्स लिमिटेड पर आरोप है कि उसने OBC से लोन लिया, लेकिन उसे चुकाया नहीं। जिसके बाद बैंक की शिकायत पर CBI ने सिंभावली शुगर्स लिमिटेड के चेयरमैन गुरमीत सिंह, डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर्स पर करीब 200 करोड़ रुपए की कथित गड़बड़ी करने का केस दर्ज किया है। CBI की FIR में कंपनी के डिप्टी डायरेक्टर गुरपाल सिंह का नाम भी है, जो पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के दामाद हैं। बता दें कि शनिवार को ही OBC में 390 करोड़ रुपए की गड़बड़ी का एक मामला सामने आया था।

पंजाब के CM के दामाद का भी नाम

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, CBI की FIR में हापुड़ की सिंभावली शुगर लिमिटेड कंपनी, कंपनी के चेयरमैन- गुरमीत सिंह मान, डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर- गुरपाल सिंह, सीएफओ- संजय टपरिया, एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर- गुरसिमरन कौर मान, 5 नॉन एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर और अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया है। इस में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के दामाद और कंपनी के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर गुरपाल सिंह का नाम भी शामिल है।

दो लोन गड़बड़ियों का है मामला

जानकारी के मुताबिक, OBC ने कंपनी पर दो लोन में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया है। पहला मामला 97.85 करोड़ रुपए का है और दूसरा 110 करोड़ रुपए का कॉरपोरेट लोन का मामला है। पहले लोन को 2015 में NPA घोषित कर दिया गया था, जबकि दूसरा लोन नोटबंदी के ठीक 20 दिन बाद 29 नवंबर 2016 को NPA घोषित किया जा चुका है। जानकारी के मुताबिक, कंपनी ने पहला लोन चुकाने के लिए दूसरा लोन (110 करोड़ रुपए) लिया था। इस मामले में OBC ने 17 नवंबर 2017 को FIR दर्ज कराई थी, लेकिन CBI ने 22 फरवरी को सिंभावली शुगर लिमिटेड के खिलाफ केस दर्ज किया।

क्या है पूरा मामला? 

- दरअसल, नवंबर 2011 सिंभावली शुगर्स कंपनी ने ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (OBC) में लोन के लिए एक प्रपोजल दिया। जिसमें कंपनी ने कहा कि इस लोन से हर किसान को एक स्कीम के तहत शुगर मिल से ही बीज और फर्टिलाइजर खरीदेगा।
- इसके लिए कंपनी ने 5762 परिवारों की एक लिस्ट बैंक में जमा की, जिसमें लोन की लिमिट हर किसान पर 3 लाख रुपए रखी गई थी।
- इसके बाद कंपनी ने किसानों के नाम के साथ उनकी जमीन के डॉक्यूमेंट्स और रिकॉर्ड भी बैंक में जमा कराए और KYC फॉर्म भी भरे।
- 25 जनवरी 2012 से 13 मार्च 2012 के दौरान OBC ने 5762 किसानों को लोन दिया और करीब 148.59 करोड़ रुपए का लोन सभी किसानों को दिया गया। इसके लिए बैंक ने बकायदा 5762 बैंक अकाउंट्स भी खोले, जिसमें लोन ट्रांसफर किया गया।
- कुछ दिनों बाद ये पैसा कंपनी के अकाउंट में चले गया, जिसे कंपनी ने किसी दूसरे बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया। 
- हालांकि, कंपनी 60 करोड़ रुपए किश्तों के जरिए बैंक को लौटा दिए थे, लेकिन बाकी के 90 करोड़ रुपए वापस नहीं किए गए। 
- इसके बाद 31 मार्च 2015 को सिंभावली शुगर्स का लोन NPA (Non Performing Assets) कर दिया और 31 मई 2015 को OBC ने RBI को 97.85 करोड़ रुपए के फ्रॉड की जानकारी दी।
- NPA होने के बावजूद फिर से बैंक ने कंपनी का 110 करोड़ रुपए का लोन पास कर दिया। ये लोन 97.85 करोड़ रुपए के पुराने लोन को चुकाने के लिए लिया गया था। इस लोन को 29 नवंबर 2016 को NPA घोषित किया गया। 
- बताया जा रहा है कि इस मामले में ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (OBC) ने 17 नवंबर 2017 को शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन CBI ने कंपनी के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत 22 फरवरी को केस दर्ज किया।

390 करोड़ का मामला शनिवार को आया सामने

बता दें कि इससे पहले शनिवार को ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (OBC) में 390 करोड़ की कथित गड़बड़ी का मामला सामने आया है। इस मामले में CBI ने OBC की शिकायत पर दिल्ली के मशहूर ज्वेलर्स द्वारका दास सेठ इंटरनेशनल के खिलाफ केस दर्ज किया है। दरअसल, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (OBC) की ग्रैटर कैलाश-II ब्रांच से 2007 में फॉरेन लेटर ऑफ क्रेडिट के जरिए द्वारका दास सेठ इंटरनेशनल कंपनी ने 389.95 करोड़ रुपए का लोन लिया, जिसे अभी तक चुकाया नहीं गया है। बैंक की शिकायत पर CBI ने कंपनी के मालिक सभ्य सेठ और रीता सेठ के अलावा कंपनी से जुड़े हुए कृष्ण कुमार सिंह और रवि कुमार सिंह के खिलाफ भी केस दर्ज किया है। ये कंपनी डायमंड, गोल्ड और सिल्वर ज्वैलरी की मेनुफैक्चरिंग और ट्रेडिंग का काम करती है।

Created On :   26 Feb 2018 8:36 AM GMT

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