गिरफ्तारी के बाद विक्रम कोठारी की पेशी, 3700 करोड़ के घोटाले का है आरोप

Rotomac Owner Vikram Kothari and Son Rahul Kothari arrested by CBI
गिरफ्तारी के बाद विक्रम कोठारी की पेशी, 3700 करोड़ के घोटाले का है आरोप
गिरफ्तारी के बाद विक्रम कोठारी की पेशी, 3700 करोड़ के घोटाले का है आरोप

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रोटोमैक ग्रुप के मालिक विक्रम कोठारी और उनके बेटे राहुल कोठारी को गुरुवार को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है। ये दोनों ही रोटोमैक कंपनी में डायरेक्टर हैं। रोटोमैक लोन घोटाला सामने आने के बाद विक्रम कोठारी को 4 दिन पहले दिल्ली बुलाया गया था, लेकिन जांच में सहयोग नहीं देने के कारण गुरुवार रात को उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। अब शुक्रवार को इन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा। बता दें कि कोठारी और उनके बेटे की ये गिरफ्तारी 3,695 करोड़ रुपए के लोन फ्रॉड मामले में की गई है।

18 फरवरी को किया था केस दर्ज

सीबीआई ने रोटोमैक कंपनी के मालिक विक्रम कोठारी, उनकी पत्नी साधना कोठारी और बेटे राहुल कोठारी के खिलाफ 18 फरवरी को केस दर्ज किया था। मामला सामने आने के बाद इन्हें कानपुर से दिल्ली बुलाया गया और 4 दिन की पूछताछ के बाद गुरुवार रात को विक्रम कोठारी और उनके बेटे को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया। इन पर आरोप है कि इन्होंने देश के 7 नेशनलाइज्ड बैंकों से 2919.39 करोड़ रुपए का लोन लिया, जो इंटरेस्ट के बाद 3695 करोड़ रुपए हो गया। कोठारी ने अभी तक इसे चुकाया नहीं है।

किन-किन बैंकों से लिया था लोन? 

दरअसल, बैंक ऑफ बड़ौदा की शिकायत पर सीबीआई ने रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट और उसके डायरेक्टर्स विक्रम कोठारी, साधना कोठारी, राहुल कोठारी और अज्ञात बैंक अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया है। इन पर आरोप है कि इन्होंने 7 बैंकों से लोन लिया और उसे चुकाया नहीं। इस मामले में इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) ने भी कोठारी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के तहत केस दर्ज किया है।

1. बैंक ऑफ इंडिया - 754.77 करोड़ रुपए
2. बैंक ऑफ बड़ौदा - 456.63 करोड़ रुपए
3. इंडियन ओवरसीज बैंक - 771.77 करोड़ रुपए
4. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया - 458.95 करोड़ रुपए
5. इलाहाबाद बैंक - 330.68 करोड़ रुपए
6. बैंक ऑफ महाराष्ट्र - 49.82 करोड़ रुपए
7. ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स - 97.47 करोड़ रुपए

इस तरह से इन 7 बैकों से लिया गया ये लोन टोटल 2919.39 करोड़ रुपए है। इस लोन पर इंटरेस्ट मिलाकर ये पूरी रकम 3695 करोड़ रुपए बन जाती है। कोठारी ने अब तक ने ये मूलधन चुकाया है और न ही इस पर लगा इंटरेस्ट दिया है।

क्या है ये पूरा घोटाला? 

दरअसल, रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने देश के 7 नेशनलाइज्ड बैंकों से 2919.29 करोड़ का लोन लिया, जो इंटरेस्ट लगने के बाद 3695 करोड़ तक पहुंच गया। बैंकों ने आरोप लगाया कि विक्रम कोठारी ने न ही लोन की रकम लौटाई और न ही इंटरेस्ट चुकाया। इसके बाद रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने एक ऑथराइज्ड कमेटी बनाई। इस कमेटी ने बैंक ऑफ बड़ौदा की शिकायत पर रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड को विलफुल डिफॉल्टर घोषित कर दिया। विल्फुल डिफॉल्टर वो होता है, जो जनबूझकर लोन नहीं चुकाता है। हाल ही में जब पंजाब नेशनल बैंक (PNB) में हुए घोटाले का खुलासा हुआ तो विक्रम कोठारी का नाम भी सामने आ गया। कानपुर के माल रोड पर मोजूद रोटोमैक कंपनी के ऑफिस पर भी जब ताला लगा मिला, तो खबरें आई कि विक्रम कोठारी देश छोड़कर भाग गया। इसके बाद कोठारी ने अपनी सफाई में कहा कि वो कानपुर में ही है और अपना पूरा लोन जल्द ही वापस करेगा। 18 फरवरी को सीबीआई ने विक्रम कोठारी, उनकी पत्नी साधना कोठारी और बेटे राहुल कोठारी समेत कई अत्रात बैंक अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया और गुरुवार को उनकी गिरफ्तारी की गई।

कौन है विक्रम कोठारी? 

विक्रम कोठारी मनसुख भाई कोठारी के बेटे हैं। मनसुख भाई कोठारी ने अपने दो बेटों विक्रम और दीपक के साथ 1973 में मिलकर पान पराग के नाम से पान मसाला बनाना शुरू किया। कोठारी परिवार पान मसाला के लिए जल्दी ही फेमस हो गया और देखते ही देखते पान पराग देश का बड़ा ब्रांड बन गया। मनसुख भाई कोठारी के निधन के बाद विक्रम और दीपक के बीच बंटवारा हुआ और साल 1992 में विक्रम कोठारी पान पराग से अलग हो गए और रोटोमैक कंपनी की शुरुआत की। रोटोमैक कंपनी पेन की दुनिया में सबसे बड़ी ब्रांड बन गई और विक्रम कोठारी को "किंग ऑफ पेन" कहा जाने लगा। 

 

Created On :   23 Feb 2018 3:48 AM GMT

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