सुधरने का नाम नहीं ले रहा PAK: 'नहीं हटी सिंधु जल समझौते' पर लगी रोक तो सीजफायर खतरे में...', पाकिस्तान के विदेश मंत्री की गीदड़भभकी

- भारत और पाक के बीच 10 मई को हुआ सीजफायर
- पीएम मोदी ने सिंधु जल समझौते पर लगी रोक हटाने से किया इनकार
- पाकिस्तान ने दी युद्ध विराम समझौते के उल्लंघन की धमकी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। करीब चार दिन सीमा पर चले संघर्ष के बाद 10 मई को भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर को लेकर समझौता हो गया। लेकिन इसके के बाद भी पाकिस्तान सुधरने का नाम नहीं ले रहा है। पाक विदेश मंत्री इशाक डार ने भारत को एक बार गीदड़भभकी दी है। उन्होंने कहा कि अगर भारत 'सिंधु जल संधि' को फिर से शुरू नहीं करता है और हमारी तरफ आने वाले पानी को मोड़ने की कोशिश करता है तो दोनों देशों के बीच लागू हुआ संघर्ष विराम खतरे में पड़ सकता है। इशाक डार का यह बयान सोमवार को भारत और पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल मिलिट्री ऑपरेशन्स (डीजीएमओ) स्तर की वार्ता और संघर्ष विराम की घोषणा और इसे जारी रखने पर सहमति बनने के बाद आया।
तो सवालों के घेरे में आ जाएगा सीजफायर...
सीएनएन को दिए इंटरव्यू में इशाक डार ने कहा, " वह भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध विराम का स्वागत करते हैं, लेकिन दोनों पक्षों द्वारा एक-दूसरे के क्षेत्रों में बड़े सैन्य अभियानों के बाद, जल मुद्दे को जल्द ही हल करने की आवश्यकता है। यदि भारत सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) को स्थगित करने के अपने फैसले को वापस नहीं लेता है तो युद्ध विराम की संभावना सवालों के घेरे में ही रहेगी।"
डार ने आगे कहा, "हम दोनों पक्षों के लिए सम्मान के साथ आगे बढ़ाना चाहते हैं और एक समग्र वार्ता के माध्यम से उन सभी मुद्दों को हल करना चाहते हैं, जो इस क्षेत्र को दीर्घकालिक आधार पर शांति और सुरक्षा प्रदान करेंगे। लेकिन, पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) ने घोषणा की है कि यदि 'सिंधु जल संधि' से छेड़छाड़ की जाती है और पानी को मोड़ा या रोका जाता है तो इसे युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा।"
सिंधू जल समझौते की बहाली पर क्या है भारत का रुख?
पाकिस्तान द्वारा पोषित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादियों ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 26 सैलानियों की हत्या कर दी थी। भारत सरकार ने इस आतंकी हमले के जवाब के रूप में सबसे पहले सिंधु जल समझौते को स्थगित कर दिया था। इससे पाकिस्तान जल संकट से जूझ रहा है। 12 मई को राष्ट्र को संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते। इसका अर्थ यह हुआ कि भारत सरकार फिलहाल 'सिंधु जल संधि' को फिर से बहाल करने के मूड में नहीं है।
पीएम ने यह भी कहा कि, "जिस तरह पाकिस्तानी सेना और सरकार आतंकवाद को बढ़ावा दे रही है। वह एक दिन पाकिस्तान को तबाह कर देगी। पाकिस्तान को बचना है तो अपने आतंकी ढांचे को नष्ट करना होगा। शांति का कोई दूसरा रास्ता नहीं है।" पीएम के इस बयान ने भारत का रुख साफ कर दिया कि आतंक और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते, आतंक और व्यापार एक साथ नहीं चल सकते, पानी और खून एक साथ नहीं बह सकते।
Created On :   13 May 2025 7:25 PM IST