50 लाख की धोखाधड़ी मामले में हाईकोर्ट में पेश हुए भोपाल नार्थ के एसपी

Bhopal north sp hemant chauhan appearing in hc a fraud case of 50 lakh
50 लाख की धोखाधड़ी मामले में हाईकोर्ट में पेश हुए भोपाल नार्थ के एसपी
50 लाख की धोखाधड़ी मामले में हाईकोर्ट में पेश हुए भोपाल नार्थ के एसपी

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। हाईकोर्ट ने लोन देने के नाम पर की गई 50 लाख रुपए की धोखाधड़ी के मामले में भोपाल पुलिस को विधि अनुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए है। इस निर्देश के साथ जस्टिस अतुल श्रीधरन की एकल पीठ ने याचिका का निराकरण कर दिया है।
 

इंफ्रोलाइन फायनेंस कंपनी के पास जमा किए थे 50 लाख रुपए
कोहेफिजा भोपाल निवासी जीशान अली की ओर से दायर याचिका में कहा गया कि दो साल पहले उसने इंफ्रोलाइन फायनेंस कंपनी के पास 25 करोड़ रुपए के लोन के लिए आवेदन दिया था। कंपनी की ओर से उससे लोन की राशि का 2 प्रतिशत यानी 50 लाख रुपए जमा कराए गए। इसके बाद भी कंपनी की ओर से लोन नहीं दिया गया। याचिकाकर्ता की शिकायत पर कोहेफिजा पुलिस ने कंपनी के नीरव कुमार और अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज किया था। पुलिस द्वारा आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने पर याचिका दायर की गई। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विनोद मिश्रा ने तर्क दिया कि प्रकरण दर्ज होने के एक साल बाद भी कोहेफिजा पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार नहीं कर रही है। इस मामले में एकल पीठ में भोपाल नार्थ के एसपी हेमंत चौहान और शाहजहांनाबाद के सीएसपी नागेन्द्र पटेरिया हाजिर हुए। उन्होंने एकल पीठ को बताया कि आरोपियों को गिरफ्तार करने की कार्रवाई की जा रही है। आवेदक की ओर से जानकारी दी गई कि 22 फरवरी 2019 को हाईकोर्ट ने नीरव कुमार को इस शर्त के साथ जमानत दे दी है कि वह 35 लाख रुपए राष्ट्रीयकृत बैंक में जमा करें। 35 लाख रुपए जमा करने के बाद नीरव कुमार की जमानत हो गई है। सुनवाई के बाद एकल पीठ ने पुलिस को मामले में विधि अनुसार कार्रवाई करने का निर्देश देते हुए याचिका का निराकरण कर दिया है।
 

चैक बाउंस में दो महिलाओं को 3-3 महीने की सजा
जेएमएफसी हरीश वानवंशी ने चैक बाउंस मामले में खटीक मोहल्ला निवासी सुमन दीवान और सावित्री पासी को 3-3 महीने की सजा सुनाई है। न्यायालय ने प्रतिकर के रूप में महिलाओं को परिवादी के पक्ष में 75 हजार रुपए अदा करने का भी आदेश दिया है। प्रकरण के अनुसार बेलबाग निवासी संतोष कुमार देवगन की ओर से दायर प्रकरण में कहा गया कि 5 जून 2013 को आरोपी महिलाओं ने उसकी दुकान से सिलाई मशीनें खरीदी थी। इसके एवज में चैक दिया। उनके खाते में पर्याप्त राशि नहीं होने से चैक बाउंस हो गया। अधिवक्ता सलाहउद्दीन खान के तर्क सुनने के बाद न्यायालय ने महिलाओं को 3-3 महीने की सजा सुनाई।

 

Created On :   9 March 2019 8:27 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story