बिहार में लीची बनी दुश्मन, 60 से ज्यादा बच्चों ने तोड़ा दम

Bihar muzaffarpur death rises due to acute encephalitis syndrome
बिहार में लीची बनी दुश्मन, 60 से ज्यादा बच्चों ने तोड़ा दम
बिहार में लीची बनी दुश्मन, 60 से ज्यादा बच्चों ने तोड़ा दम

डिजिटल डेस्क, पटना। बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार का प्रकोप बढ़ते ही जा रहा है। चमकी बुखार के कारण अबतक 60 से ज्यादा बच्चों की मौत हो गई है। शनिवार को अस्पताल में भर्ती सात बच्चों ने दम तोड़ दिया। मुजफ्फरपुर में 100 से ज्यादा बच्चे चमकी बुखार के चलते अस्पताल में भर्ती है। इस बीच सरकार ने एक एडवाइजरी जारी की है। जिसमें बच्चों को खाली पेट लीची न खाने की सलाह दी है। वहीं कच्ची लीची से भी परहेज करने को कहा गया है। 

चमकी बुखार (एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम) के चलते अस्पतालों में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में हर दिन बड़ी संख्या में बच्चे इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। जांच के बाद बच्चें में चमकी बुखार के लक्षण पाए जा रहे हैं। श्रीकृष्ण अस्पताल में भी शनिवार सुबह तक 55 बच्चों की मौत हो चुकी है। वहीं मुजफ्फरपुर के एक ओर बड़े अस्पताल केजरीवाल मातृ सदन में 11 बच्चों ने दम तोड़ दिया है। 

क्या है एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम ?

एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम शरीर के मुख्य नर्वस सिस्टम को प्रभावित करता है। खासतौर पर बच्चों में क्योकिं उनकी इम्यूनिटी पावर कमजोरी होती है। इस बीमारी के लक्षण होते जैसे- जैस बुखार, शरीर में ऐंठन महसूस होना, बेहोश होना, दौरे पड़ना, घबराहट महसूस होना और कुछ केस में पीड़ित कोमा में भी जा सकता है। 

क्या है लीची से कनेक्शन ?

द लैन्सेट मेडिकल जर्नल में प्रकाशित एक रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार लीची में प्राकृतिक रूप से Hypoglycin A और Methylenecyclopropyglycine (MPCG) पाया जाता है, जो शरीर मैं फैटी एसिड मेटाबॉलिजम बनने में रुकावट करता है। जिस वजह से ब्लड शुगर लो लेवल में चला जाता है और मस्तिष्क संबंधी परेशानी होती है। रात को खाना नहीं खाने से शरीर में ब्लड शुगर लेवल कम हो जाता है, और सुबह खाली पेट लीची खाने से एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम से खतरा कई गुना बढ़ जाता है। 

पहले भी ली है कई जानें : 

चमकी बुखार यानी एक्यूट इंसेफलाइटिस सिंड्रोम ने पहले भी बिहार में अपना प्रकोप दिखाया है। एसकेएमसीएच की रिपोर्ट के अनुसार इस बीमार से 2012 में 120 लोगों की मौत हुई हैं। वहीं वर्ष 2013 में 38, 2014 में 90, 2015 में 11, 2016 में 4 और 2017 में 11 लोगों ने इस बीमारी के कारण अपनी जान गंवा दी। 

इस बीमारी से बचने के उपाय : 

  • बच्चों को सड़े और जूठे फल नहीं खाने दें।
  • खाने से पहले और बाद में साबुन से हाथ धोये।
  • स्वच्छ पानी पिए।
  • नाखून को न बढ़ने दें।
  • बच्चों को थोड़ी-थोड़ी देर में तरह पदार्थ देते रहें, ताकि शरीर में पानी की कमी नहीं हो।
  • रात में खाना खाने के बाद थोड़ मीठा बच्चों को खिलाएं। 

 

Created On :   15 Jun 2019 7:32 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story