अपहरणकर्ताओं के चंगुल से नहीं छूट सके कटनी के 57 नाबालिग, इनमें 41 बेटियां

Child trafficking increase 57 minor went missing in katni mp
अपहरणकर्ताओं के चंगुल से नहीं छूट सके कटनी के 57 नाबालिग, इनमें 41 बेटियां
अपहरणकर्ताओं के चंगुल से नहीं छूट सके कटनी के 57 नाबालिग, इनमें 41 बेटियां

डिजिटल डेस्क,कटनी। जिले की सीमा से सटे सतना के चित्रकूट में दो जुड़वा भाईयों की निर्मम हत्या के बाद वे माता-पिता दहशत में हैं। जिनके जिगर के टुकड़े आज भी अपहरणकर्ताओं की चंगुल में फंसे हुए हैं। दरअसल अपहृत नाबालिगों का पता लगाने में पुलिस की सूचना तंत्र इस तरह से कमजोर पड़ रही है कि पिछले वर्ष जिले के अलग-अलग थाना क्षेत्रों से 228 नाबालिगों का अपहरण अज्ञात आरोपियों ने कर लिया। जिसमें पुलिस 171 नाबालिगों को ही खोज पाई। आज भी 57 नाबालिग ऐसे हैं। जिनके पतासाजी में पुलिस हवा में तीर चला रही है, तो परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है।
बेटियां अधिक अपहृत
गुम बालक-बालिकाओं में बालकों की संख्या कम तो बालिकाओं की संख्या सबसे अधिक है। साल भर में प्रत्येक माह में औसतन 2 बालक घर से लापता हो गए। जबकि बालिकाओं का यह औसतन आंकड़ा 14 के करीब रहा। मतलब की हर दूसरे दिन कोई नाबालिग लड़की अपहरणकर्ता के चंगुल में फंसकर अपने परिवार से दूर हुई। वर्ष भर के दौरान 168 अपह्त बालिग बालिकाओं में पुलिस ने 127 को तो खोज निकाला, लेकिन 41 बेटियां ऐसी रहीं। जिनका आज तक पता नहीं चला।
लड़कों के मामले में वर्ष भर में 60 लापता मासूमों में पुलिस ने 44 को खोज निकाला।
अभियान से भी मुस्कान नहीं
लापता नाबालिगों का पता लगाने के लिए ऑपरेशन स्माईल अभियान भी चलाया गया। इस अभियान का भी उस तरह का सार्थक परिणाम सामने नहीं आया। पिछले वर्ष यह अभियान चलाया गया। जिसमें 26 अपह्त नाबालिगों को खोज निकाला गया। इसमें 22 बालिकाएं और बालकों की संख्या 4 रही। सड़कों में लावारिस और भीख मांगते ऐसे बच्चों को भी दस्तयाब किया गया। जो अपने परिजनों से बिछड़ गए थे। इस तरह के 193 बच्चे मिले।जिसमें 107 बालक और 86 बालिकाओं की संख्या रही।
घर से गए दोबारा नहीं लौटे
अपहरण के पीछे प्रमुख वजह बाल मजदूरी के साथ अन्य कारण बताए जा रहे हैं। बहला-फुसलाकर अपने साथ भगाने वाले जान-पहचान के लोग ही रहते हैं। इसके बाद भी पुलिस अपहतकर्ताओं तक नहीं पहुंच पा रही है। हाल ही में एक मामला ऐसा सामने आया। जब नाबालिग बेटी को पाने के लिए पीडि़त ने हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट की फटकार के बाद  जरात से नाबालिग लड़की को दस्तयाब किया गया।
इनका कहना है
 अपहृत नाबालिगों की पतासाजी को प्रमुखता से लिया गया है। थानों को निर्देश दिए गए हैं कि वे इसमें और अधिक तेजी जाएं।
-संदीप मिश्रा, एएसपी  कटनी

 

Created On :   28 Feb 2019 7:41 AM GMT

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