त्रिशंकु सरकार का पहला अधिवेशन, कानून व्यवस्था, महिला अत्याचार, किसान आत्महत्या चुनौती 

First session of hung government, Law and order, women torture, farmer suicide challenge
त्रिशंकु सरकार का पहला अधिवेशन, कानून व्यवस्था, महिला अत्याचार, किसान आत्महत्या चुनौती 
त्रिशंकु सरकार का पहला अधिवेशन, कानून व्यवस्था, महिला अत्याचार, किसान आत्महत्या चुनौती 

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नई त्रिशंकु सरकार बनने के बाद नागपुर में पहला अधिवेशन होने जा रहा है। सरकार को पहले अधिवेशन में ही कानून व्यवस्था, महिला अत्याचार, किसान आत्महत्या, फसल नुकसान जैसी चुनौतियों को सामना करना पड़ेगा। इस बार अधिवेशन में तारांकित प्रश्न (प्रश्नोत्तर) नहीं होने से विधायकों ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव को अपने मुद्दे उठाने का बड़ा हथियार बनाया है। 

ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत इन मुद्दों को सर्वाधिक महत्व दिया गया है।  विधानसभा और विधानपरिषद में बड़ी संख्या में ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के तहत इन विषयों तो शामिल किया गया है। दोनों सदनों में ऑनलाइन के जरिए अब तक एक हजार से अधिक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव आए हैं। विधानसभा के लिए 744 और विधानपरिषद के लिए 340 प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। अधिवेशन खत्म होने के तीन दिन पहले तक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव स्वीकारे जाएंगे। कानून व्यवस्था और महिला अत्याचार ज्वलंत मुद्दे होने से इन्हें प्राथमिकता दी जा रही है।

विदर्भ के अनुशेष सहित अन्य मुद्दों को भी शामिल किया गया है। 15 दिन पुरानी सरकार के लिए यह चुनौती मानी जा रही है। सरकार ने 15 दिन बाद यानी गुरुवार को  मंत्रियों को विभागों का बंटवारा करने से मंत्रियों को भी अब इसकी तैयारी करने के लिए समय कम है। ऐसे में विरोधियों के इन सवालों को सरकार कितनी तैयारी से सदन में जवाब दे पाती है, यह देखना दिलचस्प होगा। यह पहला मौका है, जब तारांकित प्रश्न नहीं होगे।

तारांकित प्रश्नों के साथ इस बार अशासकीय प्रस्तावों पर भी चर्चा नहीं होगी। प्रशासकीय सूत्रों ने बताया कि तारांकित प्रश्न और अशासकीय प्रस्ताव के लिए एक महीना पहले प्रक्रिया पूरी करनी पड़ती है, लेकिन इस बार सरकार ही एक महीने बाद बनी और अल्पसमय में ही नागपुर में अधिवेशन लेने की घोषणा की गई। ऐसे में इन प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाया। जिस कारण इस कमी को पूरा करने के लिए विधायकों ने ध्यानाकर्षण प्रस्ताव समेत अन्य आयुधों को हथियार बना लिया है।  

25 प्रतिशत कर्मचारी स्टॉफ कम आया 
तारांकित प्रश्न और अशासकीय प्रस्ताव नहीं होने से इस बार विधानमंडल का 25 प्रतिशत कर्मचारी स्टॉफ नागपुर नहीं पहुंचा है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि हर साल करीब 650 का अधिकारी-कर्मचारी स्टाफ शीतसत्र के लिए नागपुर पहुंचता है, लेकिन इस बार पर्याप्त समय नहीं मिलने के कारण तारांकित प्रश्न और अशासकीय प्रस्ताव को नहीं लेने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ आश्वासन समिति समेत अन्य समितियों का स्टाफ भी नागपुर नहीं पहुंचा है। जिस कारण कर्मचारी स्टाफ में कमी आयी है। करीब 500 कर्मचारियों का स्टाफ ही नागपुर में दाखिल हो पाया है। 

Created On :   13 Dec 2019 8:29 AM GMT

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