नागपुर से बंद हुई जेट एयरवेज की उड़ानें, स्टाफ कर रहा काम

Jet airways flights closed from nagpur, staff work will continue
नागपुर से बंद हुई जेट एयरवेज की उड़ानें, स्टाफ कर रहा काम
नागपुर से बंद हुई जेट एयरवेज की उड़ानें, स्टाफ कर रहा काम

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर अंतरराष्ट्रीय विमानतल से जेट एयरवेज की उड़ान 6 दिन पहले ही बंद हो चुकी है, जबकि देश में कल से पूरी तरह जेट एयरवेज ने अपनी उड़ानें बंद कर देगा। नागपुर विमानतल पर 26 फरवरी को आया एक विमान पार्क किया गया है। इससे कयास लगाए जा रहे हैं कि, यह विमान कांटीनेंटल एयरवेज जैसा रखे-रखे खराब न हो जाए। हालांकि नागपुर में जेट एयरवेज का स्टाफ अभी काम कर रहा है, सिर्फ उड़ान बंद हुई है। कर्मचारियों को आशा है कि, कुछ महीनों में वह दोबारा से चालू होगा। उड़ान बंद होने के कारण पूर्व में टिकट बुक कर चुके यात्रियों को पैसा लौटाने की प्रक्रिया चल रही है। कंपनी ने जेट एयरवेज की वेबसाइड पर एक फार्म दिया है, जिसे भरकर जमा करने को कहा है और 7 से 10 दिन में पैसे वापस करने के लिए समय मांगा है। इतना ही नहीं यात्रियों को विमान रद्द होने के कारण तय कीमत से अधिक 2 से 3 गुना वसूल किया जा रहा है। जेट एयरवेज के कर्मचारियों के संगठन की ओर से मुंबई में हुई प्रेस कांफ्रेंस में अपने हक के लिए अंतिम समय तक लड़ने की बात कही। वहीं कंपनी की ओर से कहा गया है कि, मई में स्थिति स्पष्ट होगी।

इधर रेलवे में आधा दर्जन से ज्यादा गाड़ियों में नहीं पेन्ट्रीकार 

नागपुर स्टेशन से गुजरने वाली लंबी दूरी की एक दर्जन से अधिक गाड़ियों में पेन्ट्रीकार नहीं है, जिससे यात्रियों पर भूखे-प्यासे सफर करने की नौबत आ रही है, जबकि 10 घंटे से ज्यादा सफर करने वाली गाड़ियों में खान-पान डिब्बा होना अपेक्षित है। वर्षों से इन गाड़ियों में खान-पान की सुविधा नहीं मिल रही है। सफर के दौरान गाड़ियों का स्टॉपेज घंटों बाद होने से यात्रियों को अवैध वेंडर से खाना खरीदकर खाना पड़ता है, जिससे जहरखुरानी की आशंका पैदा हो रही है। केवल मध्य रेलवे नागपुर मंडल की बात करें तो रोजना इस मंडल अंतर्गत सौ से अधिक गाड़ियां दौड़ती हैं, इनमें कई गाड़ियां वाया नागपुर चलने से काफी लंबी दूरी का सफर तय करती हैं। यह गाड़ियां अपने निर्धारित स्टेशन से गंतव्य के लिए छूटने के बाद दो से तीन दिन का सफर करती हैं, लेकिन हैरानी वाली बात यह है कि, इनमें से कई गाड़ियां में खान-पान डिब्बा यानी पेन्ट्रीकार नहीं है। घंटों सफर करने वाले यात्रियों को सफर दौरान पडने वाले स्टेशन पर ही खाने का प्रबंध करना पड़ता है। अन्यथा अवैध वेंडरों से औने-पौने दाम पर खाना खरीदना पड़ता है।

Created On :   19 April 2019 10:08 AM GMT

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