बिना सुलझाए बंद हो गई हत्या प्रकरण की फाइलें

Many the file has been closed by sending closure report
बिना सुलझाए बंद हो गई हत्या प्रकरण की फाइलें
बिना सुलझाए बंद हो गई हत्या प्रकरण की फाइलें

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर जिले की पुलिस के लिए गत दो वर्ष में हत्या की कुछ वारदातें किसी चुनौती से कम नहीं हैं। इन वारदातों के आरोपियों का अभी तक पुलिस कोई सुराग नहीं ढूंढ़ पाई है। इसके पहले भी कई ऐसे मामले हैं, जिनकी क्लोजर रिपोर्ट भेजकर फाइल बंद कर दी गई है। पीड़ित परिवारों को चिंता सता रही है कि कहीं कामठी के सुजल वासनिक, वसुंधरा बाल, रोशनी पेटकर, कोराडी थानांतर्गत सेवानिवृत्त मुख्याध्यापिका की हत्या की गुत्थी भी अनसुलझी न रह जाए और उनकी फाइल भी पुलिस बंद कर दे। कई फाइलों के बंद होने से पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं।

यह हैं मामले
पीड़ित परिवारों का मानना है कि अधिकारी, तो कई बदल गए, लेकिन उनके मामले की जांच में कोई गति नहीं आ पाई है। नागपुर जिले में गत दो वर्ष में हुई हत्या की उक्त घटनाओं के मामले में पुलिस के पास कोई सुराग हाथ नहीं लग पाया है। सूत्रों के अनुसार दो वर्ष से लापता स्कूली छात्र  सुजल वासनिक का आज तक पता नहीं चल पाया कि वह कहां है, जिंदा है भी या नहीं। पुलिस के लिए चुनौती की दूसरी घटना काटोल

तहसील के मेटपांजरा में हुई थी। 20 से 25 वर्षीय युवक की हत्या कर उसका शव खेत में जला दिया गया था। इस शव को जलाने के बाद यह पहचान कर पाना मुश्किल हो गया था कि शव महिला का है या पुरुष का? इस मामले में अब तक काटोल पुलिस ने आराेपी का पता लगाने में नाकाम रही है। आउटर रिंग रोड कापसी पुल के पास भी 40 वर्षीय अज्ञात महिला का शव मिला था। उसकी भी अभी तक पहचान नहीं हो पाई है। इस महिला की भी हत्या किए जाने का संदेह व्यक्त किया जा रहा है। इसी तरह वसुधरा बाल, रोशनी पेटकर और सेवानिवृत्त मुख्याध्यापिका की हत्या की गुत्थी ठंडे बस्ते में पड़ी है। 

Created On :   11 March 2019 10:20 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story