सतना शहर में 50 से भी ज्यादा ब्लैक स्पॉट , चिन्हित हैं  12 जानलेवा अंधे मोड़ 

More than 50 black spot in satna city, 12 are in danger mode
सतना शहर में 50 से भी ज्यादा ब्लैक स्पॉट , चिन्हित हैं  12 जानलेवा अंधे मोड़ 
सतना शहर में 50 से भी ज्यादा ब्लैक स्पॉट , चिन्हित हैं  12 जानलेवा अंधे मोड़ 

डिजिटल डेस्क,सतना। सावधानी हटी और दुर्घटना घटी...जिला मुख्यालय समेत जिले में पुलिस ने तकरीबन 100 ऐसे ब्लैक स्पॉट (दुर्घटना संभावित क्षेत्र) चिन्हित कर रखे है, जहां किसी भी वक्त बड़े सड़क हादसों की आंशका हमेशा बनी रहती है । अकेले जिला मुख्यालय में ऐसे 50 से भी ज्यादा खतरनाक मोड़ हैं। जबकि चित्रकूट-मैहर स्टेट हाइवे नंबर-11 में 12 , बेला -कटनी नेशनल हाइवे-7 में 17 और रीवा-पन्ना  एनएच-75 में 18 दुर्घटना संभावित क्षेत्र स्थित हैं।

ठीकरा एक दूसरे के सिर पर 
45 वार्डों के जिला मुख्यालय में मौजूदा समय में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) की 4 और एमपीआरडीसी की 2 सड़क हैं। शहर के अंदर सतना से सेमरिया की ओर जाने वाली बिड़ला रोड ,घूरडांग -भरजुना और बरदाडीह चौक से सगमा और सिविल लाइन से धवारी की ओर जाने वाली सड़कें जहां लोक निर्माण विभाग के पास हैं,वहीं सतना-चित्रकूट स्टेट हाइवे-11 और सर्किट हाउस से मैहर की ओर जाने वाली सड़क एमपीआरडीसी के अधिपत्य में है। शहर के अंदर शेष सड़कें नगर निगम के पास हैं। आरोप हैं कि जब इन सड़कों के ब्लैक स्पॉट पर सुरक्षा उपायों का सवाल आता है तो नगर निगम, एमपीआरडीसी और पीडब्ल्यूडी परस्पर दोष का ठीकरा एक दूसरे के सिर पर फोडऩे लगते हैं। जानकारों के मुताबिक इसमें शक नहीं कि शहर के बाहर जिले के अन्य क्षेत्रों में एमपीआरडीसी और एनएच के पीडब्ल्यूडी ने बाकायदा संकेतक लगा रखे हैं। 

मगर, गंभीर नहीं है नगर निगम
आरोप हैं कि शहर के अंदर दुर्घटना संभावित क्षेत्रों में सुरक्षा उपायों को लेकर नगर निगम प्रशासन गंभीर नहीं है। मिसाल के तौर पर व्यस्ततम स्टेशन रोड पर अस्पताल मोड़, सिटी कोतवाली से कलेक्ट्रेट के बीच प्रेमनगर मोड़, गौशाला तिराहा, धवारी तिराहा, स्काटलैंड रोड पर राजेन्द्रनगर से स्टेशन मोड़, स्टेशन परिसर पर मालगोदाम मोड़ के ब्लैक स्पॉट पर अक्सर सड़क हादसे आम खतरे हो चुके हैं। मगर, इन दुर्घटन संभावित क्षेत्रों पर हादसों के बाद भी निगम प्रशासन ने कभी गंभीरता नहीं दिखाई है। 

क्या,कहती है सरकारी रिपोर्ट 
जिला मुख्यालय समेत जिले में हर साल ब्लैक स्पॉट को चिन्हित करने का जिम्मा पुलिस के पास है। पुलिस अपनी रिपोर्ट सभी संबंधितों विभागों को सौंप कर ध्यान आकर्षित करती है। रिपोर्ट का आधार सड़क हादसे और उसकी भौतिक स्थिति पर होती है। वर्ष 2017-2018 की पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक जिले में स्टेट और नेशनल हाइवे पर ब्लैक स्पाट की स्थिति भयावह है। 
 

Created On :   16 April 2019 7:37 AM GMT

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