मध्य प्रदेश के 13 जिलों में सामान्य से अधिक बारिश, भोपाल में सबसे अधिक

More than normal rainfall in 13 districts of Madhya Pradesh
मध्य प्रदेश के 13 जिलों में सामान्य से अधिक बारिश, भोपाल में सबसे अधिक
मध्य प्रदेश के 13 जिलों में सामान्य से अधिक बारिश, भोपाल में सबसे अधिक
हाईलाइट
  • 1 जून से 31 जुलाई तक प्रदेश में 430 मिमी बारिश हो चुकी है
  • 31 जिलों में सामान्य एवं 07 जिलों में सामान्य से कम वर्षा हुई
  • राजधानी भोपाल में अब तक 456.6 मिमी बारिश हो चुकी है

डिजिटल डेस्क, भोपाल। जून माह के अंतिम दिनों में हुई झमाझम बारिश ने मध्यप्रदेश में अब तक की सामान्य बारिश का कोटा पूरा कर दिया है। बीते छ दिनों से सक्रिय मानसून के चलते प्रदेश के 13 जिलों में सामान्य से अधिक बारिश हुई है। वहीं 31 जिलों में सामान्य एवं 07 जिलों में सामान्य से कम वर्षा हुई है। मौसम विभाग के अनुसार 1 जून से 31 जुलाई तक प्रदेश में 430 मिमी बारिश हो चुकी है, जबकि सामान्य बारिश का कोटा 432.1 मिमी है।

बात करें प्रदेश में सर्वाधिक बारिश वाले क्षेत्र की तो राजधानी भोपाल का नाम सबसे ऊपर है, मौसम विभाग के अनुसार यहां अब तक 456.6 मिमी बारिश हो चुकी है, जो कि 743 मिमी यानी 63% ज्यादा है। वहीं सबसे कम बारिश सीधी जिले में दर्ज हुई है।

यहां हुई सामान्य से अधिक वर्षा
सामान्य से अधिक वर्षा वाले जिले भोपाल, रतलाम, शाजापुर, मंदसौर, नीमच, खण्डवा, सीहोर, इंदौर, श्योपुरकलां, बुरहानपुर, उज्जैन, झाबुआ और उमरिया हैं। सामान्य वर्षा वाले जिले बड़वानी, भिण्ड, राजगढ़, मुरैना, रायसेन, देवास, दतिया, दमोह, नरसिंहपुर, आगर-मालवा, सिंगरौली, हरदा, धार, बैतूल, शिवपुरी, डिण्डोरी, मण्डला, ग्वालियर, खरगोन, होशंगाबाद, अशोकनगर, जबलपुर, रीवा, टीकमगढ़, गुना, अलीराजपुर, कटनी, सतना, अनूपपुर, विदिशा और सागर शामिल हैं। 

इन क्षेत्रों में सामान्य बारिश
वहीं सामान्य बारिश वाले क्षेत्रों में सिवनी, छतरपुर, शहडोल, पन्ना, बालाघाट, छिन्दवाड़ा और सीधी जिलों में सामान्य से कम वर्षा मापी गई। इस अवधि में भोपाल, रायसेन, हरदा और होशंगाबाद जिला शामिल हैं, जहां 50 मिमी से अधिक वर्षा दर्ज की गई।

मौसम विभाग के अनुसार मध्यप्रदेश में भोपाल के मौसम को प्रभावित करने वाले कारक 
1.
कम दबाव का क्षेत्र उत्तर पूर्व मध्य प्रदेश एवं उससे लगे क्षेत्र में बना हुआ है साथ ही साथ हवा के ऊपरी भाग में 4.5 किलोमीटर तक की ऊंचाई तक है जो ऊंचाई के साथ दक्षिण दिशा की ओर झुका है।
2. मानसून द्रोणिका मीन सी लेवल पर फलोदी अजमेर गुना उत्तर पूर्व मध्य प्रदेश से डाल्टनगंज जमशेदपुर दीघा से बंगाल की खाड़ी तक बना हुआ है जो 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई तक है।
3. एक द्रोणिका गुजरात से झारखंड तक बना हुआ है जो उत्तर पूर्व मध्य प्रदेश से होकर गुजर रही है जिसकी ऊंचाई 3.1 किलोमीटर है।

 
 

Created On :   1 Aug 2019 7:43 AM GMT

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