महाराष्ट्र कांग्रेस एससी इकाई का हुआ पुनर्गठन, मेश्राम बने नागपुर विभाग उपाध्यक्ष

Reconstitution of Maharashtra congress SC unit, Meshram became Nagpurs vice-president
महाराष्ट्र कांग्रेस एससी इकाई का हुआ पुनर्गठन, मेश्राम बने नागपुर विभाग उपाध्यक्ष
महाराष्ट्र कांग्रेस एससी इकाई का हुआ पुनर्गठन, मेश्राम बने नागपुर विभाग उपाध्यक्ष

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अनुसूचित जाती विभाग ने महाराष्ट्र की एससी इकाई का पुनर्गठन किया है। इसमें संजय मेश्राम को नागपुर विभाग का उपाध्यक्ष और गौतम अरकाडे को नागपुर क्षेत्र का उपाध्यक्ष बनाया गया है। वहीं पवन मोरे को नागपुर और वर्धा का समन्वयक के तौर पर जिम्मेदारी दी गई है। एससी विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ नितिन राउत ने मंगलवार को कुल 37 पदाधिकारियों की विभिन्न पदों पर नियुक्ति की है। इनमें नौ उपाध्यक्ष और 28 को विभिन्न जिले के समन्वयक की जिम्मेदारी दी गई है। एससी विभाग की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार राहुल दिघे, उपाध्यक्ष (नासिक विभाग), मनीष वाघमारे, उपाध्यक्ष (पुणे विभाग), राजाराम भाला और प्रशांत पवार उपाध्यक्ष (औरंगाबाद विभाग), महेश मेंढे और अश्विनी खोब्रागडे, उपाध्यक्ष (अमरावती विभाग) और संजय रत्नपारखी को कोंकण विभाग का उपाध्यक्ष बनाया गया है। 

भाजपा को फायदा पहुंचाते हैं ओवैसी : कांग्रेस

ओवैसी को हैदराबाद से भगाने संबंधी उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आादित्यनाथ के बयान के बाद भले ही भाजपा और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम आमने-सामने हैं तो कांग्रेस भी ओवैसी पर रहम करती नहीं दिख रही है। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि एआईएमआईएम चुनावों में भाजपा और टीआरएस को फायदा पहुंचाने का काम करती है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने पूछा कि ओवैसी की पार्टी तेलंगाना में सिर्फ आठ विधानसभा सीट पर क्यों चुनाव लड़ रही है, जबकि वहीं उसका वजूद है? उन्होने कहा कि असदुद्दीन ओवैसी तेलंगाना में तो महज आठ उम्मीदवार उतारते हैं, परंतु महाराष्ट्र में दो दर्जन से ज्यादा उम्मीदवार खड़े करते हैं।

बता दें कि एआईएमआईएम  ने 2014 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 24 उम्मीदवार उतारे थे, जिसमें दो सीटों पर उसे जीत मिली थी। सिब्बल का कहना है कि महाराष्ट्र में ओवैसी ने ज्यादा सीटों पर प्रत्याशी उतारकर धर्मनिरपेक्ष मतों का बंटवारा किया जिसका फायदा भाजपा को मिला तो वहीं तेलंगाना में कम सीटों पर चुनाव लड़कर वह टीआरएस को जिताने में जुटे हैं। हालांकि सिब्बल ने ओवैसी को हैदराबाद से भगाने वाले बयान पर योगी को आड़े हाथ लिया और कहा कि लोकतंत्र में इस तरह की भाषा की कोई जगह नहीं है।

Created On :   4 Dec 2018 2:32 PM GMT

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