रोटा का नियमित टीकाकरण से ही थमेगी बालमृत्यु

Rota virus vaccination will be protected to the children
रोटा का नियमित टीकाकरण से ही थमेगी बालमृत्यु
रोटा का नियमित टीकाकरण से ही थमेगी बालमृत्यु

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  रोटा वायरस भी खतरनाक हो सकता है। आमतौर पर रोटा वायरस विषाणु के संक्रमण से बच्चों में दस्त और उल्टी की शिकायत होती है। यह ऊपरी तौर पर भले ही सामान्य बीमारी लगती है, लेकिन इसके गंभीर परिणाम देखने को मिले हैं। समय पर और सही उपचार नहीं मिलने से बच्चे की मौत भी हो सकती है। रोटा वायरस विषाणु के संक्रमण से देश में हर वर्ष 78 हजार बालमृत्यु होती है। इसमें से 59 हजार बालमृत्यु उम्र की 2 वर्ष में होती है। इसे रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने रोटा वायरस के टीके का नियमित टीकाकरण में शामिल किया है।

पानी और क्षार कम होने का खतरा
बच्चों में दस्त की शिकायत होने का सबसे बड़ा कारण रोटा वायरस है। बार-बार दस्त होने से शरीर में पानी और क्षार का प्रमाण कम हो जाता है। उपचार नहीं मिलने पर गंभीर मोड़ लेकर बालक की मौत भी हो सकती है। इस संक्रमण से बचने के लिए रोटा वायरस टीका प्रभावी प्रतिबंधक उपाय है। 

बालमृत्यु रोकने उठाए कदम
रोटा वायरस के संक्रमण से बाल मृत्यु एक गंभीर समस्या है। इस समस्या को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने रोटा वायरस का टीका नियमित टीकाकरण में शामिल करने का सकारात्मक कदम उठाया गया है। - अंकुश केदार, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद

टीका लगाने पर यह संभावना
बालक को टीका लगाने पर दस्त, उल्टी, खांसी, सर्दी, चिड़चिड़ापन आदि लक्षण दिखाई दे सकते हैं। इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है। कुपोषित बालकों को दस्त की शिकायत होने पर उसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ते हैं, इसलिए रोटा वायरस का टीका लेना अत्यावश्यक है।- डॉ. श्रीराम गोगुलवार, प्रधानाचार्य, परिवार कल्याण प्रशिक्षण दल

साढ़े तीन महीने तक 3 टीके
रोटा वायरस के बालक को 3 टीके दिए जाते हैं। पहला टीका डेढ़ महीने की उम्र में दिया जाता है। दूसरा और तीसरा टीका ढाई और साढ़े महीने की उम्र में दिया जाता है। तीनों टीके बालक को मुंह से दिए जाते हैं। सभी सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध कराए गए हैं।

टीका पूरी तरह सुरक्षित
रोटा वायरस के संक्रमण से बालकों में दस्त की शिकायत होती है। यह एक गंभीर समस्या है। इसे रोकने के लिए टीका लगाने पर कुछ सौम्य लक्षण दिखाई देने की संभावना रहती है, परंतु टीका पूरी तरह सुरक्षित है। इससे घबराने की जरूरत नहीं है।- डॉ. दीपक सेलोकर, जिला स्वास्थ्य अधिकारी

Created On :   13 May 2019 10:14 AM GMT

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