सतना जिले की 10 तहसीलें जल अभावग्रस्त घोषित - नलकूप खनन पर प्रतिबंध

District Mineral Fund is not being used in Gadchiroli!
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सतना जिले की 10 तहसीलें जल अभावग्रस्त घोषित - नलकूप खनन पर प्रतिबंध

डिजिटल डेस्क,सतना। जिले की सभी 10 तहसीलों को जल अभावग्रस्त घोषित कर दिया गया है। कलेक्टर डॉ. सतेन्द्र सिंह नलकूप खनन पर प्रतिबंध लगा दिया है जबकि नदी-तालाबों के पानी का इस्तेमाल सिर्फ पीने के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा। गौरतलब है कि वर्ष 2018-19 में अनियमित एवं अल्पवर्षा तथा पर्याप्त शीतकालीन वर्षा न होने से रबी की फसल की सिंचाई के लिए भूजल का अतिदोहन किए जाने के कारण भूजल स्तर बेहद नीचे खिसक गया है। यही वजह है कि आगामी ग्रीष्मऋतु में संभावित पेयजल संकट की स्थिति को देखते हुए आम जनता एवं पशुधन के लिए पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए मप्र पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 की धारा (3) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए सम्पूर्ण जिले की तहसीलों को 30 जून तक के लिए जल अभावग्रस्त घोषित कर दिया है।
सिंचाई भी न कर सकेंगे
कलेक्टर ने राजस्व सीमाओं के अंर्तगत तहसील रघुराजनगर, मझगवां, नागौद, उचेहरा, मैहर, अमरपाटन, रामनगर, कोटर, बिरसिंहपुर एवं रामपुर बघेलान के ग्रामीण तथा नगरी क्षेत्रों को जल अभावग्रस्त किए जाने की घोषणा की है। इस अधिनियम की धारा 6 (1) के तहत आदेशित किया गया है कि सक्षम अधिकारी की पूर्व लिखित अनुमति के बिना व्यक्तिगत नवीन नलकूपों के उत्खनन पर पूर्णत: प्रतिबंध रहेगा और जिले की सभी नदी, नालों एवं स्टापडैम्स से पेयजल को छोड़कर अन्य प्रयोजनं जैसे निर्माण कार्य एवं फसल सिंचाई के लिए पानी लेना प्रतिबंधित रहेगा।
लघु सिंचाई परियोजना पर लागू नहीं
यह प्रतिबंध जिला जल उपभोक्ता संस्था द्वारा जल संसाधन विभाग के माध्यम से लघु सिंचाई परियोजनाओं के तहत की जाने वाली सिंचाई पर लागू नहीं होगा। संबंधित अनुविभाग के अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) को अधिनियम के प्रयोजनों एवं इस आदेश के क्रियान्वयन के लिए प्राधिकृत किया गया है। इस आदेश का उल्लघंन भारतीय दण्ड संहिता की धारा 188 एवं मप्र पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 के तहत दण्डनीय होगा।

 

Created On :   11 March 2019 8:02 AM GMT

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