शंकरघाट स्थित प्राचीन मंदिर में निर्मित आश्रय स्थल तोड़े जाने पर श्रद्धालुओं में आक्रोश

Sheltered site in temple at shankarghat was broken devotees angry
शंकरघाट स्थित प्राचीन मंदिर में निर्मित आश्रय स्थल तोड़े जाने पर श्रद्धालुओं में आक्रोश
शंकरघाट स्थित प्राचीन मंदिर में निर्मित आश्रय स्थल तोड़े जाने पर श्रद्धालुओं में आक्रोश

डिजिटल डेस्क,बालाघाट। शंकरघाट में एक प्राचीन मंदिर में निर्माणाधीन आश्रय स्थल  तुड़वा दिये जाने से स्थानीय लोगों में काफी आक्रोश व्याप्त है । जानकारी के अनुसार मंदिर में होने वाले कार्यक्रम और सत्संग एवं पर्यटन के हिसाब से आने वाले श्रद्धालुओं  के लिए कुटीर का निर्माण किया जा रहा था। आरोपित है कि इस कार्य को वन विभाग शासन से भारी भरकम बजट प्राप्त करने के बाद भी सही ढंग से नही बना पाता। बालाघाट के वन्य प्रेमी एवं मंदिर समिति के धर्मावलंबियों ने शंकरघाट को लगभग एक दशक के भीतर पर्यावरण को सुरक्षित रखते हुए सुन्दर बना दिया है । यहां  प्राचीन सिध्दपीठ माने जाने वाले शंकर मंदिर  के दर्शन करने  पिकनिक मनाने एवं नदी तट पर अपना समय व्यतीत करने के लिए आने वाले  सैलानियों को राहत देने के लिए श्रीराम मंदिर समिति बालाघाट के अध्यक्ष सुरेश सोनी एवं नगरवासियों के द्वारा शंकर मंदिर परिसर में खुली जगह पर कुटी का निर्माण कराया जा रहा था । उक्त कुटी को शिवरात्रि के दिन उक्त निर्माणाधीन कुटिया को जेसीबी मशीन लगाकर वन विभाग द्वारा  ध्वस्त कर दिया गया जिसको लेकर इको पर्यटक एवं प्राचीन मंदिर के भक्तजनो में तीव्र आक्रोश व्याप्त है।
विरोध दर्ज कराने को लेकर हुई बैठक  
इसी तारतम्य में हिन्दूसंगठनों की बैठक सोमवार 11 मार्च को शहर के काली पुतली चौक स्थित हनुमान मंदिर में आयोजित की गई । श्रीराम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सुरेश सोनी,  चेंबर ऑफ कामर्स पदाधिकारी महेन्द्र सुराना, विहिप जिलाध्यक्ष हीरासिंघ भाटिया, योग प्रशिक्षक सुरजीतसिंह ठाकुर, बजरंग दल क्षेत्रीय संयोजक ललित पारधी, आरएसएस पदाधिकारी वैभव कश्यप, श्याम कौशल, दिलीप चौरसिया, संजय खंडेलवाल, श्री तिवारी, राजेश वर्मा, चंदर दमाहे, अनिमेष खरे, प्रज्जवल चौरसिया सहित हिन्दू समाज संगठन के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता उपस्थित थे।
निंदा प्रस्ताव हुआ पारित
 निर्माण कार्य को तोड़े जाने के खिलाफ  हिन्दू समाज संगठन ने सर्वसम्मति से निंदा प्रस्ताव पारित कर सीसीएफ मीणा को हटाये जाने एवं उनके द्वारा मंदिर पुजारी से की गई अभद्रता पर माफी मांगने की मांग की है। संगठन ने मांग पूरी न होने पर आंदोलन की चेतावनी भी दी है।
इनका कहना है....
वन विभाग की भूमि पर निजी लोगों द्वारा पक्का निर्माण कराया जा रहा था उसे हमने शासन के नियम के तहत हटवाया है।
मोहन मीणा, सीसीएफ

Created On :   11 March 2019 2:18 PM GMT

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